नई दिल्ली: पाकिस्तान के पीएम इमरान खान द्वारा बातचीत के प्रस्ताव के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिश्केक में हाल ही में संपन्न शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में अपना रुख स्पष्ट कर दिया है. यह स्पष्ट संकेत है कि उनकी सरकार की पाकिस्तान नीति 2014 जैसी नहीं होगी.
पूर्व राजनयिक अचल मल्होत्रा ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत करते हुए कहा, 'जब तक पाकिस्तान आतंकवाद के मुद्दे पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं करता तब तक भारत के ऊपर किसी भी तरह का पाक से बातचीत का दबाव नहीं है.'
अचल मल्होत्रा जो 1981 बैच के भारतीय विदेश सेवा में काम कर चुके हैं, उन्होंने कहा, 'पीएम मोदी ने पाकिस्तान नीति पर विचार किया है. पीएम का मानना है कि अभी के हालात को देखते हुए पहले वाली नीति ही अपनाई जाएगी. वही नीति जो 2016 पठानकोट हमले के बाद अपनाई गई थी.
यह पूछे जाने पर कि क्या पाकिस्तान की बालाकोट हवाई हमले की कार्रवाई वास्तविक है या हमेशा की तरह आंखों में धूल झोंकने जैसी है. इसके जवाब में उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान अभी जबरदस्त अंतरराष्ट्रीय दबाव में है. उसके ऊपर आर्थिक संकट है. साथ ही उन्हें फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की ओर से दबाव का सामना करना पड़ रहा है. ऊपरी तौर पर ये कार्रवाई की जा रही है.
उन्होंने आगे कहा कि भारत को पाकिस्तान को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है. इसके बजाय उसे घरेलू मामलों और विशेष रूप से कश्मीर पर अपना ध्यान केंद्रित रखने की आवश्यकता है.
पुलवामा हमले के बाद से भारत पाक के बीच संबंधों में काफी तनाव आ गया है. बातें अब सामान्य नहीं रही हैं. पुलवामा हमले में 40 सीआरपीएफ जवान मारे गए थे.