नई दिल्ली : यूरोपीय संघ के संसदीय प्रतिनिधिमंडल (एमईपी) के कश्मीर दौरे पर विदेश मंत्रालय ने स्पष्टीकरण दिया. विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि यह सरकार के 'सामाजिक विस्तार के स्तर पर व्यापक रूप से लोगों के साथ जुड़ने का हिस्सा है और एमईपी ने भारत के बारे में जानने की इच्छा जताई थी.'
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने 23 एमईपी के भारत के दौरे के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि 'यह लोगों से लोगों के संपर्क को बढ़ावा देने के लिए विदेश नीति के उद्देश्य का हिस्सा है.'
भविष्य में अन्य विदेशी प्रतिनिधमंडलों के कश्मीर दौरा करने के सवाल पर कुमार ने कहा कि अगर ऐसे प्रस्ताव आते हैं तो सरकार उस पर विचार करेगी.
उन्होंने कहा कि बहुत से आगंतुक आए और प्रधानमंत्री से मिले, जैसे पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री हेनरी किसिंजर से बीते सप्ताह मिले.
समूह के निजी क्षमता के तौर पर यात्रा करने की रिपोर्ट पर उन्होंने कहा, 'जो आगंतुक आए वे जरूरी नहीं है कि आधिकारिक माध्यम से आए.'
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उन्होंने कहा कि उन्होंने भारत के बारे में जानने की बेहद इच्छा जताई थी और सरकार ने उसी के अनुसार दौरे की सुविधा प्रदान की.