नई दिल्ली: मुंबई मेट्रो के लिए आरे कॉलोनी में पेड़ काटे जाने को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है. केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि जब दिल्ली मेट्रो का पहला स्टेशन बनाया गया था, तब भी 20-25 पेड़ों की कटाई की गई थी. उन्होंने कहा कि बॉम्बे हाई कोर्ट ने आरे कॉलोनी को जंगल नहीं माना है.
मुंबई में बढ़ते विरोध प्रदर्शन के बीच केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दिल्ली में 271 मेट्रो स्टेशन बनाए गए और इसके साथ ही पेड़ों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है. यह भी विकास और प्रकृति को संपन्न बनाने का जरिया है.
उन्होंने आगे कहा, 'बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि यह कॉलोनी जंगल नहीं है. दिल्ली मेट्रो का पहला स्टेशन बनाने के लिए 20-25 पेड़ काट गए थे, तब भी लोगों ने विरोध किया था, लेकिन एक पेड़ काटने के साथ ही पांच पौधे लगाए भी गए थे. '
मेट्रो-3 के लिए कार-शेड बनाने के लिए रास्ता साफ करने को लेकर आरे कॉलोनी में पेड़ों को काटने का विरोध किए जाने के मद्देनजर मुंबई पुलिस ने निषेधाज्ञा लागू कर दी और 75 से अधिक पर्यावरण कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया. हिरासत में लिए गए लोगों में शिवसेना की नेता प्रियंका चतुर्वेदी भी शामिल हैं. जबकि आदित्य ठाकरे ने शुक्रवार देर रात से हो रही पेड़ों की कटाई की निंदा की.
कार्यकर्ताओं ने दावा किया कि बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा 2,646 पेड़ों की कटाई को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को खारिज करने के बाद पिछले 12 घंटों में 400 से अधिक पेड़ काट दिए गए हैं.
आदित्य ठाकरे ने ट्वीट किया, 'मेट्रो-3, एक परियोजना जिसे गर्व के साथ पूरा किया जाना चाहिए, इसे रात में शर्म, छल और भारी पुलिस बल की तैनाती के साथ करना पड़ता है.'
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महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने शिवसेना पर निशाना साधते हुए मराठी में ट्वीट किया, 'यह शिवसेना का समय है. आप सरकार में हैं, आप इसे रोक सकते हैं. महायुति (महागठबंधन) अधिक महत्वपूर्ण है या पेड़ों की बड़ी हानि?'
मुंबई पुलिस ने उत्तर-पश्चिम मुंबई के मरोल-मरोसी, पवई और गोरेगांव उपनगरों में आरे कॉलोनी में प्रवेश के रास्ते बंद कर दिए हैं.
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव रूबेन मस्करनहास ने कहा कि उन्हें और कई लोगों को हिरासत में लिया गया और बाद में रिहा कर दिया गया. लेकिन कई जनजातीय महिलाओं को अभी भी अलग-अलग पुलिस स्टेशनों पर हिरासत में रखा गया है.