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इन क्षेत्रों में भारत की मदद करेगा फिनलैंड, मिली मंजूरी

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Published : Sep 2, 2020, 10:06 PM IST

खान मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भूविज्ञान और खनिज संसाधनों के क्षेत्र में सहयोग के लिए खान मंत्रालय के भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग तथा फिनलैंड के रोजगार और आर्थिक मंत्रालय के भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग (जियोलॉजियन तुत्कीमुस्केस्कु) के बीच समझौता ज्ञापन को मंजूरी दे दी है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

नयी दिल्लीः सरकार ने बुधवार को भूविज्ञान और खनिज संसाधनों के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत और फिनलैंड के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) को मंजूरी दे दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय किया गया.

खान मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भूविज्ञान और खनिज संसाधनों के क्षेत्र में सहयोग के लिए खान मंत्रालय के भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग तथा फिनलैंड के रोजगार और आर्थिक मंत्रालय के भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग (जियोलॉजियन तुत्कीमुस्केस्कु) के बीच समझौता ज्ञापन को मंजूरी दे दी है.

आधिकारिक बयान के अनुसार यह समझौता भूविज्ञान, प्रशिक्षण, खनिज पूर्वानुमान, भूकंपीय और अन्य भूभौतिकीय सर्वेक्षणों के लिए दोनों संगठनों के बीच वैज्ञानिक सहयोग को मजबूत बनाएगा.

इस एमओयू का उद्देश्य परस्पर आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय लाभ के लिए प्रतिभागियों के बीच भूविज्ञान और खनिज संसाधनों के क्षेत्रों में खोज और खनन को बढ़ावा देने, भूवैज्ञानिक आंकड़ा प्रबंधन और सूचना प्रसार पर अनुभव साझा करने के लिए परस्पर सहयोग को बढ़ावा देने को लेकर नियम और मंच उपलब्ध कराना है.

नयी दिल्लीः सरकार ने बुधवार को भूविज्ञान और खनिज संसाधनों के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत और फिनलैंड के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) को मंजूरी दे दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय किया गया.

खान मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भूविज्ञान और खनिज संसाधनों के क्षेत्र में सहयोग के लिए खान मंत्रालय के भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग तथा फिनलैंड के रोजगार और आर्थिक मंत्रालय के भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग (जियोलॉजियन तुत्कीमुस्केस्कु) के बीच समझौता ज्ञापन को मंजूरी दे दी है.

आधिकारिक बयान के अनुसार यह समझौता भूविज्ञान, प्रशिक्षण, खनिज पूर्वानुमान, भूकंपीय और अन्य भूभौतिकीय सर्वेक्षणों के लिए दोनों संगठनों के बीच वैज्ञानिक सहयोग को मजबूत बनाएगा.

इस एमओयू का उद्देश्य परस्पर आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय लाभ के लिए प्रतिभागियों के बीच भूविज्ञान और खनिज संसाधनों के क्षेत्रों में खोज और खनन को बढ़ावा देने, भूवैज्ञानिक आंकड़ा प्रबंधन और सूचना प्रसार पर अनुभव साझा करने के लिए परस्पर सहयोग को बढ़ावा देने को लेकर नियम और मंच उपलब्ध कराना है.

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