ETV Bharat / bharat

ग्राउंड रिपोर्ट : चंपारण तटबंध पर सैकड़ों की तादाद में शरण लिए हैं बाढ़ पीड़ित - बिहार में बाढ़

बाढ़ को लेकर सरकार के दावों के बीच ईटीवी भारत के संवाददाता पश्चिम चंपारण जिले के नौतन प्रखंड के विशंभरपुर गांव में स्थिति का जायजा लेने पहुंचे. सरकारी दावों की हकीकत जानें इस रिपोर्ट में..

concept image
डिजाइन इमेज
author img

By

Published : Jul 18, 2020, 10:52 PM IST

पटना : बिहार की कई नदियां उफान पर हैं. जिससे कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है. ईटीवी भारत लगातार बाढ़ की स्थिति पर ग्राउंड रिपोर्ट दे रहा है. इसी क्रम में हमारे संवाददाता जिला पश्चिम चंपारण (बेतिया) जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूरी पर स्थित नौतन प्रखंड के विशंभरपुर गांव पहुंचे. जहां से पूरे गांव के पानी की चपेट में आने की तस्वीरें सामने आई हैं. वहीं गोपालगंज सदर प्रखंड के कटघरवा गांव में फैले बाढ़ के पानी के बीच एक युवक पांच दिनों से फंसा रहा. उसका ये वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि युवक झोपड़ी के छत से हाथ हिलाकर बचाने की गुहार लगा रहा है.

बता दें कि पिछले कई दिनों से गंडक नदी ने गोपालगंज में तबाही मचाना शुरू कर दिया है. वहीं अचानक गांव में बाढ़ का पानी घुस जाने के कारण लोग पलायन करने लगे हैं. वही सदर प्रखंड के कटघरवा गांव का एक युवक पिछले पांच दिनों से झोपड़ी के ऊपरी हिस्से में फंसा हुआ था. कोई नाव नहीं देख कर उसने पांच दिनों तक चूड़ा खा कर झोपड़ी पर ही गुजार दिया.

वायरल वीडियो

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो
आखिरकार जब उसे नाव दिखाई दी तो उसने जोर से चिल्लाकर मदद की गुहार लगाई. वो कहने लगा कि हमें भी ले चलिए, पांच दिनों से फंसे हैं. पानी के बीच फंसे युवक को नाव पर बैठाकर उसे ऊंचे स्थान पर ले जाया गया. युवक का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने लगा.

लोगों का हाल बेहाल
नौतन प्रखंड का विशंभरपुर गांव पूरी तरह डूब चुका है. लोगों के घरों में पानी घुस चुका है और वे गांव से पलायन कर चुके हैं. जिससे यहां के लोगों का हाल बेहाल है, लेकिन उन्हें देखने वाला कोई नहीं है. लगभग सैकड़ों घर पानी में डूब चुके हैं. पिछले 5 दिनों से यहां के लोगों की यही स्थिति है.

देखें ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट

नहीं मिली अब तक कोई सरकारी मदद
गांव में जाने के लिए एकमात्र नाव ही सहारा है. लोग खाने के लिए तरस रहे हैं. वे सरकारी मदद का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन इन पांच दिनों में सरकार या जिला प्रशासन की तरफ से उन्हें कोई मदद नहीं मिली. यहां तक की कोई अधिकारी भी ग्रामीणों का हाल चाल लेने नहीं पहुंचे.

situation of flood
बाढ़ से गांव में भरा पानी

तहस-नहस हो चुके हैं घर
विशंभरपुर गांव के लोग अपनी बदहाली पर रो रहे हैं. बच्चे बूढ़े जवान सब सड़कों पर रहने को मजबूर हो गए हैं. नाव पर बैठकर ग्रामीण प्रतिदिन अपने तहस-नहस हो चुके घर को इस उम्मीद में देखने आते हैं कि कहीं कुछ बचा हो जिसे वे सुरक्षित ले जा सके.

situation of flood
सुरक्षित स्थान पर जाते लोग

पढ़ें : असम में बाढ़ : 53 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित, अब तक 76 मौतें

भूखे सो रहे बच्चे
दरअसल, गंडक नदी के बढ़ते जलस्तर के देखते हुए नदी से पानी को छोड़ा गया. जो गांव में प्रवेश कर गया और पूरा गांव जलमय में हो गया. दूर-दूर तक सिर्फ पानी ही पानी नजर आ रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि हमारे बच्चे भूखे सो रहे हैं. हमारे पास खाने के लिए कुछ नहीं है. हम पूरी तरह बर्बाद हो चुके हैं.

सरकार से मदद की आस
इन बाढ़ पीड़ितों को सरकार से मदद की आस है. अब देखना होगा कि कब तक प्रशासन इनकी गुहार सुनता है और पीड़ितों तक मदद पहुंच पाती है. सरकार के अधिकारी और मंत्री लगातार बाढ़ को लेकर पूरी व्यवस्था होने के दावे करते आए हैं. लेकिन विशंभरपुर गांव के लोगों की स्थिति कुछ और ही बयां कर रही है.

पटना : बिहार की कई नदियां उफान पर हैं. जिससे कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है. ईटीवी भारत लगातार बाढ़ की स्थिति पर ग्राउंड रिपोर्ट दे रहा है. इसी क्रम में हमारे संवाददाता जिला पश्चिम चंपारण (बेतिया) जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूरी पर स्थित नौतन प्रखंड के विशंभरपुर गांव पहुंचे. जहां से पूरे गांव के पानी की चपेट में आने की तस्वीरें सामने आई हैं. वहीं गोपालगंज सदर प्रखंड के कटघरवा गांव में फैले बाढ़ के पानी के बीच एक युवक पांच दिनों से फंसा रहा. उसका ये वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि युवक झोपड़ी के छत से हाथ हिलाकर बचाने की गुहार लगा रहा है.

बता दें कि पिछले कई दिनों से गंडक नदी ने गोपालगंज में तबाही मचाना शुरू कर दिया है. वहीं अचानक गांव में बाढ़ का पानी घुस जाने के कारण लोग पलायन करने लगे हैं. वही सदर प्रखंड के कटघरवा गांव का एक युवक पिछले पांच दिनों से झोपड़ी के ऊपरी हिस्से में फंसा हुआ था. कोई नाव नहीं देख कर उसने पांच दिनों तक चूड़ा खा कर झोपड़ी पर ही गुजार दिया.

वायरल वीडियो

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो
आखिरकार जब उसे नाव दिखाई दी तो उसने जोर से चिल्लाकर मदद की गुहार लगाई. वो कहने लगा कि हमें भी ले चलिए, पांच दिनों से फंसे हैं. पानी के बीच फंसे युवक को नाव पर बैठाकर उसे ऊंचे स्थान पर ले जाया गया. युवक का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने लगा.

लोगों का हाल बेहाल
नौतन प्रखंड का विशंभरपुर गांव पूरी तरह डूब चुका है. लोगों के घरों में पानी घुस चुका है और वे गांव से पलायन कर चुके हैं. जिससे यहां के लोगों का हाल बेहाल है, लेकिन उन्हें देखने वाला कोई नहीं है. लगभग सैकड़ों घर पानी में डूब चुके हैं. पिछले 5 दिनों से यहां के लोगों की यही स्थिति है.

देखें ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट

नहीं मिली अब तक कोई सरकारी मदद
गांव में जाने के लिए एकमात्र नाव ही सहारा है. लोग खाने के लिए तरस रहे हैं. वे सरकारी मदद का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन इन पांच दिनों में सरकार या जिला प्रशासन की तरफ से उन्हें कोई मदद नहीं मिली. यहां तक की कोई अधिकारी भी ग्रामीणों का हाल चाल लेने नहीं पहुंचे.

situation of flood
बाढ़ से गांव में भरा पानी

तहस-नहस हो चुके हैं घर
विशंभरपुर गांव के लोग अपनी बदहाली पर रो रहे हैं. बच्चे बूढ़े जवान सब सड़कों पर रहने को मजबूर हो गए हैं. नाव पर बैठकर ग्रामीण प्रतिदिन अपने तहस-नहस हो चुके घर को इस उम्मीद में देखने आते हैं कि कहीं कुछ बचा हो जिसे वे सुरक्षित ले जा सके.

situation of flood
सुरक्षित स्थान पर जाते लोग

पढ़ें : असम में बाढ़ : 53 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित, अब तक 76 मौतें

भूखे सो रहे बच्चे
दरअसल, गंडक नदी के बढ़ते जलस्तर के देखते हुए नदी से पानी को छोड़ा गया. जो गांव में प्रवेश कर गया और पूरा गांव जलमय में हो गया. दूर-दूर तक सिर्फ पानी ही पानी नजर आ रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि हमारे बच्चे भूखे सो रहे हैं. हमारे पास खाने के लिए कुछ नहीं है. हम पूरी तरह बर्बाद हो चुके हैं.

सरकार से मदद की आस
इन बाढ़ पीड़ितों को सरकार से मदद की आस है. अब देखना होगा कि कब तक प्रशासन इनकी गुहार सुनता है और पीड़ितों तक मदद पहुंच पाती है. सरकार के अधिकारी और मंत्री लगातार बाढ़ को लेकर पूरी व्यवस्था होने के दावे करते आए हैं. लेकिन विशंभरपुर गांव के लोगों की स्थिति कुछ और ही बयां कर रही है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.