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भारत के पास विश्व नेताओं का समर्थन, चीन अकेला है: कमर आगा

पूर्वी लद्दाख में हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे. इसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है. रक्षा विशेषज्ञ कमर आगा का मानना है कि भारत के पास चीन के खालफ विश्व नेताओं का समर्थन होगा.

Global powers with india
प्रतीकात्मक फोटो
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Published : Jun 19, 2020, 1:52 AM IST

Updated : Jun 19, 2020, 2:14 AM IST

हैदराबाद: भारत और चीन के बीच चल रहे पूर्वी लद्दाख गतिरोध को लेकर रक्षा विशेषज्ञ कमर आगा ने कहा कि तनाव बढ़ने पर भारत के पास चीन के खालफ विश्व नेताओं का समर्थन होगा. उन्होंने कहा कि चीन समृद्ध देश है लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वह अकेला है.

ईटीवी भारत से खास बातचीत में रक्षा विशेषज्ञ कमर आगा ने कहा कि इस मामले में रूस महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. डोकलाम गतिरोध के दौरान वह भारत के साथ था. भारत के रूस के साथ मजबूत संबंध हैं. वह भारत के खिलाफ सैन्य कार्रवाई न करने के लिए चीन पर दबाव बनाएगा.

कमर आगा की ईटीवी भारत से खास बातचीत

उन्होंने आगे कहा कि रूस के साथ भारत को पूर्वी यूरोपीय देशों का भी समर्थन मिलेगा. भारत के 70 फीसदी हथियार रूस और पूर्वी यूरोप से आते हैं. चीन समृद्ध है लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसकी छवि वैश्विक शक्ति के रूप में नहीं है. गलवान में हुई झड़पों के बाद उसकी छवि को और नुकसान पहुंचा है.

दक्षिण एशियाई देशों के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि नेपाल और श्रीलंका भारत के लिए समस्या नहीं खड़ी करेंगे. दक्षिण एशिया और पूर्वी एशिया के लगभग 8-10 देश भारत का समर्थन करेंगे. यही नहीं, दक्षिण चीन सागर के आसपास के राष्ट्र भी भारत का समर्थन करेंगे.

उन्होंने कहा कि जापान के साथ चीन के संबंध स्थिर नहीं हैं. इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और दक्षिण कोरिया भी उससे नाखुश हैं. भारत के इन देशों के साथ संबंध अच्छे हैं और भारत को सभी को साथ लेकर चलना होगा.

हैदराबाद: भारत और चीन के बीच चल रहे पूर्वी लद्दाख गतिरोध को लेकर रक्षा विशेषज्ञ कमर आगा ने कहा कि तनाव बढ़ने पर भारत के पास चीन के खालफ विश्व नेताओं का समर्थन होगा. उन्होंने कहा कि चीन समृद्ध देश है लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वह अकेला है.

ईटीवी भारत से खास बातचीत में रक्षा विशेषज्ञ कमर आगा ने कहा कि इस मामले में रूस महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. डोकलाम गतिरोध के दौरान वह भारत के साथ था. भारत के रूस के साथ मजबूत संबंध हैं. वह भारत के खिलाफ सैन्य कार्रवाई न करने के लिए चीन पर दबाव बनाएगा.

कमर आगा की ईटीवी भारत से खास बातचीत

उन्होंने आगे कहा कि रूस के साथ भारत को पूर्वी यूरोपीय देशों का भी समर्थन मिलेगा. भारत के 70 फीसदी हथियार रूस और पूर्वी यूरोप से आते हैं. चीन समृद्ध है लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसकी छवि वैश्विक शक्ति के रूप में नहीं है. गलवान में हुई झड़पों के बाद उसकी छवि को और नुकसान पहुंचा है.

दक्षिण एशियाई देशों के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि नेपाल और श्रीलंका भारत के लिए समस्या नहीं खड़ी करेंगे. दक्षिण एशिया और पूर्वी एशिया के लगभग 8-10 देश भारत का समर्थन करेंगे. यही नहीं, दक्षिण चीन सागर के आसपास के राष्ट्र भी भारत का समर्थन करेंगे.

उन्होंने कहा कि जापान के साथ चीन के संबंध स्थिर नहीं हैं. इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और दक्षिण कोरिया भी उससे नाखुश हैं. भारत के इन देशों के साथ संबंध अच्छे हैं और भारत को सभी को साथ लेकर चलना होगा.

Last Updated : Jun 19, 2020, 2:14 AM IST
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