चंडीगढ़ : हरियाणा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा से ईटीवी भारत हरियाणा ने खास बातचीत की. प्रदेश में प्रवासी मजदूरों की स्थिति हो या फिर किसानों के वक्त पर पेमेंट नहीं मिलने का मुद्दा, सैलजा ने सरकार से तीखे सवाल पूछे. इसके साथ ही उन्होंने हरियाणा में हुए शराब घोटाले की निष्पक्ष जांच की मांग की.
प्रवासी मजदूरों की स्थिति पर कुमारी सैलजा ने कहा कि हाल फिलहाल में जो भी तस्वीरें देखने को मिली हैं, वो बहुत दुखदाई हैं. कांग्रेस हर तरह से मजदूरों की मदद के लिए सामने आई है. हरियाणा सरकार को भी कांग्रेस ने 40 लाख मुख्यमंत्री राहत कोष में दिए हैं. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मदद के लिए उत्तर प्रदेश जा रहे मजदूरों के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बसें करके दी, क्योंकि यूपी की सरकार प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के मामले में नाकाम रही. कुमारी सैलजा ने बिना नाम लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर मजदूरों के मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया.
कुमारी सैलजा ने कहा कि दिन-प्रतिदिन प्रवासी मजदूरों को नई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सैलजा ने आरोप लगाया कि बीजेपी शासित राज्यों में आपसी तालमेल नहीं है. जिसकी वजह से मजदूरों को ज्यादा परेशानी हुई. हरियाणा से लोगों को बसों में यूपी बॉर्डर पर ले जाया जाता है और यूपी का प्रशासन उन्हें वापस भेज देता है.
लोगों की समझ नहीं आया राहत पैकेज
केंद्र सरकार के 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज पर कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार का ये पैकेज आम आदमी समझ नहीं पाया है. अगर हम सरकार से पूछते हैं तो वो कह देते हैं कि आप राजनीति कर रहे हैं. अगर आम आदमी की आवाज अगर राजनीति है तो इसमें कोई बुरी बात नहीं है. कुमारी सैलजा ने सरकार से पूछा कि 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज में सरकार ये बताए कि आम आदमी और जरूरतमंद लोगों के हाथ में आपने क्या दिया? सैलजा ने कहा कि राहुल गांधी ने सरकार से जरूरतमंदों और गरीब लोगों को 7 हजार 5 सौ रुपये देने की मांग कि ताकि वो अपनी जरूरतें पूरी कर सके, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. ये लोगों के साथ मजाक है.
कुमारी सैलजा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सरकार की आदत है लोगों के सामने बड़ी-बड़ी घोषणाएं करने की. ये काम इनका पहले दिन से जारी है. इस राहत पैकेज की असलियत ये है कि लोगों तक कुछ नहीं पहुंच रहा. कोरोना महामारी की वजह से लॉकडाउन में गरीबों की जो स्थिति बन गई है. उससे उबारने के लिए केंद्र और हरियाणा सरकार लोगों को कुछ नहीं दे पा रही हैं.
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किसानों की पेमेंट पर क्या बोलीं सैलजा?
किसानों की पेमेंट के मुद्दे पर कुमारी सैलजा ने कहा कि वक्त पर किसानों की पेमेंट ना होना राज्य सरकार की नाकामी है. मूल बात ये है कि इन्हें लोगों की पीड़ा की समझ ही नहीं है. ना इन्हें गरीब लोगों की पीड़ा समझ है और ना ही किसानों की पीड़ा की. सैलजा ने कहा कि सरसों की खरीद में बहुत धांधलेबाजी हुई. हमने सरकार से पहले ही कहा था कि जब गेहूं की खरीद शुरू होगी तो आप क्या करोगे? किसानों को खरीद प्रणाली में समस्याएं आ रही हैं. पेमेंट नहीं हो रही है. सरकार केवल आकड़ें दे देती है. सरकार ने पहले तो सिस्टम सेट नहीं किया. इस मुश्किल वक्त में सरकार ने नए-नए प्रयोग किए, जो गलत था. इससे ना तो किसान खुश था और ना ही आढ़ती. सैलजा ने सरकार से पूछा कि आपने कितने किसानों को कितना पैसा, कितने समय में दिया? सैलजा ने कहा कि सरकार असलियत छुपा रही है.
एमएसएमई के मुद्दे पर सरकार को घेरा
एमएसएमई के मुद्दे पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि एमएसएमई को लेकर केंद्र सरकार के पास सही पॉलिसी नहीं है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी सरकार से इसके बारे में कई बार पूछ चुके हैं. रोजगार की स्थिति हरियाणा में सबसे दयनीय हो चुकी है. एमएसएमई के लिए जबतक सही पैकेज नहीं मिलेगा तबतक स्थिति में सुधार नहीं हो सकता. बड़े उद्योग भी छोटी इकायों के जरिए ही काम करते हैं. अगर मजदूर छोटे उद्योगों से पलायन कर जाएंगे तो कुछ नहीं हो पाएगा. सैलजा ने कहा कि जो लोन पहले से ही लोगों के ऊपर है उनपर सरकार ने किसी तरह की कोई राहत नहीं दी. बिजली बिल पर सैलजा ने कहा कि जबतक इस मुश्किल वक्त में सरकार बिजली के बिल माफ नहीं करेगी तो बिल का बोझ आगे बढ़ता जाएगा और उद्योगपतियों पर बुरी मार पड़ेगी. सैलजा ने कहा कि एमएसएमी का बुरा हाल है.
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लॉकडाउन में मनरेगा में रजिस्ट्रेशन 20 गुना ज्यादा बढ़ गया है. क्या सरकार को इसमें कुछ नए फंड्स देने चाहिए? ताकि मनरेगा का दायरा बढे़ और लोगों को रोजगार मिले. इस सवाल पर कुमारी सैलजा ने कहा कि ये वही महात्मा गांधी रोजगार योजना है जिसके खिलाफ बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोला करते थे. अब यही मनरेगा है जो लोगों और गरीब लोगों के लिए रास्ता बचा है. इसके लिए हमने सरकार से कई बार कहा कि बजट को इसके लिए बढ़ाया जाए. अगर इसमें सुधार करना है तो सरकार को बढ़ बढ़ाना पड़ेगा. जो रजिस्ट्रेशन बढ़ रहा है उसके लिए भी अलग से प्लॉनिंग करनी पड़ेगी. सैलजा ने कहा कि इसके लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पहले ही सुझाव दिया था कि जो मनरेगा के तहत मजदूर है उनको फार्म मजदूरों की तरह इस्तेमाल करें ताकि खेतों में मजदूरों की जो कमी हो रही है. उसे दूर किया जा सके.
सैलजा को क्यों नहीं एसआईटी और सीबीआई पर विश्वास?
लॉकडाउन के दौरान हरियाणा में बड़ा शराब घोटाला सामने आया है. इसपर सरकार में मंत्रियों में तालमेल की कमी भी दिखी. इसपर कुमारी सैलजा ने कहा कि जिस दिन से प्रदेश में गठबंधन की सरकार बनी है. उस दिन से दोनों के बीच में कोई तालमेल नहीं दिखा है. शराब घोटाले पर सैलजा ने कहा कि इस घोटाले को छुपाने की कोशिश की जा रही है. सैलजा ने कहा कि एसआईटी का क्या मतलब है ये हमें नहीं मालूम, क्योंकि पहले भी कई मामलों में एसआईटी का गठन किया गया है. लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकला.
सैलजा ने कहा कि ये एक डिपार्मेंट की बात नहीं है. बल्कि इसके बहुत सारे पहलू हैं. सैलजा ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि सरकार की टीम इस घोटाले के नतीजे पर पहुंच पाएगी. मामले की सीबीआई जांच पर सैलजा ने कहा कि अब तो सीबीआई की भी इतनी विश्वसनीयता नहीं रही है. इसलिए सीबीआई जांच की मांग करने से कोई फायदा नहीं. सैलजा ने कहा कि सीबीआई का इस्तेमाल तो उनके विपक्षी राजनीतिक नेताओं पर किया जाता है या फिर उन उद्योगपतियों पर जो उनकी भाषा नहीं बोलते. सैलजा ने कहा कि मामले की जांच कोर्ट के जरिए होनी चाहिए ताकि इसका परिणाम सामने आ सके. अनिल विज की कार्यप्रणाली पर सैलजा ने कहा कि वो भी इस मामले में शायद कुछ कर पाए क्योंकि ये मामला बहुत गहरा है.