बेंगलुरु : भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) के ईक्वाइन बायोटेक नाम के स्टार्टअप ने कोरोना वायरस टेस्टिंग किट विकसित की है. ईक्वाइन बायोटेक नाम के स्टार्टअप ने आरटी-पीसीआर तकनीक पर आधार पर यह किट तैयार की है. इस किट को ग्लोबल डायग्नोस्टिक नाम दिया गया है.
भारतीय विज्ञान संस्थान के मुताबिक, आईसीएमआर ने कुछ डायग्नोस्टिक लैब्स में इस टेस्टिंग किट के इस्तेमाल की मंजूरी भी दे दी है.
किट को उपयोग करना बेहद ही सरल है. बाजार और देश की लैब्स में मौजूद अन्य टेस्ट किट की अपेक्षा इस किट का रन टाइम काफी कम है, जिससे परिणाम आने में काफी कम समय लगता है.
दुनियाभर में कोरोना वायरस का कहर जारी है. इस महामारी से तीस मिलियन से अधिक संक्रमित हो चुके हैं. इस संक्रामक बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए अधिक से अधिक टेस्ट करने की जरूरत है.
इस समय भारत में कोरोना वायरस का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है. भारत में पांच मिलियन से अधिक लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं.
इक्वाइन बायोटेक के संस्थापक और आईआईएससी में जैव रसायन विभाग प्रोफेसर उत्पल टाटू ने बताया कि इस टेस्टिंग किट से कोरोना वायरस के परीक्षण के परिणाम आने में महज डेढ़ घंटे का समय लगता है.
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी शुरू होने से पहले ही हमारा स्टार्टअप लंबे समय से कोरोना वायरस संक्रमण की किट पर काम कर रहा था.
ईटीवी भारत से आईआईएससी के प्रोफेसर उत्पल टाटू ने बात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि यह समय मुनाफा कमाने का नहीं है, विज्ञान और उद्योग को साथ मिलाकर इस महामारी से मुकाबला करना होगा.