नई दिल्ली : देश को टिड्डी दल के बढ़ते हमले से बचाने के लिए भारतीय वायुसेना ने अहम प्रणाली विकसित की है. दरअसल वायुसेना ने MI-17 हेलीकॉप्टरों के लिए स्वदेशी टिड्डी नियंत्रण प्रणाली एयरबोर्न लोकस्ट कंट्रोल सिस्टम बनाया है.
गौरतलब है कि मई के अंतिम सप्ताह से शुरू हुआ टिड्डियों का यह हमला देश के कई राज्यों में फैल रहा है. इसे देखते हुए भारतीय कृषि मंत्रालय ने यूके (यूनाइटेड किंगडम) स्थित एक कंपनी के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किया था. इसमें टिड्डियों के प्रजनन को रोकने के लिए कीटनाशक के छिड़काव की खातिर भारतीय वायुसेना के दो MI-17 हेलीकॉप्टरों को परिष्कृत (तकनीकी रूप से और बेहतर बनाना) करने की बात हुई थी.
लेकिन कोरोना महामारी के चलते यूके स्थित यह कंपनी इसकी आपूर्ति में असमर्थ थी, जिसे देखते हुए भारतीय वायुसेना ने खुद ही टिड्डियों के खात्मे के लिए इस प्रणाली को विकसित करने चुनौतीपूर्ण फैसला लिया.
बता दें कि वायुसेना के लिए Mi -17 हेलीकॉप्टर्स में एयरबोर्न लोकस्ट कंट्रोल सिस्टम (एएलसीएस) विकसित करना काफी चुनौतीपूर्ण रहा. सेना द्वारा उन्नत बनाए गए इन हेलीकॉप्टर्स को केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने रवाना किया.
इस सिस्टम को एयरफोर्स ने कुछ ऐसे डिजाइन किया है कि इससे संक्रमित क्षेत्र को कवर करने में तकरीबन 40 मिनट का समय लगेगा. वहीं हर मिशन में लगभग 750 हेक्टेयर का क्षेत्र कवर किया जा सकेगा.
विमान और सिस्टम परीक्षण प्रतिष्ठान की टेस्ट पायलट और टेस्ट इंजीनियर की टीम ने इन संशोधित Mi-17 हेलीकॉप्टरों के जमीनी और हवाई परीक्षण सफलतापूर्वक किए हैं.
वहीं इस टिड्डी नियंत्रण ऑपरेशन में रोजगार के सृजन के लिए मैलाथियन के उपयोग की पेशकश हो रही है.
क्या है मैलाथियन ?
गौर हो कि मैलाथियान (Malathion) एक कीटनाशक है, जिसका इस्तेमाल कृषि, आवासीय भूनिर्माण, सार्वजनिक जगहों और कई कीट नियंत्रण कार्यक्रमों जैसे मच्छरों से बचाव आदि में बड़े स्तर पर किया जाता है.
स्वदेशी रूप से विकसित प्रणाली होने की वजह से ALCS के फायदे :
- इन-हाउस मेंटेनेंस
- भविष्य में अपग्रेड करने की क्षमता
- विदेशी मुद्रा की बचत
- देश को एविएशन से संबंधित तकनीक में आत्मनिर्भर बनाने में मदद