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अन्य विदेशी प्रतिनिधिमंडलों के कश्मीर दौरे पर विचार करेगी सरकार : MEA

यूरोपीय संघ के सांसदों के कश्मीर दौरे पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि एमईपी भारत के बारे में जानना चाहते थे इसलिए उन्हें कश्मीर जाने की अनुमति दी गई. उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसे दौरों की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है.

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Published : Oct 31, 2019, 10:46 PM IST

नई दिल्ली : यूरोपीय संघ के संसदीय प्रतिनिधिमंडल (एमईपी) के कश्मीर दौरे पर विदेश मंत्रालय ने स्पष्टीकरण दिया. विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि यह सरकार के 'सामाजिक विस्तार के स्तर पर व्यापक रूप से लोगों के साथ जुड़ने का हिस्सा है और एमईपी ने भारत के बारे में जानने की इच्छा जताई थी.'

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने 23 एमईपी के भारत के दौरे के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि 'यह लोगों से लोगों के संपर्क को बढ़ावा देने के लिए विदेश नीति के उद्देश्य का हिस्सा है.'

भविष्य में अन्य विदेशी प्रतिनिधमंडलों के कश्मीर दौरा करने के सवाल पर कुमार ने कहा कि अगर ऐसे प्रस्ताव आते हैं तो सरकार उस पर विचार करेगी.

उन्होंने कहा कि बहुत से आगंतुक आए और प्रधानमंत्री से मिले, जैसे पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री हेनरी किसिंजर से बीते सप्ताह मिले.

समूह के निजी क्षमता के तौर पर यात्रा करने की रिपोर्ट पर उन्होंने कहा, 'जो आगंतुक आए वे जरूरी नहीं है कि आधिकारिक माध्यम से आए.'

J-K और लद्दाख पर चीन की आपत्ति, भारत ने बताया 'आंतरिक मामला'

उन्होंने कहा कि उन्होंने भारत के बारे में जानने की बेहद इच्छा जताई थी और सरकार ने उसी के अनुसार दौरे की सुविधा प्रदान की.

नई दिल्ली : यूरोपीय संघ के संसदीय प्रतिनिधिमंडल (एमईपी) के कश्मीर दौरे पर विदेश मंत्रालय ने स्पष्टीकरण दिया. विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि यह सरकार के 'सामाजिक विस्तार के स्तर पर व्यापक रूप से लोगों के साथ जुड़ने का हिस्सा है और एमईपी ने भारत के बारे में जानने की इच्छा जताई थी.'

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने 23 एमईपी के भारत के दौरे के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि 'यह लोगों से लोगों के संपर्क को बढ़ावा देने के लिए विदेश नीति के उद्देश्य का हिस्सा है.'

भविष्य में अन्य विदेशी प्रतिनिधमंडलों के कश्मीर दौरा करने के सवाल पर कुमार ने कहा कि अगर ऐसे प्रस्ताव आते हैं तो सरकार उस पर विचार करेगी.

उन्होंने कहा कि बहुत से आगंतुक आए और प्रधानमंत्री से मिले, जैसे पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री हेनरी किसिंजर से बीते सप्ताह मिले.

समूह के निजी क्षमता के तौर पर यात्रा करने की रिपोर्ट पर उन्होंने कहा, 'जो आगंतुक आए वे जरूरी नहीं है कि आधिकारिक माध्यम से आए.'

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उन्होंने कहा कि उन्होंने भारत के बारे में जानने की बेहद इच्छा जताई थी और सरकार ने उसी के अनुसार दौरे की सुविधा प्रदान की.

Intro:New Delhi: After European parliamentarians visit to the valley triggered a political storm, India's Foreign Ministry hasn't quashed possibility of any such foreign delegations visit to Jammu and Kashmir in the future.


Body:Responding to a media query during its weekly press briefing whether other foreign delegations be allowed to visit the valley, the MEA spokesperson Raveesh Kumar said, 'we would definitely look into such requests in the future.'

On 22 out 27 MEPs who visited the valley belonging to right wing parties in their respected countries, the MEA spokesperson claimed that they are elected representatives and such exchanges promote people to people contact.


Conclusion:Though MEA spokesperson evaded a query that why only foreign delegates were allowed to visit J&K and not leaders from within the country, he said that it doesn't fall under MEA jurisdiction.

Apart from these MEPs belonging to right wing parties what further ignited the political storm that the invitation to these 30 MEPs were extended by the Brussels based British PIO Madi Sharma whose relation to government of India continues to remain unclear.

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