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भारत-श्रीलंका कोविड-19 के बाद सहयोग को लेकर आशान्वित : जयशंकर

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Published : Jan 6, 2021, 6:17 PM IST

Updated : Jan 6, 2021, 7:26 PM IST

विदेश मंत्री एस जयशंकर श्रीलंका के तीन दिवसीय दौरे पर हैं. दोनों देशों की ओर से जारी साझा बयान में कहा गया है कि भारत-श्रीलंका एकता, स्थिरता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध हैं. जयशंकर ने श्रीलंकाई राष्ट्रपति गोटाबया राजपक्षे से भी मुलाकात की.

जयशंकर
jaishankar

नई दिल्ली : श्रीलंका के विदेश मंत्री दिनेश गुणवर्धन के साथ संयुक्त रूप से मीडिया को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि कोविड महामारी ने दोनों देशों को और करीब से काम करने का मौका दिया है.

जयशंकर ने कहा कि 'कोरोना वायरस महामारी का भारत-श्रीलंका के संबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा है और दोनों देश कोविड-19 के बाद सहयोग को लेकर आशान्वित हैं. वास्तविकता यह है कि पिछले एक साल में उच्च स्तर पर संपर्क बना रहा और वह पहले से मजबूत हुआ है.'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के बीच सितंबर में हुई ऑनलाइन बैठक का हवाला देते हुए जयशंकर ने कहा, 'इसने हमारे द्विपक्षीय संबंधों पर कोई असर नहीं डाला है और हमारे प्रधानमंत्रियों के बीच पिछले साल हुई ऑनलाइन बैठक इन संबंधों पर मुहर थी.'

  • Thank FM @DCRGunawardena for his invitation and hospitality. Appropriate that Sri Lanka is my first visit in 2021. Reviewed our cooperarion and will work closely to fulfil the vision of our leaders. pic.twitter.com/x1JLQWfBS8

    — Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) January 6, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उन्होंने कहा, 'अब हम कोविड के बाद सहयोग को लेकर उत्साहित हैं और भारत से टीका प्राप्त करने के श्रीलंका के हित को अपने ध्यान में रख रहे हैं.' जयशंकर के साथ कोलंबो में बैठक के दौरान श्रीलंका की सरकार ने औपचारिक रूप से कोविड टीके के लिए भारत की सहायता मांगी है.

विदेश मंत्री ने भारत से टीका प्राप्त करने के श्रीलंका के हित के बारे में भी चर्चा की. यह आश्वासन देते हुए कि श्रीलंका के लिए भारत 'भरोसेमंद और विश्वसनीय साझेदार है' जयशंकर ने कहा कि देश 'परस्पर हित, परस्पर विश्वास, परस्पर सम्मान और परस्पर संवेदनशीलता' के आधार पर द्वीपीय देश के साथ अपने संबंधों को मजबूत बनाने के पक्ष में है.

उन्होंने रेखांकित किया कि पड़ोसी देश फिलहाल कोविड-19 के बाद की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. जयशंकर ने कहा, 'यह सिर्फ जन स्वास्थ्य का मुद्दा नहीं है बल्कि आर्थिक संकट की स्थिति भी है.'

उन्होंने श्रीलंकाई राष्ट्रपति गोटाबया राजपक्षे से मुलाकात की. जयशंकर ने ट्विटर पर लिखा कि 'राष्ट्रपति गोटाबया को पीएम मोदी की ओर से बधाई दी. कोरोना को लेकर आर्थिक सुधार के लिए सहयोग पर चर्चा की. भारत श्रीलंका के विकास में एक विश्वसनीय भागीदार होगा.'

जयशंकर ने दोनों देशों के बीच समुद्री सहयोग और सुरक्षा पर भी जोर दिया. गौरतलब है कि श्रीलंका के तमिल अल्पसंख्यक भारतीय राज्य तमिलनाडु के बड़ा मुद्दा हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने समकक्ष महिंदा राजपक्षे के साथ शिखर सम्मेलन में उसका मुद्दा उठाया था.

पढ़ें- समुद्री सुरक्षा सहयोग : भारत, श्रीलंका और मालदीव में बनी सहमति

इस साल जयशंकर की पहली विदेश यात्रा

श्रीलंका के विदेश मंत्री गुणवर्धन के न्योते पर जयशंकर पांच से सात दिसंबर तक तीन दिनों की यात्रा पर यहां आए हैं. यह 2021 में उनकी पहली विदेश यात्रा है. साथ ही वह नये साल में श्रीलंका आने वाली पहली विदेशी हस्ती हैं.

नई दिल्ली : श्रीलंका के विदेश मंत्री दिनेश गुणवर्धन के साथ संयुक्त रूप से मीडिया को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि कोविड महामारी ने दोनों देशों को और करीब से काम करने का मौका दिया है.

जयशंकर ने कहा कि 'कोरोना वायरस महामारी का भारत-श्रीलंका के संबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा है और दोनों देश कोविड-19 के बाद सहयोग को लेकर आशान्वित हैं. वास्तविकता यह है कि पिछले एक साल में उच्च स्तर पर संपर्क बना रहा और वह पहले से मजबूत हुआ है.'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के बीच सितंबर में हुई ऑनलाइन बैठक का हवाला देते हुए जयशंकर ने कहा, 'इसने हमारे द्विपक्षीय संबंधों पर कोई असर नहीं डाला है और हमारे प्रधानमंत्रियों के बीच पिछले साल हुई ऑनलाइन बैठक इन संबंधों पर मुहर थी.'

  • Thank FM @DCRGunawardena for his invitation and hospitality. Appropriate that Sri Lanka is my first visit in 2021. Reviewed our cooperarion and will work closely to fulfil the vision of our leaders. pic.twitter.com/x1JLQWfBS8

    — Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) January 6, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उन्होंने कहा, 'अब हम कोविड के बाद सहयोग को लेकर उत्साहित हैं और भारत से टीका प्राप्त करने के श्रीलंका के हित को अपने ध्यान में रख रहे हैं.' जयशंकर के साथ कोलंबो में बैठक के दौरान श्रीलंका की सरकार ने औपचारिक रूप से कोविड टीके के लिए भारत की सहायता मांगी है.

विदेश मंत्री ने भारत से टीका प्राप्त करने के श्रीलंका के हित के बारे में भी चर्चा की. यह आश्वासन देते हुए कि श्रीलंका के लिए भारत 'भरोसेमंद और विश्वसनीय साझेदार है' जयशंकर ने कहा कि देश 'परस्पर हित, परस्पर विश्वास, परस्पर सम्मान और परस्पर संवेदनशीलता' के आधार पर द्वीपीय देश के साथ अपने संबंधों को मजबूत बनाने के पक्ष में है.

उन्होंने रेखांकित किया कि पड़ोसी देश फिलहाल कोविड-19 के बाद की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. जयशंकर ने कहा, 'यह सिर्फ जन स्वास्थ्य का मुद्दा नहीं है बल्कि आर्थिक संकट की स्थिति भी है.'

उन्होंने श्रीलंकाई राष्ट्रपति गोटाबया राजपक्षे से मुलाकात की. जयशंकर ने ट्विटर पर लिखा कि 'राष्ट्रपति गोटाबया को पीएम मोदी की ओर से बधाई दी. कोरोना को लेकर आर्थिक सुधार के लिए सहयोग पर चर्चा की. भारत श्रीलंका के विकास में एक विश्वसनीय भागीदार होगा.'

जयशंकर ने दोनों देशों के बीच समुद्री सहयोग और सुरक्षा पर भी जोर दिया. गौरतलब है कि श्रीलंका के तमिल अल्पसंख्यक भारतीय राज्य तमिलनाडु के बड़ा मुद्दा हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने समकक्ष महिंदा राजपक्षे के साथ शिखर सम्मेलन में उसका मुद्दा उठाया था.

पढ़ें- समुद्री सुरक्षा सहयोग : भारत, श्रीलंका और मालदीव में बनी सहमति

इस साल जयशंकर की पहली विदेश यात्रा

श्रीलंका के विदेश मंत्री गुणवर्धन के न्योते पर जयशंकर पांच से सात दिसंबर तक तीन दिनों की यात्रा पर यहां आए हैं. यह 2021 में उनकी पहली विदेश यात्रा है. साथ ही वह नये साल में श्रीलंका आने वाली पहली विदेशी हस्ती हैं.

Last Updated : Jan 6, 2021, 7:26 PM IST
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