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नौसेना ने जहाज-रोधी मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया

ब्रह्मोस एयरोस्पेस एक भारत-रूसी संयुक्त उद्यम है जो इस घातक हथियार का उत्पादन करता है. ब्रह्मोस मिसाइल को पनडुब्बियों, पोतों, विमानों या जमीन पर से भी दागा जा सकता है. आज भारत ने फिर से एक ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण किया है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Dec 1, 2020, 10:01 AM IST

Updated : Dec 1, 2020, 7:24 PM IST

नई दिल्ली : भारत ने आज ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण किया. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अंडमान और निकोबार द्वीप समूह क्षेत्र से भारतीय नौसेना ने इस मिसाइल के जहाज-रोधी संस्करण मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया.

इससे पूर्व भारत ने सतह से सतह तक मार करने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का सफल परीक्षण किया था.

सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस

यह परीक्षण हथियार के नियोजित परीक्षणों की श्रृंखला के हिस्से के तहत किया गया है.

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मिसाइल के सतह पर मार करने में सक्षम इस नए संस्करण की मारक क्षमता को मूल 290 किमी से बढ़ाकर 400 किमी तक किया गया है, लेकिन इसकी गति 2.8 मैक या ध्वनि की गति से लगभग तीन गुनी कायम रखी गयी है.

भारत ने अलग-अलग संस्करण का परीक्षण किया है

बता दें कि पिछले कुछ दिनों में भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना द्वारा सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के अलग अलग संस्करण का परीक्षण किया है.

भारत ने पहले ही लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगे कई रणनीतिक स्थानों पर मूल ब्रह्मोस मिसाइलों और बड़ी संख्या में अन्य प्रमुख हथियारों की तैनाती की है.

भारत ने पिछले ढाई महीनों में रुद्रम-1 नामक विकिरण-रोधी मिसाइल सहित कई मिसाइलों का परीक्षण किया है. रुद्रम को 2022 तक सेना में शामिल किए जाने की योजना है.

ब्रह्मोस मिसाइल के एक नौसैनिक संस्करण का 18 अक्टूबर को अरब सागर में भारतीय नौसेना के स्वदेश में निर्मित टोही विध्वंसक से सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था.

भारतीय वायु सेना ने 30 अक्टूबर को बंगाल की खाड़ी में एक सुखोई युद्धक विमान से मिसाइल के हवाई संस्करण का परीक्षण किया था.

नई दिल्ली : भारत ने आज ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण किया. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अंडमान और निकोबार द्वीप समूह क्षेत्र से भारतीय नौसेना ने इस मिसाइल के जहाज-रोधी संस्करण मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया.

इससे पूर्व भारत ने सतह से सतह तक मार करने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का सफल परीक्षण किया था.

सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस

यह परीक्षण हथियार के नियोजित परीक्षणों की श्रृंखला के हिस्से के तहत किया गया है.

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मिसाइल के सतह पर मार करने में सक्षम इस नए संस्करण की मारक क्षमता को मूल 290 किमी से बढ़ाकर 400 किमी तक किया गया है, लेकिन इसकी गति 2.8 मैक या ध्वनि की गति से लगभग तीन गुनी कायम रखी गयी है.

भारत ने अलग-अलग संस्करण का परीक्षण किया है

बता दें कि पिछले कुछ दिनों में भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना द्वारा सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के अलग अलग संस्करण का परीक्षण किया है.

भारत ने पहले ही लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगे कई रणनीतिक स्थानों पर मूल ब्रह्मोस मिसाइलों और बड़ी संख्या में अन्य प्रमुख हथियारों की तैनाती की है.

भारत ने पिछले ढाई महीनों में रुद्रम-1 नामक विकिरण-रोधी मिसाइल सहित कई मिसाइलों का परीक्षण किया है. रुद्रम को 2022 तक सेना में शामिल किए जाने की योजना है.

ब्रह्मोस मिसाइल के एक नौसैनिक संस्करण का 18 अक्टूबर को अरब सागर में भारतीय नौसेना के स्वदेश में निर्मित टोही विध्वंसक से सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था.

भारतीय वायु सेना ने 30 अक्टूबर को बंगाल की खाड़ी में एक सुखोई युद्धक विमान से मिसाइल के हवाई संस्करण का परीक्षण किया था.

Last Updated : Dec 1, 2020, 7:24 PM IST
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