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RSS विचारक गोविंदाचार्य SC पहुंचे, अयोध्या मामले में की लाइव स्ट्रीमिंग की मांग

अयोध्या भूमि विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने छह अगस्त से रोजाना सुनवाई करने का फैसला किया है. आरएसएस विचारक गोविंदाचार्य ने कोर्ट से इस मामले की सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग कराने की मांग की है. पढ़ें पूरी खबर....

गोविंदाचार्य
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Published : Aug 3, 2019, 8:17 PM IST

नई दिल्ली: भाजपा के पूर्व नेता व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचारक के.एन. गोविंदाचार्य ने अयोध्या विवाद मामले की आगामी कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग कराने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. गोविंदाचार्य के वकील विराग गुप्ता ने कहा कि वह सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से इस याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग करेंगे.

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि अयोध्या विवाद को सुलझाने की मध्यस्थता की प्रक्रिया असफल रही और कोई सौहार्दपूर्ण समाधान नहीं मिल पाया है. इसके परिणामस्वरूप सुप्रीम कोर्ट 6 अगस्त से प्रतिदिन सुनवाई शुरू करेगी.

अपनी याचिका में गोविंदाचार्य ने सुप्रीम कोर्ट की सितंबर 2018 के उस आदेश का हवाला दिया, जिसमें कानून के अनुसार सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग अनिवार्य की गई थी. याचिका के अनुसार, एक साल बीत जाने के बावजूद इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला बाकी है.

अपनी याचिका में गोविंदाचार्य ने कहा, 'यह मामला राष्ट्रीय महत्व का है. ऐसे कई करोड़ लोग और याचिकाकर्ता हैं, जो कार्यवाही का गवाह बनना चाहते हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान नियम के कारण वे ऐसा नहीं कर पा रहे हैं.'

पढ़ें-अयोध्या विवाद: SC का आदेश, 6 अगस्त से होगी हर दिन सुनवाई

उन्होंने कहा कि लोग जल्द न्याय न मिलने के कारण और भगवान राम को सालों से एक टेंट में रखने के कारण हताश हो गए हैं.

याचिकाकर्ता ने आगे कहा, 'यह मामला सुप्रीम कोर्ट में नौ साल से अटका पड़ा है, ऐसे में बड़े पैमाने पर जनता जानना चाहती है कि मामले में फैसले आने में इतनी देर क्यों हुई.'

नई दिल्ली: भाजपा के पूर्व नेता व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचारक के.एन. गोविंदाचार्य ने अयोध्या विवाद मामले की आगामी कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग कराने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. गोविंदाचार्य के वकील विराग गुप्ता ने कहा कि वह सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से इस याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग करेंगे.

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि अयोध्या विवाद को सुलझाने की मध्यस्थता की प्रक्रिया असफल रही और कोई सौहार्दपूर्ण समाधान नहीं मिल पाया है. इसके परिणामस्वरूप सुप्रीम कोर्ट 6 अगस्त से प्रतिदिन सुनवाई शुरू करेगी.

अपनी याचिका में गोविंदाचार्य ने सुप्रीम कोर्ट की सितंबर 2018 के उस आदेश का हवाला दिया, जिसमें कानून के अनुसार सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग अनिवार्य की गई थी. याचिका के अनुसार, एक साल बीत जाने के बावजूद इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला बाकी है.

अपनी याचिका में गोविंदाचार्य ने कहा, 'यह मामला राष्ट्रीय महत्व का है. ऐसे कई करोड़ लोग और याचिकाकर्ता हैं, जो कार्यवाही का गवाह बनना चाहते हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान नियम के कारण वे ऐसा नहीं कर पा रहे हैं.'

पढ़ें-अयोध्या विवाद: SC का आदेश, 6 अगस्त से होगी हर दिन सुनवाई

उन्होंने कहा कि लोग जल्द न्याय न मिलने के कारण और भगवान राम को सालों से एक टेंट में रखने के कारण हताश हो गए हैं.

याचिकाकर्ता ने आगे कहा, 'यह मामला सुप्रीम कोर्ट में नौ साल से अटका पड़ा है, ऐसे में बड़े पैमाने पर जनता जानना चाहती है कि मामले में फैसले आने में इतनी देर क्यों हुई.'

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