श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को रिहा कर दिया गया है. राज्य प्रशासन में सचिव और प्रवक्ता रोहित कंसल ने पूर्व में कहा था कि पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती को रिहा किया जाएगा. बता दें कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने के बाद से ही वो नजरबंद थीं. खुद पर पीएसए लगाने को लेकर महबूबा ने विगत 10 फरवरी को ट्वीट भी किया था. उन्होंने एक पूर्व सीएम के खिलाफ जन सुरक्षा कानून (पीएसए) लगाए जाने की आलोचना की थी.
महबूबा के अलावा कई अन्य नेताओं को भी एक साल से अधिक समय तक नजरबंद रखा जा चुका है. जम्मू कश्मीर प्रशासन के सचिव रोहित कंसल ने महबूबा की रिहाई को लेकर ट्वीट कर जानकारी दी.
गौरतलब है कि महबूबा मुफ्ती को करीब 14 महीनों के बाद प्रशासन रिहा करने जा रही है. बता दें कि बीते साल अगस्त में मोदी सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटाने से पहले महबूबा मुफ्ती को नजरबंद किया गया था. इसके बाद उन्हें पीएसए कानून के तहत हिरासत में ले लिया गया था.
महबूबा की रिहाई के आदेश के बाद पूर्व सीएम उमर अबदुल्ला ने खुशी जाहिर की.
महबूबा मुफ्ती को 14 महीने के बाद नजरबंदी से रिहा किया गया. उनके खिलाफ लगाए गए पीएसए के आरोप भी निरस्त कर दिए गए. इस पर राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने भी खुशी का इजहार किया.
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की 14 महीने की लंबी नजरबंदी के बाद प्रशासन ने उनके खिलाफ कड़े सार्वजनिक सुरक्षा कानून (पीएसए) को रद्द कर दिया. उनके खिलाफ पीएसए को रद्द करने का आदेश गृह सचिव शालीन काबरा द्वारा जारी किया गया.
महबूबा को 5 फरवरी को कड़े अधिनियम के तहत नजरबंद किया गया था. महबूबा की रिहाई की पुष्टि करते हुए उनकी बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने ट्वीट किया, 'अब जबकि सुश्री मुफ्ती की नजरबंदी समाप्त कर दी गई है. मैं उन सभी का शुक्रिया अदा करना चाहती हूं, जिन्होंने इन कठिन समय में मेरा समर्थन किया. मैं आप सभी का आभार व्यक्त करती हूं. अब मैं इल्तिजा आपसे विदा लेती हूं. अल्लाह आपकी रक्षा करें.
उच्चतम न्यायालय में उन्हें हिरासत में रखने से जुड़े मामले पर अगली सुनवाई होने से महज दो दिन पहले यह कदम उठाया गया है. उपायुक्त ने आदेश दिया कि तत्काल प्रभाव से महबूबा से पीएसए हटाया जाए. उनकी हिरासत इस साल 31 जुलाई को तीन महीने के लिए बढ़ा दी गयी थी.
महबूबा को पिछले साल पांच अगस्त को पहले एहतियाती हिरासत में रखा गया था और बाद में छह फरवरी को उन पर कठोर पीएसए कानून लगा दिया गया था. उन्हें सात अप्रैल को उनके सरकारी निवास में ले जाया गया जिसे प्रशासन ने पहले उप-जेल घोषित किया था.
महबूबा की रिहाई के बाद इल्तिजा ने खुशी प्रकट करते हुए अन्य लोगों की रिहाई की भी आशा जाहिर की. उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश और उसके बाहर विभिन्न जेलों में साल भर से रखे गए युवा भी शीघ्र ही रिहा किए जाएं, ऐसी कामना है.