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अयोध्या में राम मंदिर बना तो उपहार में देंगे सोने की ईंट : मुगल वंशज तुसी - सोने की ईंट देंगे तौसी

मुगल वंशज प्रिंस हबीबुद्दीन तुसी ने अयोध्या विवाद को सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. साथ ही उन्होंने राम जन्म भूमि पर वक्फ बोर्ड के दावे पर भी सवाल उठाया है. जानें क्या है पूरा मामला

ईटीवी भारत से बात करते तुसी
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Published : Aug 23, 2019, 6:33 PM IST

Updated : Sep 28, 2019, 12:36 AM IST

हैदराबाद: मुगल वंशज प्रिंस हबीबुद्दीन तुसी ने अयोध्या भूमि विवाद को सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. उन्होंने कहा कि अगर उच्चतम न्यायलय उन्हें राम जन्म भूमि का मालिकाना हक साबित करने का मौका दे, तो वो न सिर्फ इसका मालिकाना हक साबित करेंगे बल्कि भूमि को राम मंदिर निर्माण के लिए दान कर देंगे. इसके अलावा उन्होंने कहा कि वो मंदिर निर्माण के लिए उपहार के तौर पर सोने की ईंट भी देंगे.

ईटीवी भारत से बात करते हुए तुसी ने राम जन्म भूमि पर वक्फ बोर्ड की दावेदारी को गलत करार देते हुए कहा है कि वक्फ के पास कोई दस्तावेज मौजूद नहीं है. ऐसे में वक्फ बोर्ड जमीन पर अपनी दावेदारी कैसे पेश कर सकता है?

उन्होंने कहा कि अयोध्‍या में विवादित जमीन को लेकर किसी भी पक्षकार के पास अपने पक्ष को साबित करने के लिए कोई दस्‍तावेज नहीं है. वो कोर्ट का समय खराब कर रहे हैं और अपनी दुकाने चला रहे हैं.

ईटीवी भारत से बात करते तुसी

मुगलिया परिवार के उत्तराधिकारी ने राम मंदिर के लिए भूमि के दान को उचित ठहरायाते हुए कहा कि भले ही जमीन पर एक मस्जिद थी, लेकिन अब भूमि दो धर्मों के बीच एक विवादास्पद बिंदु बन गई है और इस्लाम के अनुसार विवादित स्थान पर पूजा करने की अनुमति है.

तुसी ने इस मामले पर मशहूर इस्लामिक संस्थान जामिया अजहर के फतवे का हवाला देते हुए कहा कि वो इस मामले में जामिया अजहर से फतवा भी ले चुके हैं.

पढ़ें- अयोध्या मामला: SC ने मध्यस्थता पैनल से 25 जुलाई तक विस्तृत रिपोर्ट मांगी

गौरतलब है कि अयोध्या विवाद पर उच्च न्यालय में रोजाना सुनवाई हो रही है ताकि इस मसले का जल्द जल्द हल निकाला जा सके.

हैदराबाद: मुगल वंशज प्रिंस हबीबुद्दीन तुसी ने अयोध्या भूमि विवाद को सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. उन्होंने कहा कि अगर उच्चतम न्यायलय उन्हें राम जन्म भूमि का मालिकाना हक साबित करने का मौका दे, तो वो न सिर्फ इसका मालिकाना हक साबित करेंगे बल्कि भूमि को राम मंदिर निर्माण के लिए दान कर देंगे. इसके अलावा उन्होंने कहा कि वो मंदिर निर्माण के लिए उपहार के तौर पर सोने की ईंट भी देंगे.

ईटीवी भारत से बात करते हुए तुसी ने राम जन्म भूमि पर वक्फ बोर्ड की दावेदारी को गलत करार देते हुए कहा है कि वक्फ के पास कोई दस्तावेज मौजूद नहीं है. ऐसे में वक्फ बोर्ड जमीन पर अपनी दावेदारी कैसे पेश कर सकता है?

उन्होंने कहा कि अयोध्‍या में विवादित जमीन को लेकर किसी भी पक्षकार के पास अपने पक्ष को साबित करने के लिए कोई दस्‍तावेज नहीं है. वो कोर्ट का समय खराब कर रहे हैं और अपनी दुकाने चला रहे हैं.

ईटीवी भारत से बात करते तुसी

मुगलिया परिवार के उत्तराधिकारी ने राम मंदिर के लिए भूमि के दान को उचित ठहरायाते हुए कहा कि भले ही जमीन पर एक मस्जिद थी, लेकिन अब भूमि दो धर्मों के बीच एक विवादास्पद बिंदु बन गई है और इस्लाम के अनुसार विवादित स्थान पर पूजा करने की अनुमति है.

तुसी ने इस मामले पर मशहूर इस्लामिक संस्थान जामिया अजहर के फतवे का हवाला देते हुए कहा कि वो इस मामले में जामिया अजहर से फतवा भी ले चुके हैं.

पढ़ें- अयोध्या मामला: SC ने मध्यस्थता पैनल से 25 जुलाई तक विस्तृत रिपोर्ट मांगी

गौरतलब है कि अयोध्या विवाद पर उच्च न्यालय में रोजाना सुनवाई हो रही है ताकि इस मसले का जल्द जल्द हल निकाला जा सके.

Intro:مغلیہ خاندان کے وارث پرنس حبیب الدین طوسی نے بابری مسجد و رام مندر کے مابین جاری اراضی تنازعہ حل کرنے کا پیشکش کرتے ہوئے سپریم کورٹ سے درخواست کی کہ اگر عدالت عظمی انہیں اس اراضی کی ملکیت ثابت کرنے کا موقع دے تو وہ نہ صرف اس کی ملکیت ثابت کریں گے بلکہ اس اراضی کو رام مندر کا عطیہ دیتے ہوئے اس پر سونے کی اینٹ بھی بطور تحفہ دیں گے_ حبیب الدین طوسی نے اس سلسلے میں وقف بورڈ کی اس اراضی پر دعویداری کو غلط قرار دیتے ہوئے وضاحت دی کہ اس اراضی کے وقف کرنے کا کسی دستاویز میں ذکر موجود نہیں تو وقف بورڈ اس پر اپنی ملکیت کی دعویداری نہیں کر سکتا_


Body:مغلیہ خاندان کے وارث نے اس اراضی کو رام مندر کو عطیہ کئے جانے کی کا جواز پیش کرتے ہوئے کہا کہ بھلے ہی اس اراضی پر مسجد تھی تاہم اب یہ اراضی دو مذاہب کے درمیان متنازعہ رخ اختیار کر چکی ہے اور اسلام متنازعہ مقام پر عبادت کی اجازت نہیں دیتا انہوں نے کہا کہ اس سلسلے میں وہ دنیا کے معتبر اسلامی ادارے جامعہ اظہر کے فتوے کا حوالہ دیا اور بتایا کہ وہ جامعہ اظہر سے فتوی حاصل کرچکے ہیں_ حبیب طوسی نے عنقریب اس معاملے میں عدلیہ سے رجوع کرنے کا عزم ظاہر کیا_


Conclusion:
Last Updated : Sep 28, 2019, 12:36 AM IST
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