हैदराबाद : कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया है. अक्टूबर मध्य तक दुनिया की 40 मिलियन आबादी को इस वायरस ने प्रभावित किया. उस समय भारत में लगभग 7.4 मिलियन मामले दर्ज किए गए.
भारत सरकार ने कोरोना के खिलाफ तेजी से प्रतिक्रिया दी है, ताकि इसे कम करने और प्रतिकूल आर्थिक स्थिति से मुकाबला किया जा सके.
2015 में भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए स्मार्ट सिटीज़ मिशन ने सरकार की कोशिश को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई. महामारी के प्रति देश की प्रतिक्रिया के हिस्से के रूप में देश की स्मार्ट सिटीज ने इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का बखूबी इस्तेमाल किया.
हालिया अध्ययन के हिस्से के रूप में तीन भारतीय स्मार्ट सिटी, बेंगलुरू, सूरत और पिंपरी चिंचवाड़ और तीन ग्लोबल सिटी, तेल अवीव, लिस्बन और न्यू यॉर्क सिटी ने अपनी जिम्मेदारियों का पालन किया, जिसमें प्रौद्योगिकी और तकनीक का साथ में इस्तेमाल किया गया.
कोरोना के प्रति भारत की प्रतिक्रिया
बड़े, घनी आबादी वाले शहर:
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानदंडों के अनुसार, 10,000 नागरिकों पर 8.5 बेड्स, प्रति 1,445 लोगों पर एक डॉक्टर और 1,000 लोगों पर 1.7 नर्सें पर्याप्त नहीं हैं.
आर्थिक आघात के लिए जनसंख्या की कमजोरी
आर्थिक आघात, या यूं कहें कि अर्थव्यवस्था की कमजोरी के लिए शहरों में लोगों की नौकरियों को खोना एक बहुत बड़ा कारक है. यह कारक व्यवसाय के संचालन को भी गंभीर रूप से प्रभावित करता है.
इन वर्गों में अनौपचारिक कार्यकर्ता और ऐसे परिवार शामिल हैं, जो शहरों में निवास करते हैं और बड़े पैमाने पर झुग्गियों में रहते हैं.
देशभर के शहरों में रहने वाले लोग 139 मिलियन हैं.
अन्य देशों की ही तरह भारत में भी वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सरकार ने कई उपाय किए हैं. इनमें से कुछ मुख्य उपाय हैंः
- 25 मार्च 2020 से 31 मार्च 2020 तक देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा.
- बाहर से आने वाले लोगों की 100 प्रतिशत स्क्रीनिंग
- 20 मार्च से टेस्टिंग 1,000 की संख्या से 1 मिलियन प्रतिदिन की गई.
- टेस्टिंग लैब की संख्या में इजाफा
कोरोना के प्रति स्मार्ट सिटी की प्रतिक्रियाएं
देश भर में लगभग 50 शहरों ने इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का उपयोग किया, जिसे कोरोना के प्रति बेहद जल्द रिस्पांस के लिए कोविड वॉर रूम के तौर पर भी देखा गया.
इसमें वायरस के प्रसार को प्रबंधित करने के लिए आईसीसीसी में डेटा एनालिटिक्स और मॉनिटरिंग डैशबोर्ड स्थापित करना शामिल था.
ठीक उसी समय, सरकार के साथ सहयोग करने के लिए शहरों, सिविल सोसाइटियों और कॉरपोरेटों को एक ही मंच पर लाया गया.