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हिमाचल की झील में मर रही हैं सैकड़ों मछलियां, मत्स्य विभाग से मदद की अपील - केलवी पंचायत

शिमला की गड़ाकुफर झील में गंदे पानी की वजह से सैकड़ों मछलियों की मौत हो रही है. लोगों ने बिहारी मजदूरों पर मछलियों के मरने का आरोप लगाया है.

झील में मर रही हैं सैकड़ों मछलियां
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Published : Jul 16, 2019, 10:04 AM IST

शिमला: हिमाचल के ठियोग उपमंडल के तहत आने वाली केलवी पंचायत की गड़ाकुफर झील में इन दिनों मछलियों के मरने का सिलसिला जारी है. एका एक मर रही इन मछलियों से स्थानीय लोग सकते में आ गए हैं.

पिछले तीन चार दिनों में इस झील में सैकड़ों मछलियां मर गई हैं जो पानी के ऊपर तैरती देखी जा सकती हैं. इन मछलियों के मरने का क्रम अभी भी जारी है और अब मरी हुई मछलियों से बाकी बची हुई मछलियों को भी खतरा पैदा हो गया है.

शिमला की गड़ाकुफर झील में मर रही हैं सैकड़ों मछलियां

स्थानीय लोगों का कहना है कि बिहारी मजदूरों के कारण झील में मछलियां मरी हैं. लोगों का आरोप है कि झील के आस पास रह रहे ये मजदूर साबुन और कपड़े धोने का सारा पानी झील में डालते हैं जिसकी वजह से मछलियों की मौत हो रही है.

नन्ही मछलियों के मरने की सूचना मिलते ही गांव के प्रधान कमलेश शर्मा ने झील का दौरा किया और मत्स्य विभाग के कर्मचारियों को इसकी सूचना दी. इसके बाद मत्स्य विभाग के कर्मचारियों ने मौके पर अपने कर्मचारियों को भेज कर स्थानीय लोगों को झील की साफ सफाई करने को कहा.

ये भी पढ़ें - गोसदन की बदहाली को लेकर भड़की विहिप, कहा- व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ तो होगी FIR

बता दें कि झील में लोग मछलियों को आटा खिलाना धर्म और आस्था का प्रतीक मानते हैं और ऐतिहासिक झील का एक महीने पहले ही नवनिर्वाचित सांसद सुरेश कश्यप ने लोकार्पण किया था. साथ ही मछलियों को आटा भी खिलाया था.

शिमला: हिमाचल के ठियोग उपमंडल के तहत आने वाली केलवी पंचायत की गड़ाकुफर झील में इन दिनों मछलियों के मरने का सिलसिला जारी है. एका एक मर रही इन मछलियों से स्थानीय लोग सकते में आ गए हैं.

पिछले तीन चार दिनों में इस झील में सैकड़ों मछलियां मर गई हैं जो पानी के ऊपर तैरती देखी जा सकती हैं. इन मछलियों के मरने का क्रम अभी भी जारी है और अब मरी हुई मछलियों से बाकी बची हुई मछलियों को भी खतरा पैदा हो गया है.

शिमला की गड़ाकुफर झील में मर रही हैं सैकड़ों मछलियां

स्थानीय लोगों का कहना है कि बिहारी मजदूरों के कारण झील में मछलियां मरी हैं. लोगों का आरोप है कि झील के आस पास रह रहे ये मजदूर साबुन और कपड़े धोने का सारा पानी झील में डालते हैं जिसकी वजह से मछलियों की मौत हो रही है.

नन्ही मछलियों के मरने की सूचना मिलते ही गांव के प्रधान कमलेश शर्मा ने झील का दौरा किया और मत्स्य विभाग के कर्मचारियों को इसकी सूचना दी. इसके बाद मत्स्य विभाग के कर्मचारियों ने मौके पर अपने कर्मचारियों को भेज कर स्थानीय लोगों को झील की साफ सफाई करने को कहा.

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बता दें कि झील में लोग मछलियों को आटा खिलाना धर्म और आस्था का प्रतीक मानते हैं और ऐतिहासिक झील का एक महीने पहले ही नवनिर्वाचित सांसद सुरेश कश्यप ने लोकार्पण किया था. साथ ही मछलियों को आटा भी खिलाया था.

Intro:गड़ाकुफर झील में मर रही मछलीयां। दो तीन दीन में मर गई सैंकड़ों मछली।पंचायत प्रधान ने मांगा मत्स्य विभाग से सहयोग। झील में साबुन और अन्य जहरीले पानी से हो रही मछलियों की मौत।Body:
ठियोग उपमण्डल के तहत आने वाली केलवी पंचायत की गड़ाकुफर झील में इन दिनों मछलियों के मरने का सिलसिला जारी है। एकाएक मर रही इन मछलियों से स्थनीय लोग सकते ने आ गए है।पिछले तीन चार दिनों में इस झील में सैंकड़ो मछलियां मर गयी है जो पानी के ऊपर तैरती देखी जा सकती है।इन मछलियों के मरने का क्रम अभी भी जारी है।और अब मरी हुई मछलियों से बाकी बची हुई मछलियों को भी खतरा पैदा हो गया है।स्थानीय लोगों का कहना है कि बिहारी मजदूरों के कारण झील में मछलिया मरी है लोगों का आरोप है कि झील के आस पास रह रहे ये मजदूर साबुन और कपड़े धोने का सारा पानी झील में डालते है जिसकी वजह से मछलियों की मौत हो रही है।

बाईट ,, स्थानीय लोग

वन्ही मछलियों के मरने की सूचना मिलते ही केलवी जे प्रधान कमलेश शर्मा ने झील का दौरा किया और मत्स्य विभाग के कर्मचारियों से सम्पर्क साधा। वन्ही मत्स्य विभाग के कर्मचारियों ने मौके पर अपने कर्मचारियों को भेज स्थानीय लोगों को झील की साफ सफाई करने को कहा।Conclusion:
आपको बता दे कि इस झील में लोग मछलियों को आटा खिलाना धर्म और आस्था का प्रतीक मानते है।ओर ऐतिहासिक झील का एक माह पहले ही नवनिर्वाचित सांसद सुरेश कश्यप ने लोकार्पण किया था और मछलियों का आटा भी खिलाया था
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