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अपनी भाषा में ही सीखें और सिखाएं, बच्चों की नींव होगी मजबूत

अपनी भाषा में बच्चों के सीखने की प्रक्रिया तेज होती है. उनकी स्मरण शक्ति बढ़ती है. उनमें अपनी बातों और विचारों को सबके सामने रखने का आत्मविश्वास बढ़ता है. फिर क्यों न अपनी भाषा हिंदी में ही सीखें और सिखाएं...

Hindi Diwas 2020
हिंदी दिवस 2020
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Published : Sep 14, 2020, 8:10 AM IST

Updated : Sep 14, 2020, 2:45 PM IST

हैदराबाद : नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में पांचवीं कक्षा तक के बच्चों को मातृभाषा में पढ़ाने पर जोर दिया गया है, ताकि बच्चों की नींव मजबूत हो सके, जिसके कई अन्य फायदे भी हैं. अपनी भाषा में सीखने की प्रक्रिया बच्चों में काफी प्रबल होती है. वह जल्द ही अपनी स्मरण शक्ति के जरिए काफी कुछ नया सीख लेते हैं, जिसके कारण उनमें अपनी बातों और अपने विचारों को सबके सामने रखने का आत्मविश्वास आता है. फिर क्यों न अपनी भाषा हिंदी में ही सीखें और सिखाएं.

भारत में हिंदी दिवस वार्षिक रूप से 14 सितंबर को मनाया जाता है. 1949 में आज ही के दिन देवनागरी लिपि में लिखी जाने वाली हिंदी भारत की आधिकारिक भाषा बनी. हिंदी को 250 मिलियन लोग अपनी मूल भाषा के रूप में बोलते हैं और यह दुनिया की चौथी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है. इस दिन हम आपके लिए कुछ सुझाव लेकर आए हैं कि कैसे आप अपने बच्चे को हिंदी सीखने में मदद कर सकते हैं.

रोचक कॉमिक्स का ले सकते हैं सहारा
पंचतंत्र से लेकर बड़े भाई साहब तक जैसा हिंदी में कुछ रोचक और मनोरंजक जरूर पढ़ें, जो आप अपने बच्चों के साथ पढ़ सकते हो. यह उनमें कई प्रकार के बदलाव ला सकता है. बच्चे अपने तरीके से अपने विचारों के द्वारा बहुत कुछ सीख लेते हैं. अपने बच्चों को रोचक किताबे पढ़ाएं. हो सके तो उनके साथ हिंदी की रोचक कॉमिक्स पढ़ें और उन्हें सुनाएं, इससे वह हिंदी के प्रति आकर्षित होंगे. इसके साथ ही यह भाषा सीखने का एक अच्छा तरीका भी है.

किताबों को बनाए अपना सबसे अच्छा दोस्त
कहते हैं कि इंसान की सबसे अच्छी दोस्त किताबें होती हैं, यह कहावत सच भी है. इसलिए अभिभावकों को बचपन से ही बच्चों में ​किताबें पढ़ने की आदत डालनी चाहिए. बच्चों में किताब पढ़ने की आदत बहुत हद तक उनके विकास में सहायक होती है. इससे उनके अंदर सोचने और समझने की क्षमता भी बढ़ती है.

हिंदी साहित्य पढ़ें और पढ़ाएं
अपने बच्चे की हिंदी साहित्य में रुचि विकसित करने में मदद करने के लिए, उन्हें हिंदी साहित्य किताबों से परिचित कराएं. कुछ दिलचस्प किताबे जैसे गुलजार द्वारा पोटली बाबा की कहानी, श्रृंखला या पिनोच्चियो शामिल हैं. प्रेमचंद द्वारा पंच-परमेश्वर या पूस की रात, अन्य क्लासिक्स के साथ-साथ ऑडियो प्रारूप में बहुत सी हिंदी कहानियां भी उपलब्ध हैं, जिन्हें आपका बच्चा सुनकर समझ सकता है.

अपने बच्चे के लिए द्विभाषी (अंग्रेजी-हिंदी) कहानी पुस्तकों की सूची बनाएं.

कविता पुण्यमूर्ति की किताब ऊपर देखो
कविता पुण्यमूर्ति की ऊपर देखो किताब बच्चों के लिए काफी अच्छी है. इस किताब की कहानी में दो बच्चे मिमी और गुल्लु आसमान देखने जाते हैं. रूचि म्हासेन द्वारा मौन पेस्टल रंगों में दिए गए चित्र कहानी में चंचलता का स्पर्श जोड़ते हैं. इस कहानी का अनुवाद सुमन वाजपेयी ने किया है. और तूलिका ने इस कहानी को पब्लिश किया है. इस किताब की कहानी को तीन से ऊपर के बच्चे पढ़ सकते हैं.

नंदिनी नायर की किताब मैं कहां चित्र बनाऊं?
नंदिनी नायर की पुस्तक जहां मैं कहा चित्र बनाऊं. इस किताब में प्रणव नाम के एक लड़के को फूल, कार और पहाड़ों की तस्वीरें बनाना पसंद है. हालांकि लड़का जिस पेटिंग बुक में चित्र बनाता था. वह भर गई है. पुस्तक का अनुवाद मेघा अग्रवाल ने किया है. इस किताब को तूलिका ने प्रकाशित किया है. यह किताब भी तीन साल से बड़े बच्चे आसानी पढ़ व समझ सकते हैं.

भावना जैन भूता की पंछी पोस्ट

भावना जैन भूता की पंछी पोस्ट किताब काफी कुछ बयां करती है. सुषमा रोशन द्वारा अनुवादित, यह पुस्तक इस बात की कहानी बताती है कि कैसे चिक्की अपनी मां से बिट्टी चाची के लिए एक संदेश भेजती है. पुस्तक में जयकर मरूर द्वारा रंगीन चित्र हैं. प्रकाशक तूलिका द्वारा किया गया है. इस किताब को दो साल से बड़े बच्चे पढ़ सकते हैं.

शोभा विश्वनाथ की बोलती गुफा
शोभा विश्वनाथ की किताब बोलती गुफा में एक मजाकिया कहानी है. इस कहानी में जूनो ने चतुर सियार भूरो के साथ शरारतपूर्ण नाटक किया है. मूर्ख शेर जो मानता है कि गुफाएं बात कर सकती हैं. पुस्तक का चित्रण श्याम ने किया है और प्रकाशक कराडी टेल्स द्वारा किया गया है. इस किताब को चार से ज्यादा उम्र के बच्चे आसानी से पढ़ और समझ सकते हैं.

शोभा की फॉक्स एंड द गिलहरी, लोमड़ी और गिलहरी
शोभा विश्वनाथ की फॉक्स एंड द गिलहरी के साथ ही लोमड़ी और गिलहरी की पुस्तक श्रीविद्या नटराजन द्वारा प्रकाशित की गई है. यह पुस्तक इस बात के इर्द-गिर्द घूमती है कि गिलहरी कैसे अपने मित्र लल्लू को सबक सिखाती है, जो बहुत ही घमंडी है. कहानी दोस्ती और विनम्रता की है. इस पुस्तक का प्रकाशक कराडी टेल्स ने किया है. इस पुस्तक को चार से बड़े उम्र के बच्चे पढ़ सकते हैं.

फिलिप विंटरबर्ग की क्या मैं छोटी हूं?
फिलिप विंटरबर्ग की क्या मैं छोटा हूं? पुस्तक में तामिया नाम की एक लड़की विभिन्न जानवरों से पूछती रहती है कि क्या वह छोटी होने पर उससे मिलती है और आखिरकार उसे एक जवाब मिलता है. इस पुस्तक का प्रकाशक क्रिएट स्पेशल इंडिपेंडेंस पब ने किया है.

गुलजार की समय का खटोला
गुलजार की समय का खटोला पुस्तक हार्पर कॉलिंस द्वारा प्रकाशित की गई है. यह एक लोकप्रिय कवि और कहानीकार गुलजार द्वारा बच्चों के लिए कविताओं और गीतों का एक संग्रह है. इस पुस्तक को चार साल से अधिक उम्र के बच्चे पढ़ सकते हैं.

विष्णु वर्मा की पंचतंत्र
पुस्तक में विष्णु शर्मा द्वारा अपने वर्तमान स्वरूप में लिखी गई पंचतंत्र की क्लासिक कहानियां बच्चों को दोस्ती, एकता, ईमानदारी और इस तरह की दिलचस्प कहानियों से रूबरू कराती हैं. इस पुस्तक से बच्चे इससे भाषा को बेहतर ढंग से सीखेंगे. इस पुस्तक को छह साल से ज्यादा उम्र तक के बच्चे पढ़ सकते हैं.

रामधारी सिंह दिनकर की रश्मिरथी
रामधारी सिंह दिनकर ने इस पुस्तक में सुर्य पुत्र कर्ण का बखूबी से चित्रण किया है. दिनकर ने इस पुस्तक को 1952 में लिखी थी. इस पुस्तक को 12 से अधिक उम्र के बच्चे आसानी से पढ़ और समझ सकते हैं.

सुभद्रा कुमारी चौहान की झांसी की रानी
कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान की कृति झांसी की रानी उनकी प्रमुख रचनाओं में से एक है. इसमें ​​रानी लक्ष्मी बाई की वीरता का चित्रण किया गया है. यह पुस्तक छह साल से ज्यादा उम्र के बच्चे पढ़ सकते हैं.

प्रेमचंद की बड़े भाई साहब
प्रेमचंद की बड़े भाई साहब पुस्तक एक दिलचस्प लघुकथा है. जिसमें एक नौ साल के लड़के और उसके बड़े भाई तथा उनके शैक्षिक कारनामों की स्मृतियां उनके इर्द-गिर्द घूमती है. बच्चे पढ़ते समय कहानी की विशिष्ट हास्य और गर्मजोशी को पसंद करेंगे.

भगवती चरण वर्मा की प्रायश्चित
यह मजेदार कहानी ब्लैक कैट की हत्या के आस-पास घुमती रहती है. इस पुस्तक को 13 साल से अधिक उम्र के बच्चे पढ़ सकते हैं.

हैदराबाद : नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में पांचवीं कक्षा तक के बच्चों को मातृभाषा में पढ़ाने पर जोर दिया गया है, ताकि बच्चों की नींव मजबूत हो सके, जिसके कई अन्य फायदे भी हैं. अपनी भाषा में सीखने की प्रक्रिया बच्चों में काफी प्रबल होती है. वह जल्द ही अपनी स्मरण शक्ति के जरिए काफी कुछ नया सीख लेते हैं, जिसके कारण उनमें अपनी बातों और अपने विचारों को सबके सामने रखने का आत्मविश्वास आता है. फिर क्यों न अपनी भाषा हिंदी में ही सीखें और सिखाएं.

भारत में हिंदी दिवस वार्षिक रूप से 14 सितंबर को मनाया जाता है. 1949 में आज ही के दिन देवनागरी लिपि में लिखी जाने वाली हिंदी भारत की आधिकारिक भाषा बनी. हिंदी को 250 मिलियन लोग अपनी मूल भाषा के रूप में बोलते हैं और यह दुनिया की चौथी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है. इस दिन हम आपके लिए कुछ सुझाव लेकर आए हैं कि कैसे आप अपने बच्चे को हिंदी सीखने में मदद कर सकते हैं.

रोचक कॉमिक्स का ले सकते हैं सहारा
पंचतंत्र से लेकर बड़े भाई साहब तक जैसा हिंदी में कुछ रोचक और मनोरंजक जरूर पढ़ें, जो आप अपने बच्चों के साथ पढ़ सकते हो. यह उनमें कई प्रकार के बदलाव ला सकता है. बच्चे अपने तरीके से अपने विचारों के द्वारा बहुत कुछ सीख लेते हैं. अपने बच्चों को रोचक किताबे पढ़ाएं. हो सके तो उनके साथ हिंदी की रोचक कॉमिक्स पढ़ें और उन्हें सुनाएं, इससे वह हिंदी के प्रति आकर्षित होंगे. इसके साथ ही यह भाषा सीखने का एक अच्छा तरीका भी है.

किताबों को बनाए अपना सबसे अच्छा दोस्त
कहते हैं कि इंसान की सबसे अच्छी दोस्त किताबें होती हैं, यह कहावत सच भी है. इसलिए अभिभावकों को बचपन से ही बच्चों में ​किताबें पढ़ने की आदत डालनी चाहिए. बच्चों में किताब पढ़ने की आदत बहुत हद तक उनके विकास में सहायक होती है. इससे उनके अंदर सोचने और समझने की क्षमता भी बढ़ती है.

हिंदी साहित्य पढ़ें और पढ़ाएं
अपने बच्चे की हिंदी साहित्य में रुचि विकसित करने में मदद करने के लिए, उन्हें हिंदी साहित्य किताबों से परिचित कराएं. कुछ दिलचस्प किताबे जैसे गुलजार द्वारा पोटली बाबा की कहानी, श्रृंखला या पिनोच्चियो शामिल हैं. प्रेमचंद द्वारा पंच-परमेश्वर या पूस की रात, अन्य क्लासिक्स के साथ-साथ ऑडियो प्रारूप में बहुत सी हिंदी कहानियां भी उपलब्ध हैं, जिन्हें आपका बच्चा सुनकर समझ सकता है.

अपने बच्चे के लिए द्विभाषी (अंग्रेजी-हिंदी) कहानी पुस्तकों की सूची बनाएं.

कविता पुण्यमूर्ति की किताब ऊपर देखो
कविता पुण्यमूर्ति की ऊपर देखो किताब बच्चों के लिए काफी अच्छी है. इस किताब की कहानी में दो बच्चे मिमी और गुल्लु आसमान देखने जाते हैं. रूचि म्हासेन द्वारा मौन पेस्टल रंगों में दिए गए चित्र कहानी में चंचलता का स्पर्श जोड़ते हैं. इस कहानी का अनुवाद सुमन वाजपेयी ने किया है. और तूलिका ने इस कहानी को पब्लिश किया है. इस किताब की कहानी को तीन से ऊपर के बच्चे पढ़ सकते हैं.

नंदिनी नायर की किताब मैं कहां चित्र बनाऊं?
नंदिनी नायर की पुस्तक जहां मैं कहा चित्र बनाऊं. इस किताब में प्रणव नाम के एक लड़के को फूल, कार और पहाड़ों की तस्वीरें बनाना पसंद है. हालांकि लड़का जिस पेटिंग बुक में चित्र बनाता था. वह भर गई है. पुस्तक का अनुवाद मेघा अग्रवाल ने किया है. इस किताब को तूलिका ने प्रकाशित किया है. यह किताब भी तीन साल से बड़े बच्चे आसानी पढ़ व समझ सकते हैं.

भावना जैन भूता की पंछी पोस्ट

भावना जैन भूता की पंछी पोस्ट किताब काफी कुछ बयां करती है. सुषमा रोशन द्वारा अनुवादित, यह पुस्तक इस बात की कहानी बताती है कि कैसे चिक्की अपनी मां से बिट्टी चाची के लिए एक संदेश भेजती है. पुस्तक में जयकर मरूर द्वारा रंगीन चित्र हैं. प्रकाशक तूलिका द्वारा किया गया है. इस किताब को दो साल से बड़े बच्चे पढ़ सकते हैं.

शोभा विश्वनाथ की बोलती गुफा
शोभा विश्वनाथ की किताब बोलती गुफा में एक मजाकिया कहानी है. इस कहानी में जूनो ने चतुर सियार भूरो के साथ शरारतपूर्ण नाटक किया है. मूर्ख शेर जो मानता है कि गुफाएं बात कर सकती हैं. पुस्तक का चित्रण श्याम ने किया है और प्रकाशक कराडी टेल्स द्वारा किया गया है. इस किताब को चार से ज्यादा उम्र के बच्चे आसानी से पढ़ और समझ सकते हैं.

शोभा की फॉक्स एंड द गिलहरी, लोमड़ी और गिलहरी
शोभा विश्वनाथ की फॉक्स एंड द गिलहरी के साथ ही लोमड़ी और गिलहरी की पुस्तक श्रीविद्या नटराजन द्वारा प्रकाशित की गई है. यह पुस्तक इस बात के इर्द-गिर्द घूमती है कि गिलहरी कैसे अपने मित्र लल्लू को सबक सिखाती है, जो बहुत ही घमंडी है. कहानी दोस्ती और विनम्रता की है. इस पुस्तक का प्रकाशक कराडी टेल्स ने किया है. इस पुस्तक को चार से बड़े उम्र के बच्चे पढ़ सकते हैं.

फिलिप विंटरबर्ग की क्या मैं छोटी हूं?
फिलिप विंटरबर्ग की क्या मैं छोटा हूं? पुस्तक में तामिया नाम की एक लड़की विभिन्न जानवरों से पूछती रहती है कि क्या वह छोटी होने पर उससे मिलती है और आखिरकार उसे एक जवाब मिलता है. इस पुस्तक का प्रकाशक क्रिएट स्पेशल इंडिपेंडेंस पब ने किया है.

गुलजार की समय का खटोला
गुलजार की समय का खटोला पुस्तक हार्पर कॉलिंस द्वारा प्रकाशित की गई है. यह एक लोकप्रिय कवि और कहानीकार गुलजार द्वारा बच्चों के लिए कविताओं और गीतों का एक संग्रह है. इस पुस्तक को चार साल से अधिक उम्र के बच्चे पढ़ सकते हैं.

विष्णु वर्मा की पंचतंत्र
पुस्तक में विष्णु शर्मा द्वारा अपने वर्तमान स्वरूप में लिखी गई पंचतंत्र की क्लासिक कहानियां बच्चों को दोस्ती, एकता, ईमानदारी और इस तरह की दिलचस्प कहानियों से रूबरू कराती हैं. इस पुस्तक से बच्चे इससे भाषा को बेहतर ढंग से सीखेंगे. इस पुस्तक को छह साल से ज्यादा उम्र तक के बच्चे पढ़ सकते हैं.

रामधारी सिंह दिनकर की रश्मिरथी
रामधारी सिंह दिनकर ने इस पुस्तक में सुर्य पुत्र कर्ण का बखूबी से चित्रण किया है. दिनकर ने इस पुस्तक को 1952 में लिखी थी. इस पुस्तक को 12 से अधिक उम्र के बच्चे आसानी से पढ़ और समझ सकते हैं.

सुभद्रा कुमारी चौहान की झांसी की रानी
कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान की कृति झांसी की रानी उनकी प्रमुख रचनाओं में से एक है. इसमें ​​रानी लक्ष्मी बाई की वीरता का चित्रण किया गया है. यह पुस्तक छह साल से ज्यादा उम्र के बच्चे पढ़ सकते हैं.

प्रेमचंद की बड़े भाई साहब
प्रेमचंद की बड़े भाई साहब पुस्तक एक दिलचस्प लघुकथा है. जिसमें एक नौ साल के लड़के और उसके बड़े भाई तथा उनके शैक्षिक कारनामों की स्मृतियां उनके इर्द-गिर्द घूमती है. बच्चे पढ़ते समय कहानी की विशिष्ट हास्य और गर्मजोशी को पसंद करेंगे.

भगवती चरण वर्मा की प्रायश्चित
यह मजेदार कहानी ब्लैक कैट की हत्या के आस-पास घुमती रहती है. इस पुस्तक को 13 साल से अधिक उम्र के बच्चे पढ़ सकते हैं.

Last Updated : Sep 14, 2020, 2:45 PM IST
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