नई दिल्ली: जिन राज्यों में हिंदुओं की आबादी कम है, वहां उन्हें अल्पसंख्यक समुदाय की तरह लाभ दिया जाए. यह मांग विश्व हिंदू परिषद ने की है.
विहिप के संयुक्त महासचिव डॉ सुरेन्द्र जैन ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत में कहा कि हिंदुओं के साथ कोई भेदभाव ना हो. जहां पर उनकी संख्या कम है, उन्हें पूरा लाभ मिलना चाहिए. उनके अनुसार अभी सरकार ने पांच करोड़ अल्पसंख्यक छात्रों के लिए स्कॉलरशिप देने का फैसला किया है, इसमें भी हिंदुओं को लाभ मिले.
उन्होंने कहा जम्मू कश्मीर में जहां हिंदुओं का सबसे अधिक शोषण होता है. वहां हिंदुओं को संरक्षण की सबसे ज्यादा जरूरत है. वहां अल्पसंख्यकों को मिलने वाले लाभों की सबसे अधिक आवश्यकता है.
इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि संविधान के अनुच्छेद 29 और 30 में जो लाभ अल्पसंख्यकों के हैं, वो भी उन्हें मिलने चाहिए. इससे देश में समानता का माहौल बनेगा. उन्होंने कहा कि हमारा संविधान समतामूलक है. लेकिन इसमें यह बहुत बड़ा विरोधाभास है, जिसको दूर करने की जरूरत है.
विहिप महासचिव ने कहा कि संविधान के विशेषज्ञों को इस पर चर्चा करनी चाहिए. इसपर सबकी राय लेकर सर्वसम्मति के साथ इस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए. इससे अल्पसंख्यकों को कोई दिक्कत नहीं होगी.
उन्हेंने कहा कि यह अधिकार अल्पसंख्यकों को इसीलिए दिए गए थे ताकि वो अपनी परंपराओं के अनुसार अपनी शिक्षा और अपने धर्म का पालन कर सकें और वो अधिकार सभी को मिलने चाहिए.
सरकार द्वारा मदरसों के आधुनिक बनाने के फैसले का विरोध करने वालों से सुरेन्द्र जैन ने कहा है कि यह स्वागत योग्य कदम है. इसका विरोध नहीं होना चाहिए. ऐसा नहीं है कि हिंदू वहां पर पूजा शुरू कर देंगे.
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उन्होंने कहा कि वो लोग सिर्फ विरोध के लिए विरोध कर रहे हैं. उन्हें स्वागत करना चाहिए कि देश के संसाधनों का एक बड़ा हिस्सा उनके समाज के लोगों के विकास के लिए उपयोग में आ रहा है.