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नेपाल में भारत की फल-सब्जियों पर रोक, विदेश मंत्रालय ने पत्र लिखकर पूछा कारण - भारतीय व्यापारियों पर नेपाल की रोक

बीते कुछ दिनों से नेपाल ने भारतीय फल और सब्जी विक्रेताओं पर रोक लगा दी है. इस कारण भारतीय व्यापारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. भारत ने इस समस्या पर कड़ा रुख अपनाने हुए नेपाल सरकार को एक पत्र लिखा है. जानें भारत ने क्या कहा...

विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर और प्रदीप ग्यावली
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Published : Jul 10, 2019, 7:08 PM IST

Updated : Jul 11, 2019, 4:01 PM IST

नई दिल्ली: भारत ने नेपाल की ओर सख्त कदम उठाया है. दरअसल, नेपाल ने बीते कुछ दिनों से भारतीय फल और सब्जी विक्रेताओं पर रोक लगा रखी है. इसके मद्देनजर सरकार ने नेपाल से इस समस्या पर नेपाल को अपना पक्ष रखने के लिए कहा है.

गौरतलब है कि नेपाल ने भारतीय फल और सब्जी विक्रेताओं को अपने क्षेत्र में प्रवेश करने पर रोक लगा दी है. इस कारण भारतीय व्यापारियों को भारी आर्थिक नुकसान भोगना पड़ रहा है.

इस संबंध में भारतीय दूतावास ने नेपाल विदेश मंत्रालय को एक पत्र लिखा. इस पत्र में भारत ने दावा किया है, 'भारत का राष्ट्रीय पादप संरक्षण संगठन (NPPO), कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) नेपाल को ऐसी वस्तुओं के निर्यात के लिए फाइटोसैनेटिक प्रमाण-पत्र (phytosanitary certificates) जारी करता रहा है, जिसे नेपाल के अधिकारी भी स्वीकार करते हैं.'

जानकारी देते ईटीवी भारत संवाददाता

पढ़ें: भारत ने म्यांमार को दिए 250 प्री-फैब्रिकेटेड घरों के दस्तावेज, जानें मकसद

इसके अलाव भारत ने नेपाल पर ऐसे मामलों में अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन नहीं करने की भी बात कही है. जिनके तहत निर्यात करने वाले देश को खेपों की कमी और विफलताओं के बारे में जानने के लिए उनकी अधिसूचना की आवश्यकता होती है.

बता दें, ईटीवी भारत को नेपाल सूत्रों से जानकारी मिली है कि भारत द्वारा नेपाल को लिखे गए पत्र के बाद सीमा पार व्यापार गतिविधियों को दोबारा शुरू कर दिया गया है.

गौरतलब है कि नेपाल सरकार ने भारत से फलों और सब्जियों के आयात के समय कीटनाशक अवशेषों का संगरोध परीक्षण करने के लिए एक नोटिस प्रकाशित किया था. इसके तहत सरकार ने कस्टम प्वाइंट पर परीक्षण करने का आदेश जारी किया था.

नई दिल्ली: भारत ने नेपाल की ओर सख्त कदम उठाया है. दरअसल, नेपाल ने बीते कुछ दिनों से भारतीय फल और सब्जी विक्रेताओं पर रोक लगा रखी है. इसके मद्देनजर सरकार ने नेपाल से इस समस्या पर नेपाल को अपना पक्ष रखने के लिए कहा है.

गौरतलब है कि नेपाल ने भारतीय फल और सब्जी विक्रेताओं को अपने क्षेत्र में प्रवेश करने पर रोक लगा दी है. इस कारण भारतीय व्यापारियों को भारी आर्थिक नुकसान भोगना पड़ रहा है.

इस संबंध में भारतीय दूतावास ने नेपाल विदेश मंत्रालय को एक पत्र लिखा. इस पत्र में भारत ने दावा किया है, 'भारत का राष्ट्रीय पादप संरक्षण संगठन (NPPO), कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) नेपाल को ऐसी वस्तुओं के निर्यात के लिए फाइटोसैनेटिक प्रमाण-पत्र (phytosanitary certificates) जारी करता रहा है, जिसे नेपाल के अधिकारी भी स्वीकार करते हैं.'

जानकारी देते ईटीवी भारत संवाददाता

पढ़ें: भारत ने म्यांमार को दिए 250 प्री-फैब्रिकेटेड घरों के दस्तावेज, जानें मकसद

इसके अलाव भारत ने नेपाल पर ऐसे मामलों में अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन नहीं करने की भी बात कही है. जिनके तहत निर्यात करने वाले देश को खेपों की कमी और विफलताओं के बारे में जानने के लिए उनकी अधिसूचना की आवश्यकता होती है.

बता दें, ईटीवी भारत को नेपाल सूत्रों से जानकारी मिली है कि भारत द्वारा नेपाल को लिखे गए पत्र के बाद सीमा पार व्यापार गतिविधियों को दोबारा शुरू कर दिया गया है.

गौरतलब है कि नेपाल सरकार ने भारत से फलों और सब्जियों के आयात के समय कीटनाशक अवशेषों का संगरोध परीक्षण करने के लिए एक नोटिस प्रकाशित किया था. इसके तहत सरकार ने कस्टम प्वाइंट पर परीक्षण करने का आदेश जारी किया था.

Intro:Exclusive: Days after Nepal stopped Indian fruit and vegetable sellers from entering its territory, India has now sought justification from it as it has resulted into a huge economic loss to Indian traders.


Body:In its letter, Indian Embassy in Kathmandu to Nepal's Ministry of Foreign Affairs claimed, 'National Plant Protection Organisation (NPPO), Agriculture and Processed Food Products Export Development Authority (APEDA) of India have been issuing phytosanitary certificates for export of such items to Nepal that have been acceptable to Nepal authorities as well.'

Indian side even accused Nepal of not complying to the international laws in such matters in which importing country is required in their notification to the exporting nation is required to bring out significant failures of the consignments.

India said, 'imposition of re-testing requirement is akin to the imposition of Non-Tariff Barrier that has halted the trade.'








Conclusion:ETV Bharat has learnt from the sources in Nepal that post India's letter, trade activities have resumed at the border.

Remember, Nepal government had published a notice that quarantine test and examination of pesticide residue must be done at the customs point while importing fruits and vegetables from India. Post which many Indian fruit and Vegetable sellers were stuck at the Lakhimpur border in UP.

Last Updated : Jul 11, 2019, 4:01 PM IST
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