श्रीनगर : केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को कोरोना लॉकडाउन के दौरान प्रभावित हुए कारोबारी क्षेत्र के लिए 1,350 करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की. इसका उद्देश्य कारोबार को पुनर्जीवित करना है.
उपराज्यपाल सिन्हा ने 12 दिन पहले अपने सलाहकार केके शर्मा के नेतृत्व में एक समिति गठित की थी. समिति ने अपनी रिपोर्ट में आर्थिक पैकेज की सिफारिश की थी.
सिन्हा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि प्रशासन ने नए आर्थिक पैकेज में कई अहम निर्णय लिए हैं. कारोबारी क्षेत्र पिछले लगभग 20 वर्षों से पीड़ित हैं, हमने सभी व्यवसायों के लिए बिना किसी भेदभाव के ब्याज पर पांच प्रतिशत अनुदान देने का फैसला किया है, चाहे वह छोटे, मध्यम या भारी व्यवसाय हों. यह अभूतपूर्व है.
सिन्हा ने कहा कि अन्य प्रशासनिक कदम उठाए गए हैं, जो लोगों, व्यापारियों, उद्योग या पर्यटन से जुड़े लोग और अन्य हितधारकों को बड़े पैमाने पर लाभ होगा.
उपराज्यपाल ने कहा हमने कारोबारी समुदाय से प्रत्येक उधार लेने वालों को चालू वित्त वर्ष में छह महीने तक बिना किसी शर्त के पांच प्रतिशत ब्याज सबवेंशन (अनुदान) देने का फैसला किया है. यह एक बड़ी राहत होगी और यहां रोजगार पैदा करने में मदद मिलेगी.
सिन्हा ने कहा कि हथकरघा और हस्तशिल्प क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए इन उद्योगों में काम करने वाले लोगों के लिए क्रेडिट कार्ड स्कीम के तहत अधिकतम सीमा एक लाख रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये तक करने का फैसला किया गया है. उन्हें सात प्रतिशत ब्याज अनुदान भी दिया जाएगा.
उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर बैंक एक अक्टूबर से युवा और महिला उद्यमियों के लिए एक विशेष डेस्क शुरू करेगा.
उपराज्यपाल ने कहा कि सरकार ने औद्योगिक और वाणिज्यिक के लिए निर्धारित मांग शुल्क पर पानी और बिजली के संबंध में एक साल के लिए 50 प्रतिशत माफ करने का फैसला किया है. जिससे प्रशासन पर लगभग 105 करोड़ रुपये का वित्तीय भार पड़ेगा.
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उन्होंने कहा कि सभी कर्जदारों के मामले में मार्च 2021 तक स्टैंप ड्यूटी में छूट दी गई है. पर्यटन क्षेत्र में लोगों को वित्तीय सहायता के लिए जम्मू-कश्मीर बैंक द्वारा अनुकूलित स्वास्थ्य-पर्यटन योजना की स्थापना की गई है. इससे अच्छा मूल्य निर्धारण और पुनर्भुगतान विकल्प मिलेगा.
जम्मू-कश्मीर शासन द्वारा की गई घोषणा का व्यापारियों ने स्वागत किया है और इसे एक अच्छी शुरुआत बताया है.
ईटीवी भारत से बात करते हुए कश्मीर ट्रेडर्स एंड मैन्युफैक्चरर्स फेडरेशन के चेयरमैन यासीन खान ने कहा हमने कई बार जम्मू-कश्मीर प्रशासन और केंद्र सरकार से मुलाकात की थी और केवल व्यापारियों के लिए 1500 करोड़ रुपये के पैकेज की मांग की थी, जिनका कारोबार लॉकडाउन में ठप हो गया था. यह घोषणा एक अच्छी शुरुआत है.
पिछले साल पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद किए गए शटडाउन और कोरोना लॉकाडउन से जम्मू-कश्मीर के आर्थिक और व्यापारिक क्षेत्र को भारी नुकसान पहुंचा था.