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रक्षा सौदा भ्रष्टाचार केस में जया जेटली की सजा पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई

रक्षा सौदा भ्रष्टाचार केस में जया जेटली की सजा पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. इससे पहले रक्षा सौदा भ्रष्टाचार मामले में दिल्ली की एक कोर्ट ने समता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष जया जेटली समेत तीन दोषियों को चार-चार साल की कैद की सजा सुनाई.

जया जेटली सहित तीन आरोपियों को चार साल की कैद
जया जेटली सहित तीन आरोपियों को चार साल की कैद
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Published : Jul 30, 2020, 2:57 PM IST

Updated : Jul 30, 2020, 5:00 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2000-01 भ्रष्टाचार मामले में समता पार्टी की पूर्व अध्यक्ष जया जेटली को ट्रायल कोर्ट द्वारा दी गई सजा पर रोक लगा दी है. इससे पहले दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने साल 2000 में एक पोर्टल के स्टिंग ऑपरेशन वेस्ट एंड के मामले में दोषी करार देते हुए जया जेटली समेत तीन दोषियों को चार-चार साल की सजा सुनाई थी.

मामले में सुनवाई करने वाले स्पेशल जज वीरेंद्र भट्ट ने पिछले 29 जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया था. अदालत की सुनवाई बंद कमरे में हुई. तीनों दोषियों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था और उन्हें आज शाम पांच बजे तक आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया गया था.

तीनों आरोपियों को हाथ से चलाए जाने वाले थर्मल इमेजर्स की कथित खरीद के मामले में भ्रष्टाचार तथा आपराधिक साजिश रचने का दोषी पाया गया था.

जया जेटली को चार साल की जेल

जया जेटली समेत तीन को सजा मिली
सुनवाई के दौरान सीबीआई ने जया जेटली समेत तीन आरोपियों को इस आरोप की अधिकतम सात साल की कैद की सजा देने की मांग की थी. सीबीआई ने कहा था कि आरोप काफी गंभीर हैं इसलिए आरोपी के साथ कड़ाई से पेश आना चाहिए. आरोपियों की ओर से पेश वकील ने जया जेटली की उम्र का हवाला देते हुए कम से कम सजा देने की मांग की थी.

कोर्ट ने पाया था भ्रष्टाचार का दोषी

बता दें कि पिछले 21 जुलाई को कोर्ट ने जया जेटली समेत तीन आरोपियों को रक्षा सौदों में भ्रष्टाचार का दोषी करार दिया था. कोर्ट ने जया जेटली के अलावा गोपाल के पचेरवाल और रिटायर्ड मेजर जनरल एसपी मुरगई को दोषी करार दिया था.

तीनों को दोषी ठहराते हुए अदालत ने कहा था कि उन्होंने सुरेंद्र कुमार सुरेखा (बाद में गवाह बन गए) के साथ मिलकर दिल्ली में दिसंबर 2000 और जनवरी 2001 के बीच आपराधिक साजिश की .

अदालत ने कहा कि जेटली को एक फर्जी कंपनी वेस्टलैंड इंटरनेशनल के प्रतिनिधि मैथ्यू सैमुअल से दो लाख रुपये की अवैध रकम मिली और मुरगई को 20,000 रुपये मिले.

ऑपरेशन वेस्ट एंड नामक स्टिंग के आधार पर दर्ज हुआ था केस

ये मामला साल 2000 का है. उस समय तहलका डॉट कॉम ने ऑपरेशन वेस्ट एंड नामक स्टिंग के आधार पर केस दर्ज किया गया था. सीबीआई ने इस मामले में 2006 में चार्जशीट दाखिल की था. इसके बाद कोर्ट ने 2012 में तीनों आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए थे. कोर्ट ने तीनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 9 के तहत आरोप तय किए थे.

बंगारु लक्ष्मण को मिली थी क्लीन चिट
इस स्टिंग के आने के बाद से राजनीतिक हलकों में काफी बवाल मचा था. इस स्टिंग की वजह से तत्कालीन रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडीस को तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार से इस्तीफा देना पड़ा था. इस मामले में बीजेपी के तत्कालीन अध्यक्ष बंगारु लक्ष्मण का भी नाम आया था लेकिन उन्हें एक जांच कमेटी ने क्लीन चिट दे दी था.

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2000-01 भ्रष्टाचार मामले में समता पार्टी की पूर्व अध्यक्ष जया जेटली को ट्रायल कोर्ट द्वारा दी गई सजा पर रोक लगा दी है. इससे पहले दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने साल 2000 में एक पोर्टल के स्टिंग ऑपरेशन वेस्ट एंड के मामले में दोषी करार देते हुए जया जेटली समेत तीन दोषियों को चार-चार साल की सजा सुनाई थी.

मामले में सुनवाई करने वाले स्पेशल जज वीरेंद्र भट्ट ने पिछले 29 जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया था. अदालत की सुनवाई बंद कमरे में हुई. तीनों दोषियों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था और उन्हें आज शाम पांच बजे तक आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया गया था.

तीनों आरोपियों को हाथ से चलाए जाने वाले थर्मल इमेजर्स की कथित खरीद के मामले में भ्रष्टाचार तथा आपराधिक साजिश रचने का दोषी पाया गया था.

जया जेटली को चार साल की जेल

जया जेटली समेत तीन को सजा मिली
सुनवाई के दौरान सीबीआई ने जया जेटली समेत तीन आरोपियों को इस आरोप की अधिकतम सात साल की कैद की सजा देने की मांग की थी. सीबीआई ने कहा था कि आरोप काफी गंभीर हैं इसलिए आरोपी के साथ कड़ाई से पेश आना चाहिए. आरोपियों की ओर से पेश वकील ने जया जेटली की उम्र का हवाला देते हुए कम से कम सजा देने की मांग की थी.

कोर्ट ने पाया था भ्रष्टाचार का दोषी

बता दें कि पिछले 21 जुलाई को कोर्ट ने जया जेटली समेत तीन आरोपियों को रक्षा सौदों में भ्रष्टाचार का दोषी करार दिया था. कोर्ट ने जया जेटली के अलावा गोपाल के पचेरवाल और रिटायर्ड मेजर जनरल एसपी मुरगई को दोषी करार दिया था.

तीनों को दोषी ठहराते हुए अदालत ने कहा था कि उन्होंने सुरेंद्र कुमार सुरेखा (बाद में गवाह बन गए) के साथ मिलकर दिल्ली में दिसंबर 2000 और जनवरी 2001 के बीच आपराधिक साजिश की .

अदालत ने कहा कि जेटली को एक फर्जी कंपनी वेस्टलैंड इंटरनेशनल के प्रतिनिधि मैथ्यू सैमुअल से दो लाख रुपये की अवैध रकम मिली और मुरगई को 20,000 रुपये मिले.

ऑपरेशन वेस्ट एंड नामक स्टिंग के आधार पर दर्ज हुआ था केस

ये मामला साल 2000 का है. उस समय तहलका डॉट कॉम ने ऑपरेशन वेस्ट एंड नामक स्टिंग के आधार पर केस दर्ज किया गया था. सीबीआई ने इस मामले में 2006 में चार्जशीट दाखिल की था. इसके बाद कोर्ट ने 2012 में तीनों आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए थे. कोर्ट ने तीनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 9 के तहत आरोप तय किए थे.

बंगारु लक्ष्मण को मिली थी क्लीन चिट
इस स्टिंग के आने के बाद से राजनीतिक हलकों में काफी बवाल मचा था. इस स्टिंग की वजह से तत्कालीन रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडीस को तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार से इस्तीफा देना पड़ा था. इस मामले में बीजेपी के तत्कालीन अध्यक्ष बंगारु लक्ष्मण का भी नाम आया था लेकिन उन्हें एक जांच कमेटी ने क्लीन चिट दे दी था.

Last Updated : Jul 30, 2020, 5:00 PM IST
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