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ठंड से बचाव में सक्षम हजारों टेंट खरीद रही भारतीय सेना - वास्तविक नियंत्रण रेखा

भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद से सीमा पर लगातार तनाव की स्थिति बनी हुई है. ऐसे में सेना ने हथियार, गोला-बारूद की आपूर्ति के साथ-साथ जवानों की आवास संबंधी सुविधाओं को भी अहम बताया है. इसके मद्देनजर सेना ने भीषण ठंड झेलने वाले हजारों टेंट खरीदने का ऑर्डर दिया है.

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भारतीय सेना ने भीषण ठंड झेलने वाले हजारों टेंट्स का दिया ऑर्डर
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Published : Jul 6, 2020, 3:45 PM IST

Updated : Jul 6, 2020, 5:47 PM IST

लेह : चीन का मुकाबला करने के लिए भारत द्वारा लद्दाख सेक्टर में 30,000 अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की जा रही है. इसके साथ ही चीन के आक्रामक रवैये को लेकर भारतीय सेना ने एक अहम फैसला लिया है. दरअसल, सेना ने कंपकंपाती ठंड की मार झेलने में सक्षम हजारों टेंट खरीदने का ऑर्डर दिया है.

गौरतलब है कि एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) पर लंबे समय तक सैनिकों की तैनाती के मद्देनजर टेंट्स की जरूरत महसूस की गई. वहीं, सशस्त्र बलों के वरिष्ठ अधिकारियों की मानें तो चीन के साथ चल रही तनातनी के सितंबर-अक्टूबर तक जारी रहने की संभावना है.

सेना के शीर्ष सूत्रों ने बताया कि भले ही चीनी सेना पीछे हट जाए, लेकिन हम भविष्य को लेकर कुछ कह नहीं सकते. इसलिए हम पूर्वी लद्दाख सेक्टर में कड़ाके की ठंड को ध्यान में रखते हुए हजारों टेंट लगाने जा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि सीमा पर हथियार और गोला-बारूद के अलावा हमारा प्रमुख ध्यान सैनिकों को रहने की बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने पर होगा.

सूत्रों ने बताया कि चीनी सेना पहले से ही कड़ाके की ठंड झेलने वाली टेंट तैयार कर रही है. हमारे पास सियाचिन ग्लेशियर में उसी तरह के टैंट हैं, इनमें से कुछ लद्दाख भेजे जा रहे हैं, लेकिन तब भी बड़ी संख्या में ऐसे टेंट की जरूरत है.

पढ़ें- अजित डोभाल और चीनी विदेशमंत्री के बीच बातचीत, एलएसी पर शांति बहाली को लेकर हुई चर्चा

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने सुरक्षाबलों के लिए हथियार, गोला-बारूद और अन्य चीजों की आपूर्ति के लिए 500 करोड़ रुपए का आपातकालीन फंड जारी किया है. सरकार ने सीमा पर तनाव के बीच यह फैसला लिया था.

लेह : चीन का मुकाबला करने के लिए भारत द्वारा लद्दाख सेक्टर में 30,000 अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की जा रही है. इसके साथ ही चीन के आक्रामक रवैये को लेकर भारतीय सेना ने एक अहम फैसला लिया है. दरअसल, सेना ने कंपकंपाती ठंड की मार झेलने में सक्षम हजारों टेंट खरीदने का ऑर्डर दिया है.

गौरतलब है कि एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) पर लंबे समय तक सैनिकों की तैनाती के मद्देनजर टेंट्स की जरूरत महसूस की गई. वहीं, सशस्त्र बलों के वरिष्ठ अधिकारियों की मानें तो चीन के साथ चल रही तनातनी के सितंबर-अक्टूबर तक जारी रहने की संभावना है.

सेना के शीर्ष सूत्रों ने बताया कि भले ही चीनी सेना पीछे हट जाए, लेकिन हम भविष्य को लेकर कुछ कह नहीं सकते. इसलिए हम पूर्वी लद्दाख सेक्टर में कड़ाके की ठंड को ध्यान में रखते हुए हजारों टेंट लगाने जा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि सीमा पर हथियार और गोला-बारूद के अलावा हमारा प्रमुख ध्यान सैनिकों को रहने की बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने पर होगा.

सूत्रों ने बताया कि चीनी सेना पहले से ही कड़ाके की ठंड झेलने वाली टेंट तैयार कर रही है. हमारे पास सियाचिन ग्लेशियर में उसी तरह के टैंट हैं, इनमें से कुछ लद्दाख भेजे जा रहे हैं, लेकिन तब भी बड़ी संख्या में ऐसे टेंट की जरूरत है.

पढ़ें- अजित डोभाल और चीनी विदेशमंत्री के बीच बातचीत, एलएसी पर शांति बहाली को लेकर हुई चर्चा

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने सुरक्षाबलों के लिए हथियार, गोला-बारूद और अन्य चीजों की आपूर्ति के लिए 500 करोड़ रुपए का आपातकालीन फंड जारी किया है. सरकार ने सीमा पर तनाव के बीच यह फैसला लिया था.

Last Updated : Jul 6, 2020, 5:47 PM IST
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