नई दिल्ली: गूगल लगातार अलग-अलग मुद्दों पर डूडल बनाता रहा है. इस बार इसके होमपेज पर LGBTQ + प्राइड के नाम पर एक डूडल बनाया गया है. देखने में ये सतरंगी है. इन सात रंगों के माध्यम से गूगल ने सात स्लाइड में समुदाय की प्राइड परेड का सफर दिखाया है. ये सफर पूरे 50 सालों को बयां कर रहा है.
सात स्लाइड में जो यात्रा दिखाई गई है उसमें हर रंग का अलग महत्व है. हर स्लाइड में अलग रंगों का प्रयोग कर हर दशक के संघर्ष को दर्शाया गया है. प्रत्येक सलाइड पर 1969-2019 तक हर दसवां साल अंकित है.
जून का महीना प्राइड मंथ कहा जाता है. लोगों के बीच गे, लेस्बियन, ट्रांसजेंडर, बायसेक्सुएल और क्वीर जैसी लैंगिकता को सम्मान और पहचान मिलने के बाद से ही ये परेड निकाली जाने लगी है. इस समुदाय से जुड़े लोग अपनी पहचान को उजागर करते हुए, इस पर गर्व करते हैं और पूरे जोश के साथ उत्सव की तरह इसे मनाते हैं.
हर साल अमेरिका के न्यूयॉर्क सिटी की क्रिस्टोफर स्ट्रीट पर परेड निकाली जाती है. इस परेड में इस समुदाय के सभी लोग जुड़ते हैं. सिर्फ न्यूयॉर्क में ही नहीं, बल्कि कई देशों में इस तरह की परेड निकाली जाती हैं. कई देशों में इसे स्वीकृति भी मिल गई है. वहीं कई देश ऐसे भी है, जो इसे अपराध मानते हैं.
जैसे रंगभेद के खिलाफ सबसे पहले अवाज अमेरिका में उठी उसी तरह ही इस भेदभाव के खिलाफ भी सबसे पहले अमेरिका ने ही कदम बढ़ाया. 1950 में इस आंदोलन की शुरूआत हो गई थी. धीरे-धीरे इन लोगों की आवाज दुनिया के बीच 1960 के दशक में पहुंचने लगी. इसके बाद से ही सभी समलैंगिक और ट्रांस्जेंडर घरों से बाहर निकल कर सड़कों पर प्रदर्शन करने लगे, जिसके बाद ही दुनिया में पहली प्राइट परेड निकाली गई.
यहीं से एक बड़े बदलाव की शुरुआत हुई. इस साल की ये परेड काफी खास मानी जा रही है क्योंकि इसको पूरे 50 साल हो गए हैं. हमारे देश भारत में भी ये अब अपराध नहीं रहा है. साल 2018 सुप्रीम कोर्ट ने इस पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया था और इसको मान्याता मिल गई थी.