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अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 2014 से हुईं घुसपैठ की 146 कोशिशें - infiltration on international border

साल 2014 से जून 2020 तक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर घुसपैठ की 146 कोशिशें हुईं. घुसपैठ की ये सभी कोशिशें जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान के साथ लगती सीमाओं पर हुईं. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ के मामलों की अधिकतम और राजस्थान में न्यूनतम संख्या दर्ज की गई है. पढ़ें विस्तारपूर्वक...

infiltration on international border
अंतरराष्ट्रीय सीमा पर घुसपैठ की कोशिशें
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Published : Jun 26, 2020, 11:43 AM IST

नई दिल्ली : भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) पर वर्ष 2014 से 15 जून 2020 के बीच कुल 146 घुसपैठ की कोशिशें हुईं. सुरक्षाबलों द्वारा इन सभी प्रयासों को विफल कर दिया गया. पाकिस्तान से भारतीय क्षेत्र में घुसने की कोशिश करते हुए 25 आतंकवादियों के मंसूबों को भी नाकाम किया गया. सरकारी आंकड़ों में इस बात का खुलासा हुआ है.

घुसपैठ की ये सभी कोशिशें जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान के साथ लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा पर हुईं. आंकड़ों में कहा गया है कि इस अवधि में जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ के मामलों की अधिकतम और राजस्थान में न्यूनतम संख्या दर्ज की गई है.

लगभग साढ़े छह साल (01 जनवरी 2014 से 15 जून 2020 के बीच) की अवधि में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने 12 आतंकवादियों को भी पकड़ा है, जिन्हें नियंत्रण रेखा (एलओसी) और पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में लॉन्च पैड के माध्यम से भारतीय क्षेत्र में भेजा गया था. जम्मू-कश्मीर और देश के अन्य हिस्सों में हिंसा को बढ़ाने के उद्देश्य से इन आतंकवादियों को सीमा पार कराने की कोशिश की गई थी.

बीएसएफ भारत और पाकिस्तान के बीच 3,323 किलोमीटर लंबी सीमा के माध्यम से घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम करने के लिए जिम्मेदार नोडल सुरक्षा बल है. दोनों देशों के बीच सीमाओं के माध्यम से किसी भी घुसपैठ के प्रयास को नाकाम करने के अलावा पाकिस्तान की ओर से सीमा के माध्यम से की जाने वाली तस्करी और अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए 2.5 लाख कर्मियों वाले मजबूत केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) या अर्धसैनिक बल के जवान सीमा पर तैनात रहते हैं.

पढ़ें : जम्मू-कश्मीर : 24 घंटे, दो मुठभेड़, सुरक्षा बलों ने मार गिराए चार आतंकी

बीएसएफ के जवानों ने सीमा के पास 20 जून को एक पाकिस्तानी हेक्साकॉप्टर ड्रोन को मार गिराया था. इस ड्रोन के साथ एक एम-4 कार्बाइन मशीन (अमेरिका निर्मित), दो भरी हुई मैगजीन (60 राउंड) और सात चीनी ग्रेनेड भी था. बीएसएफ के जवानों ने इसे जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास मार गिराया था.

अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा (एलओसी) की जमीनी रिपोर्ट्स का आकलन करने वाली कई खुफिया एजेंसियों ने पाया है कि पाकिस्तानी सेना और इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) प्रशिक्षित आतंकवादियों को इकट्ठा करेंगे और उन्हें उनके लॉन्चिंग पैड के माध्यम से आगे बढ़ाएंगे. एक सूत्र ने कहा कि पाकिस्तान में लॉन्चिंग पैड की संख्या 300 के करीब है.

इन आतंकवादियों को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके), पाकिस्तान के पंजाब प्रांत और अफगानिस्तान में आईएसआई द्वारा चलाए जा रहे प्रशिक्षण शिविरों से लाया जाता है. ये आतंकवादी लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी समूहों से जुड़े हुए हैं.

पढ़ें : जम्मू कश्मीर में इस वर्ष अब तक 50 आतंकवादी मारे गए

आंकड़ों के अनुसार, इस साल 15 जून तक कुल तीन घुसपैठ (जम्मू-कश्मीर में एक और पंजाब में दो) की कोशिशें हुई हैं. इन घुसपैठ के दौरान एक आतंकवादी मारा गया, जबकि अन्य भागने में सफल रहे.

वर्ष 2019 में छह बार घुसपैठ की कोशिशें हुईं. इनमें से तीन जम्मू-कश्मीर और तीन पंजाब की सीमा से घुसपैठ की कोशिशें की गईं, मगर बीएसएफ ने इन प्रयासों को नाकाम कर दिया.

वर्ष 2018 में घुसपैठ के प्रयास तुलनात्मक रूप से बहुत अधिक रहे. उस दौरान 29 बार घुसपैठ करने की कोशिश की गई थी. इनमें जम्मू-कश्मीर (21), पंजाब (07) और राजस्थान (01) शामिल हैं. इन प्रयासों को भी बीएसएफ ने नाकाम कर दिया, जिसमें सात आतंकवादी मारे गए और एक को पकड़ लिया गया.

पढ़ें : जम्मू-कश्मीर : इस गर्मी में सेना के पास आतंकियों के सफाए का अच्छा मौका

इसके अलावा 2017 में कुल 21 बार घुसपैठ के प्रयास किए गए और आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर (11) और पंजाब (10) सीमाओं के माध्यम से भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करने की कोशिश की. सभी प्रयासों को नाकाम कर दिया गया और बीएसएफ सैनिकों द्वारा भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करने की कोशिश करने वाले 10 आतंकवादियों को ढेर कर दिया गया.

वर्ष 2016 में भी घुसपैठ की काफी कोशिशें हुईं और उस दौरान आतंकवादियों द्वारा 25 बार भारतीय क्षेत्र में घुसने का प्रयास किया गया. इनमें 19 जम्मू-कश्मीर के माध्यम से और छह पंजाब के माध्यम से घुसपैठ की कोशिशें हुई थीं, मगर सीमा पर मुस्तैद बीएसएफ के जवानों ने 11 घुसपैठियों को पकड़ लिया.

छह साल की अवधि के दौरान सीमा पार से होने वाली घुसपैठ वर्ष 2015 में सबसे अधिक देखी गई. 2015 में 62 बार घुसपैठ की कोशिश की गई थी. इनमें से 61 जम्मू-कश्मीर और एक पंजाब सीमा के माध्यम से घुसपैठ के प्रयास किए गए थे, लेकिन सभी को बीएसएफ द्वारा नाकाम कर दिया गया. वहीं, 2014 में घुसपैठ की केवल तीन कोशिशें हुईं और उसी वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार सत्ता में आई थी.

(आईएएनएस इनपुट)

नई दिल्ली : भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) पर वर्ष 2014 से 15 जून 2020 के बीच कुल 146 घुसपैठ की कोशिशें हुईं. सुरक्षाबलों द्वारा इन सभी प्रयासों को विफल कर दिया गया. पाकिस्तान से भारतीय क्षेत्र में घुसने की कोशिश करते हुए 25 आतंकवादियों के मंसूबों को भी नाकाम किया गया. सरकारी आंकड़ों में इस बात का खुलासा हुआ है.

घुसपैठ की ये सभी कोशिशें जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान के साथ लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा पर हुईं. आंकड़ों में कहा गया है कि इस अवधि में जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ के मामलों की अधिकतम और राजस्थान में न्यूनतम संख्या दर्ज की गई है.

लगभग साढ़े छह साल (01 जनवरी 2014 से 15 जून 2020 के बीच) की अवधि में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने 12 आतंकवादियों को भी पकड़ा है, जिन्हें नियंत्रण रेखा (एलओसी) और पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में लॉन्च पैड के माध्यम से भारतीय क्षेत्र में भेजा गया था. जम्मू-कश्मीर और देश के अन्य हिस्सों में हिंसा को बढ़ाने के उद्देश्य से इन आतंकवादियों को सीमा पार कराने की कोशिश की गई थी.

बीएसएफ भारत और पाकिस्तान के बीच 3,323 किलोमीटर लंबी सीमा के माध्यम से घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम करने के लिए जिम्मेदार नोडल सुरक्षा बल है. दोनों देशों के बीच सीमाओं के माध्यम से किसी भी घुसपैठ के प्रयास को नाकाम करने के अलावा पाकिस्तान की ओर से सीमा के माध्यम से की जाने वाली तस्करी और अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए 2.5 लाख कर्मियों वाले मजबूत केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) या अर्धसैनिक बल के जवान सीमा पर तैनात रहते हैं.

पढ़ें : जम्मू-कश्मीर : 24 घंटे, दो मुठभेड़, सुरक्षा बलों ने मार गिराए चार आतंकी

बीएसएफ के जवानों ने सीमा के पास 20 जून को एक पाकिस्तानी हेक्साकॉप्टर ड्रोन को मार गिराया था. इस ड्रोन के साथ एक एम-4 कार्बाइन मशीन (अमेरिका निर्मित), दो भरी हुई मैगजीन (60 राउंड) और सात चीनी ग्रेनेड भी था. बीएसएफ के जवानों ने इसे जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास मार गिराया था.

अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा (एलओसी) की जमीनी रिपोर्ट्स का आकलन करने वाली कई खुफिया एजेंसियों ने पाया है कि पाकिस्तानी सेना और इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) प्रशिक्षित आतंकवादियों को इकट्ठा करेंगे और उन्हें उनके लॉन्चिंग पैड के माध्यम से आगे बढ़ाएंगे. एक सूत्र ने कहा कि पाकिस्तान में लॉन्चिंग पैड की संख्या 300 के करीब है.

इन आतंकवादियों को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके), पाकिस्तान के पंजाब प्रांत और अफगानिस्तान में आईएसआई द्वारा चलाए जा रहे प्रशिक्षण शिविरों से लाया जाता है. ये आतंकवादी लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी समूहों से जुड़े हुए हैं.

पढ़ें : जम्मू कश्मीर में इस वर्ष अब तक 50 आतंकवादी मारे गए

आंकड़ों के अनुसार, इस साल 15 जून तक कुल तीन घुसपैठ (जम्मू-कश्मीर में एक और पंजाब में दो) की कोशिशें हुई हैं. इन घुसपैठ के दौरान एक आतंकवादी मारा गया, जबकि अन्य भागने में सफल रहे.

वर्ष 2019 में छह बार घुसपैठ की कोशिशें हुईं. इनमें से तीन जम्मू-कश्मीर और तीन पंजाब की सीमा से घुसपैठ की कोशिशें की गईं, मगर बीएसएफ ने इन प्रयासों को नाकाम कर दिया.

वर्ष 2018 में घुसपैठ के प्रयास तुलनात्मक रूप से बहुत अधिक रहे. उस दौरान 29 बार घुसपैठ करने की कोशिश की गई थी. इनमें जम्मू-कश्मीर (21), पंजाब (07) और राजस्थान (01) शामिल हैं. इन प्रयासों को भी बीएसएफ ने नाकाम कर दिया, जिसमें सात आतंकवादी मारे गए और एक को पकड़ लिया गया.

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इसके अलावा 2017 में कुल 21 बार घुसपैठ के प्रयास किए गए और आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर (11) और पंजाब (10) सीमाओं के माध्यम से भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करने की कोशिश की. सभी प्रयासों को नाकाम कर दिया गया और बीएसएफ सैनिकों द्वारा भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करने की कोशिश करने वाले 10 आतंकवादियों को ढेर कर दिया गया.

वर्ष 2016 में भी घुसपैठ की काफी कोशिशें हुईं और उस दौरान आतंकवादियों द्वारा 25 बार भारतीय क्षेत्र में घुसने का प्रयास किया गया. इनमें 19 जम्मू-कश्मीर के माध्यम से और छह पंजाब के माध्यम से घुसपैठ की कोशिशें हुई थीं, मगर सीमा पर मुस्तैद बीएसएफ के जवानों ने 11 घुसपैठियों को पकड़ लिया.

छह साल की अवधि के दौरान सीमा पार से होने वाली घुसपैठ वर्ष 2015 में सबसे अधिक देखी गई. 2015 में 62 बार घुसपैठ की कोशिश की गई थी. इनमें से 61 जम्मू-कश्मीर और एक पंजाब सीमा के माध्यम से घुसपैठ के प्रयास किए गए थे, लेकिन सभी को बीएसएफ द्वारा नाकाम कर दिया गया. वहीं, 2014 में घुसपैठ की केवल तीन कोशिशें हुईं और उसी वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार सत्ता में आई थी.

(आईएएनएस इनपुट)

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