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पाकिस्तान पर पीएम मोदी नीति एकदम साफ: पूर्व राजनयिक - Shanghai Cooperation Organistion summit

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिश्केक सम्मेलन के दौरान पाकिस्तान के पीएम इमरान खान से दूरी बनाई. यह स्पष्ट संकेत है कि मोदी सरकार की पाकिस्तान नीति 2014 जैसी कतई नहीं है.

अचल मल्होत्रा से etv भारत की बातचीत
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Published : Jun 18, 2019, 3:23 PM IST

Updated : Jun 18, 2019, 3:30 PM IST

नई दिल्ली: पाकिस्तान के पीएम इमरान खान द्वारा बातचीत के प्रस्ताव के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिश्केक में हाल ही में संपन्न शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में अपना रुख स्पष्ट कर दिया है. यह स्पष्ट संकेत है कि उनकी सरकार की पाकिस्तान नीति 2014 जैसी नहीं होगी.

अचल मल्होत्रा (पूर्व राजनयिक)

पूर्व राजनयिक अचल मल्होत्रा ​​ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत करते हुए कहा, 'जब तक पाकिस्तान आतंकवाद के मुद्दे पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं करता तब तक भारत के ऊपर किसी भी तरह का पाक से बातचीत का दबाव नहीं है.'

अचल मल्होत्रा ​​जो 1981 बैच के भारतीय विदेश सेवा में काम कर चुके हैं, उन्होंने कहा, 'पीएम मोदी ने पाकिस्तान नीति पर विचार किया है. पीएम का मानना है कि अभी के हालात को देखते हुए पहले वाली नीति ही अपनाई जाएगी. वही नीति जो 2016 पठानकोट हमले के बाद अपनाई गई थी.

यह पूछे जाने पर कि क्या पाकिस्तान की बालाकोट हवाई हमले की कार्रवाई वास्तविक है या हमेशा की तरह आंखों में धूल झोंकने जैसी है. इसके जवाब में उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान अभी जबरदस्त अंतरराष्ट्रीय दबाव में है. उसके ऊपर आर्थिक संकट है. साथ ही उन्हें फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की ओर से दबाव का सामना करना पड़ रहा है. ऊपरी तौर पर ये कार्रवाई की जा रही है.

उन्होंने आगे कहा कि भारत को पाकिस्तान को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है. इसके बजाय उसे घरेलू मामलों और विशेष रूप से कश्मीर पर अपना ध्यान केंद्रित रखने की आवश्यकता है.

पुलवामा हमले के बाद से भारत पाक के बीच संबंधों में काफी तनाव आ गया है. बातें अब सामान्य नहीं रही हैं. पुलवामा हमले में 40 सीआरपीएफ जवान मारे गए थे.

नई दिल्ली: पाकिस्तान के पीएम इमरान खान द्वारा बातचीत के प्रस्ताव के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिश्केक में हाल ही में संपन्न शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में अपना रुख स्पष्ट कर दिया है. यह स्पष्ट संकेत है कि उनकी सरकार की पाकिस्तान नीति 2014 जैसी नहीं होगी.

अचल मल्होत्रा (पूर्व राजनयिक)

पूर्व राजनयिक अचल मल्होत्रा ​​ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत करते हुए कहा, 'जब तक पाकिस्तान आतंकवाद के मुद्दे पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं करता तब तक भारत के ऊपर किसी भी तरह का पाक से बातचीत का दबाव नहीं है.'

अचल मल्होत्रा ​​जो 1981 बैच के भारतीय विदेश सेवा में काम कर चुके हैं, उन्होंने कहा, 'पीएम मोदी ने पाकिस्तान नीति पर विचार किया है. पीएम का मानना है कि अभी के हालात को देखते हुए पहले वाली नीति ही अपनाई जाएगी. वही नीति जो 2016 पठानकोट हमले के बाद अपनाई गई थी.

यह पूछे जाने पर कि क्या पाकिस्तान की बालाकोट हवाई हमले की कार्रवाई वास्तविक है या हमेशा की तरह आंखों में धूल झोंकने जैसी है. इसके जवाब में उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान अभी जबरदस्त अंतरराष्ट्रीय दबाव में है. उसके ऊपर आर्थिक संकट है. साथ ही उन्हें फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की ओर से दबाव का सामना करना पड़ रहा है. ऊपरी तौर पर ये कार्रवाई की जा रही है.

उन्होंने आगे कहा कि भारत को पाकिस्तान को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है. इसके बजाय उसे घरेलू मामलों और विशेष रूप से कश्मीर पर अपना ध्यान केंद्रित रखने की आवश्यकता है.

पुलवामा हमले के बाद से भारत पाक के बीच संबंधों में काफी तनाव आ गया है. बातें अब सामान्य नहीं रही हैं. पुलवामा हमले में 40 सीआरपीएफ जवान मारे गए थे.

Intro:Despite Imran Khan's request for talks, Prime Minister Narendra Modi decided to look the other way at the recently concluded Shanghai Cooperation Organistion summit in Bishkek. Clearly signalling that his government's Pakistan policy won't be like 2014.


Body:Talking exclusively to ETV Bharat, Former Diplomat Achal Malhotra said, 'until Pakistan takes any verifiable action against India specific today groups their is no compulsion on India to talk to them.'

Achal Malhotra who belongs to 1981 batch Indian Foreign Services further elaborated saying, 'PM Modi has adhered the Pakistan policy that he followed post Pathankot terror attack in 2016. This is the continuity of that policy.'

When asked whether action taken by Pakistan post Balakot air strike is genuine or an eyewash like always, he said, 'Pakistan is under tremendous international pressure right now. They have their own economic crisis. Plus, they are also facing heat from the Financial Action Task Force. So, these are mere cosmetic measure from them.'


Conclusion:The former diplomat even went on to say that India shouldn't worry about Pakistan, rather it needs to keep its focus on the domestic affairs and specially Kashmir.

India and Pakistan have been at loggerheads since the Pulwama terror attack in February which resulted in the death of more than 40 CRPF personnel sponsored by Pakistan backed Jaish-e-Mohammad.

After which Indian air force launched air strike at a Pakistan based terror base in Balakot. This move from India received a global applause.

Last Updated : Jun 18, 2019, 3:30 PM IST
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