शिमला: हिमाचल के ठियोग उपमंडल के तहत आने वाली केलवी पंचायत की गड़ाकुफर झील में इन दिनों मछलियों के मरने का सिलसिला जारी है. एका एक मर रही इन मछलियों से स्थानीय लोग सकते में आ गए हैं.
पिछले तीन चार दिनों में इस झील में सैकड़ों मछलियां मर गई हैं जो पानी के ऊपर तैरती देखी जा सकती हैं. इन मछलियों के मरने का क्रम अभी भी जारी है और अब मरी हुई मछलियों से बाकी बची हुई मछलियों को भी खतरा पैदा हो गया है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि बिहारी मजदूरों के कारण झील में मछलियां मरी हैं. लोगों का आरोप है कि झील के आस पास रह रहे ये मजदूर साबुन और कपड़े धोने का सारा पानी झील में डालते हैं जिसकी वजह से मछलियों की मौत हो रही है.
नन्ही मछलियों के मरने की सूचना मिलते ही गांव के प्रधान कमलेश शर्मा ने झील का दौरा किया और मत्स्य विभाग के कर्मचारियों को इसकी सूचना दी. इसके बाद मत्स्य विभाग के कर्मचारियों ने मौके पर अपने कर्मचारियों को भेज कर स्थानीय लोगों को झील की साफ सफाई करने को कहा.
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बता दें कि झील में लोग मछलियों को आटा खिलाना धर्म और आस्था का प्रतीक मानते हैं और ऐतिहासिक झील का एक महीने पहले ही नवनिर्वाचित सांसद सुरेश कश्यप ने लोकार्पण किया था. साथ ही मछलियों को आटा भी खिलाया था.