ETV Bharat / bharat

केन्द्र सरकार ने सत्ता तंत्र और प्रशासन में अविश्वसनीय बदलाव किया : सीतारमण

केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 2014 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व में बनी केन्द्र सरकार ने सत्ता तंत्र और प्रशासन में जिस तरह का बदलाव और सफाई की है वह अपने आप में 'अविश्वसनीय' है.

निर्मला सीतारमण
निर्मला सीतारमण
author img

By

Published : Jan 19, 2020, 11:06 PM IST

Updated : Jan 20, 2020, 12:01 AM IST

चेन्नई, केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि 2014 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व में बनी केन्द्र सरकार ने सत्ता तंत्र और प्रशासन में जिस तरह का बदलाव और सफाई की है वह अपने आप में 'अविश्वसनीय' है. भाजपा सरकार ने यह काम बिना किसी वैरभाव और चिंता में पड़े किया है.

सीतारमण ने यहां 'पांच हजार अरब डालर की अर्थव्यवस्था का मार्ग' पर आयोजित नानी पालखीवाला स्मारक व्याख्यान देते हुए कहा कि 2014 से 2016 तक कई तरह के सवाल उठाये गये कि सुधारों को तेजी से आगे क्यों नहीं बढ़ाया जा रहा है. इस तरह की भी टिप्पणियां की गई कि सरकार सुधारों को बढ़ाने में अक्षम है.

उन्होंने कहा कि सरकार पर आरोप लगाए गए उसकी आलोचना की गई कि सरकार कुछ करना चाहती है लेकिन वह नहीं कर रही है. सीतारमण ने कहा, 'मैं इसे स्वीकार करती हूं.'

सीतारमण ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इस बात को भी याद किया जो कि वह अक्सर कहा करते थे कि वह एक के बाद एक बदलाव में विश्वास नहीं करते हैं बल्कि देश को अच्छे परिवर्तनकारी बदलावों की दरकार है. भारत आज जिस स्थिति में है, यह मामूली बदलाव नहीं बल्कि बड़े परिवर्तनकारी बदलाव हैं. 'इसके बावजूद कोई भी यह कह सकता है कि पिछले पांच साल में सरकार ने कुछ नहीं किया. यह आलोचनात्मक विश्लेषण हो सकता है और मैं इसे भी सुनने को तैयार हूं.'

उन्होंने कहा, '2014 के बाद जिस तरह की सफाई और तंत्र में बदलाव सरकार को करना पड़ा वह अविश्वसनीय है और हमने यह काम बिना किसी वैरभाव और चिंता के किया ... हमें यह करना था और यह काम का हिस्सा है.'

पढ़ें- रेलवे के निजीकरण से किसी को कोई नुकसान नहीं : रेल राज्य मंत्री

देश को 5,000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने की कार्ययोजना विषय पर टिप्पणी करते हुए सीतारमण ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वक्तव्य को हवाला देते हुये कहा कि सरकार जिस रास्ते पर आगे बढ़ेगी उसमें 'सरकार का अभाव नहीं होना चाहिए, प्रभाव होना चाहिए और दबाव नहीं होना चाहिए.'

सीतारमण ने कहा, 'अभाव और दबाव दोनों की जरूरत नहीं है. कमी नहीं होनी चाहिए, आपको ऐसी सरकार चाहिये जो उपस्थित रहे और जिससे काम करने की उम्मीद हो.'

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार को चुनाव के जरिए जनादेश मिला है और 5,000 अरब डालर की अर्थव्यवसथा बनने का रास्ता इसी में है.

उन्होंने कहा कि सरकार वहां होगी जहां सुविधा देनी होगी, सरकार प्रक्रियाओं को आसान बनाने के लिए होगी, सरकार वहां होगी जहां आपको हमारी जरूरत होगी.

चेन्नई, केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि 2014 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व में बनी केन्द्र सरकार ने सत्ता तंत्र और प्रशासन में जिस तरह का बदलाव और सफाई की है वह अपने आप में 'अविश्वसनीय' है. भाजपा सरकार ने यह काम बिना किसी वैरभाव और चिंता में पड़े किया है.

सीतारमण ने यहां 'पांच हजार अरब डालर की अर्थव्यवस्था का मार्ग' पर आयोजित नानी पालखीवाला स्मारक व्याख्यान देते हुए कहा कि 2014 से 2016 तक कई तरह के सवाल उठाये गये कि सुधारों को तेजी से आगे क्यों नहीं बढ़ाया जा रहा है. इस तरह की भी टिप्पणियां की गई कि सरकार सुधारों को बढ़ाने में अक्षम है.

उन्होंने कहा कि सरकार पर आरोप लगाए गए उसकी आलोचना की गई कि सरकार कुछ करना चाहती है लेकिन वह नहीं कर रही है. सीतारमण ने कहा, 'मैं इसे स्वीकार करती हूं.'

सीतारमण ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इस बात को भी याद किया जो कि वह अक्सर कहा करते थे कि वह एक के बाद एक बदलाव में विश्वास नहीं करते हैं बल्कि देश को अच्छे परिवर्तनकारी बदलावों की दरकार है. भारत आज जिस स्थिति में है, यह मामूली बदलाव नहीं बल्कि बड़े परिवर्तनकारी बदलाव हैं. 'इसके बावजूद कोई भी यह कह सकता है कि पिछले पांच साल में सरकार ने कुछ नहीं किया. यह आलोचनात्मक विश्लेषण हो सकता है और मैं इसे भी सुनने को तैयार हूं.'

उन्होंने कहा, '2014 के बाद जिस तरह की सफाई और तंत्र में बदलाव सरकार को करना पड़ा वह अविश्वसनीय है और हमने यह काम बिना किसी वैरभाव और चिंता के किया ... हमें यह करना था और यह काम का हिस्सा है.'

पढ़ें- रेलवे के निजीकरण से किसी को कोई नुकसान नहीं : रेल राज्य मंत्री

देश को 5,000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने की कार्ययोजना विषय पर टिप्पणी करते हुए सीतारमण ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वक्तव्य को हवाला देते हुये कहा कि सरकार जिस रास्ते पर आगे बढ़ेगी उसमें 'सरकार का अभाव नहीं होना चाहिए, प्रभाव होना चाहिए और दबाव नहीं होना चाहिए.'

सीतारमण ने कहा, 'अभाव और दबाव दोनों की जरूरत नहीं है. कमी नहीं होनी चाहिए, आपको ऐसी सरकार चाहिये जो उपस्थित रहे और जिससे काम करने की उम्मीद हो.'

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार को चुनाव के जरिए जनादेश मिला है और 5,000 अरब डालर की अर्थव्यवसथा बनने का रास्ता इसी में है.

उन्होंने कहा कि सरकार वहां होगी जहां सुविधा देनी होगी, सरकार प्रक्रियाओं को आसान बनाने के लिए होगी, सरकार वहां होगी जहां आपको हमारी जरूरत होगी.

Intro:Body:

20 जनवरी : पहली बार सिनेमेटोग्राफर को मिला दादा साहब फाल्के पुरस्कार

नयी दिल्ली, 19 जनवरी (भाषा) फिल्म निर्माण की बात करें तो संख्या के लिहाज से भारत का दुनिया में पहला स्थान है और हर फिल्म के निर्माण में पर्दे के पीछे से सहयोग देने वालों में सिनेमेटोग्राफर का एक अहम योगदान होता है. फिल्म निर्माण में उल्लेखनीय योगदान देने वालों को पुरस्कृत करने के लिए वर्ष 1969 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार की स्थापना की गई और फिल्मी दुनिया के महान सिनेमेटोग्राफर वी के मूर्ति को वर्ष 2008 का दादा साहब फाल्के पुरकार दिया गया.



पिछली पीढ़ी के लोग वी के मूर्ति के नाम से वाकिफ होंगे. 1957 से 1962 के बीच में आई गुरुदत्त की बेहतरीन श्वेत श्याम फ़िल्मों 'चौदहवीं का चांद', 'काग़ज़ के फूल' और 'साहब बीवी और ग़ुलाम' को फ़िल्माने वाले सिनेमेटोग्राफर वी के मूर्ति को वर्ष 2008 के प्रतिष्ठित दादासाहब फाल्के पुरस्कार के लिए चुना गया और उन्हें 20 जनवरी 2010 को यह पुरस्कार प्रदान किया गया. एक सिनेमेटोग्राफर को फिल्म जगत का यह सर्वोच्च सम्मान हासिल करने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा.



देश दुनिया के इतिहास में 20 जनवरी की तारीख पर दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:- 

1817 : कलकत्ता हिंदू कॉलेज की स्थापना. मौजूदा समय में यह प्रेजीडेंसी कॉलेज के नाम से विख्यात है.



1957 : प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र, ट्रांबे (बंबई) में स्थापित देश के पहले परमाणु रिएक्टर अप्सरा का उद्घाटन किया.



1961 : अमेरिका के राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी ने ऐतिहासिक भाषण दिया, जिसमें उन्होंने देशवासियों से कहा, 'यह मत पूछो कि तुम्हारा देश तुम्हारे लिए क्या कर सकता है बल्कि यह बताओ कि तुम अपने देश के लिए क्या कर सकते हो.'

1972 : अरूणाचल प्रदेश, जो पहले नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर एजेंसी था, केन्द्र शासित क्षेत्र बना और मेघालय को राज्य का दर्जा दिया गया.



1981 : ईरान में बंधक संकट समाप्त. अयातुल्लाह खुमैनी ने 15 महीने से बंधक बनाए गए 52 अमेरिकियों को रिहा कर दिया.



1988 : स्वतंत्रता सेनानी भारत रत्न ख़ान अब्दुल गफ़्फ़ार ख़ान का निधन.



2009 : बराक ओबामा अमेरिका के 44वें राष्ट्रपति बने. वह यह पद ग्रहण करने वाले अफ्रीकी मूल के पहले अमेरिकी थे.



2018 : नेत्रहीन क्रिकेट विश्व कप में भारत ने लगातार दूसरी बार खिताबी जीत हासिल की.


Conclusion:
Last Updated : Jan 20, 2020, 12:01 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.