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अफगानिस्तान को लेकर एक मत हैं भारत और रूस: विजय गोखले - afganistan peace process

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्वी आर्थिक मंच में भाग लेने के लिए रूस जाएंगे जहां वो अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया पर चर्चा करेंगे.

मीडिया से बात करते विजय गोखले
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Published : Sep 2, 2019, 11:59 PM IST

Updated : Sep 29, 2019, 5:55 AM IST

नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी पूर्वी आर्थिक मंच में भाग लेने के लिए 4 सितंबर को रूस का दौरा करेंगे, जहां वो ऊर्जा क्षेत्र के साथ अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया पर चर्चा करेंगे.

पीएम मोदी की रूस यात्रा को लेकर भारत के विदेश सचिव विजय गोखले ने दावा किया है अफगानिस्तान को लेकर भारत और रूस दोनों एक मत हैं.

गोखले ने कहा कि भारत शांति के लिए की जाने वाली हर पहल का समर्थन करता है. हमारा काम किसी भी मुद्दे को बढ़ने से पहले सुलझाना है और इस संबंध में हमारी स्थिति स्पष्ट है.

मीडिया से बात करते विजय गोखले

उन्होंने आगे कहा, 'हम एक ऐसी प्रणाली तैयार करते हैं जिसमें एक संवैधानिक वैधता राजनीतिक जनादेश, विश्वास और स्थिरता हो और अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि आतंकी संगठनों के लिए कोई स्थान नहीं छोड़ा जाएगा.'

पढ़ें- आर्थिक मंच में भाग लेने रूस जाएंगे पीएम मोदी, ऊर्जा क्षेत्र को लेकर होगी चर्चा

गोखले ने कहा कि हम अफगान सरकार को शांति प्रक्रिया में शामिल करना चाहते हैं, जिसको तालिबान ने इसे यूएस की कठपुतली कहते हुए खारिज कर दिया.

बता दें कि पिछले सप्ताह संपन्न हुई हमसफर वार्ता के नौंवे दौर के बाद, अमेरिकी-अफगान वार्ता के विशेष प्रतिनिधि जल्मे खलीजाद खलीजाद ने अमेरिकी और तालिबान के बीच तैयार किए गए समझौते के मसौदे को पेश किया.

नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी पूर्वी आर्थिक मंच में भाग लेने के लिए 4 सितंबर को रूस का दौरा करेंगे, जहां वो ऊर्जा क्षेत्र के साथ अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया पर चर्चा करेंगे.

पीएम मोदी की रूस यात्रा को लेकर भारत के विदेश सचिव विजय गोखले ने दावा किया है अफगानिस्तान को लेकर भारत और रूस दोनों एक मत हैं.

गोखले ने कहा कि भारत शांति के लिए की जाने वाली हर पहल का समर्थन करता है. हमारा काम किसी भी मुद्दे को बढ़ने से पहले सुलझाना है और इस संबंध में हमारी स्थिति स्पष्ट है.

मीडिया से बात करते विजय गोखले

उन्होंने आगे कहा, 'हम एक ऐसी प्रणाली तैयार करते हैं जिसमें एक संवैधानिक वैधता राजनीतिक जनादेश, विश्वास और स्थिरता हो और अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि आतंकी संगठनों के लिए कोई स्थान नहीं छोड़ा जाएगा.'

पढ़ें- आर्थिक मंच में भाग लेने रूस जाएंगे पीएम मोदी, ऊर्जा क्षेत्र को लेकर होगी चर्चा

गोखले ने कहा कि हम अफगान सरकार को शांति प्रक्रिया में शामिल करना चाहते हैं, जिसको तालिबान ने इसे यूएस की कठपुतली कहते हुए खारिज कर दिया.

बता दें कि पिछले सप्ताह संपन्न हुई हमसफर वार्ता के नौंवे दौर के बाद, अमेरिकी-अफगान वार्ता के विशेष प्रतिनिधि जल्मे खलीजाद खलीजाद ने अमेरिकी और तालिबान के बीच तैयार किए गए समझौते के मसौदे को पेश किया.

Intro:With Intra-Afghan peace talks is reaching to its climax, India's Foreign Secretary Vijay Gokhale has claimed that both India and Russia have the common ground on Afghanistan.


Body:Claiming that India has been supportive of all peace initiatives, Gokhale elaborated India's position saying, 'our issue has been on the post settlement situation and in that regard our position has been clear.'

He further asserted saying, 'we prepare a system which has a constitutional legitimacy political mandate and insurance stability and more importantly will not leave any space for terror outfits.'


Conclusion:After the 9th round of us taleban talks which concluded last week, U.S. special representative for intra-Afghan talks Zalmay Khalizad showed the draft agreement prepared between U.S. and Taliban.

The negotiations are focused on the withdrawal of thousands of U.S. troops from Afghanistan in exchange for guarantees but not to allow the country to be used as a base for attacks abroad.

We would like to add that Afghan government has been shut out of the peace process as Taliban dismisses it as the puppet of the U.S.
Last Updated : Sep 29, 2019, 5:55 AM IST
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