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असम में बाढ़ का कहर: 33 जिलों में से 32 बाढ़ ग्रसित, मरने वालों की संख्या 17 के पार

असम में पिछले कुछ दिनों से लगातार भारी बारिश हो रही है. यहां हालात ये है राज्य के 33 जिलों में से 32 जिले बाढ़ ग्रसित हैं. साथ ही 4620 गांव भी बाढ़ की चपेट में हैं. पढ़ें पूरी खबर.

असम में बाढ़ का कहर
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Published : Jul 16, 2019, 1:11 PM IST

Updated : Jul 16, 2019, 11:00 PM IST

गुवाहाटीः असम में आई बाढ़ की स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है. राज्य के 33 जिलों में से 32 में बाढ़ का कहर जारी है.

इस संबंध में असम राज्‍य आपदा प्रबंधन द्वारा एक रिपोर्ट जारी की गई है. इसके मुताबिक, 44.76 आबादी बाढ़ की चपेट में हैं. इसके अलावा राज्य के 4620 गांव भी बाढ़ से ग्रसित हैं. अब तक बाढ़ में मरने वालों की संख्या 17 के पार पहुंच चुकी है.

बता दें, आज केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राज्य के माजूली इलाके का दौर कर घटनास्थल का जायजा लिया. इसके साथ ही उन्होंने राज्य के लिए 251.5 करोड़ की सहायता राशि देने की घोषणा की.

वहीं काजीरंगा नेशनल पार्क का 80 प्रतिशत से अधिक भाग जलमग्न हो चुका है. इस पार्क को दुनिया भर में एक सींग वाले गैंड़ों का घर कहा जाता है. असम में बाढ़ से बढ़ते जलस्तर के कारण, पार्क के जानवर आंग्लोंग जिले के काबरी पहाड़ी पर जाने को मजबूर है.

असम जलप्रलयः 80% जलमग्न हुआ काजीरंगा नेशनल पार्क

जलप्रलय से बचने के लिए जानवरों को पार्क से सटे खतरनाक नेशनल हाइवे 37 को पार करना पड़ रहा है.

पढे़ंः काजीरंगा नेशनल पार्क 70% डूबा, सुरक्षित जगहों पर भेजे गए जानवर

बाढ़ की गंभीर स्थिति को देखते हुए, राष्ट्रीय उद्यान के आसपास रहने वाले स्थानीय निवासी मदद कर रहें हैं, डूबते हुए जानवरों को बचा कर उन्हें वन विभाग के अधिकारियों को सौंप रहे हैं. जो उनके पुनर्वास को निश्चित कर रहे हैं.

वन विभाग अवैध शिकार करने वाले शिकारियों से पूरी से सतर्क है. जखलाबंध से नुमालीगढ़ तक पार्क क्षेत्र से गुजरने वाले वाहनों को 40 किमी / घंटा की गति सीमा बनाए रखने के लिए कहा गया है. और वाहनों को आने-जाने के समय निर्धारित किया गया है. जिससे सड़क पार करने वाले जानवरों की सुरक्षा की जा सकें.

ब्रम्हपुत्रा नदी हर साल काजीरंगा पार्क का कुछ हिस्सा काट ले जाती है. काजीरंगा पार्क का कागज पर कुल भू-भाग 1,030 वर्ग किमी है. लेकिन मौजूदा समय में 884 वर्ग किमी बचा है.
आधिकारिक आकड़े के अनुसार, 2017 में काजींरंगा नेशनल पार्क में 360 से अधिक जानवर बाढ़ में डूब कर मर गये थे. जिनमें 31 एक सींग वाले गैडा थे.

सोमवार को असम में बाढ़ की स्थिति और बदतर थी. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने एक रिपोर्ट में कहा, जोरहाट, बारपेटा और धुबरी जिलों में हुई 4 मौतों के साथ, मौत की संख्या 13 हो गई.

इस बाढ़ से 28 जिले के 26.5 लोग प्रभावित है. काजीरंगा नेशनल पार्क के पास नेशनल हाइवे 37 के पानी में डूबें हुए के कारण के असम के ऊपरी और निचले हिस्से में आवागमन बंद है. राज्य प्राधिकरण ने नेशनल हाइवे पर बड़ी गाड़ियों के आवागमन पर रोक लगा दिया है.

गुवाहाटीः असम में आई बाढ़ की स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है. राज्य के 33 जिलों में से 32 में बाढ़ का कहर जारी है.

इस संबंध में असम राज्‍य आपदा प्रबंधन द्वारा एक रिपोर्ट जारी की गई है. इसके मुताबिक, 44.76 आबादी बाढ़ की चपेट में हैं. इसके अलावा राज्य के 4620 गांव भी बाढ़ से ग्रसित हैं. अब तक बाढ़ में मरने वालों की संख्या 17 के पार पहुंच चुकी है.

बता दें, आज केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राज्य के माजूली इलाके का दौर कर घटनास्थल का जायजा लिया. इसके साथ ही उन्होंने राज्य के लिए 251.5 करोड़ की सहायता राशि देने की घोषणा की.

वहीं काजीरंगा नेशनल पार्क का 80 प्रतिशत से अधिक भाग जलमग्न हो चुका है. इस पार्क को दुनिया भर में एक सींग वाले गैंड़ों का घर कहा जाता है. असम में बाढ़ से बढ़ते जलस्तर के कारण, पार्क के जानवर आंग्लोंग जिले के काबरी पहाड़ी पर जाने को मजबूर है.

असम जलप्रलयः 80% जलमग्न हुआ काजीरंगा नेशनल पार्क

जलप्रलय से बचने के लिए जानवरों को पार्क से सटे खतरनाक नेशनल हाइवे 37 को पार करना पड़ रहा है.

पढे़ंः काजीरंगा नेशनल पार्क 70% डूबा, सुरक्षित जगहों पर भेजे गए जानवर

बाढ़ की गंभीर स्थिति को देखते हुए, राष्ट्रीय उद्यान के आसपास रहने वाले स्थानीय निवासी मदद कर रहें हैं, डूबते हुए जानवरों को बचा कर उन्हें वन विभाग के अधिकारियों को सौंप रहे हैं. जो उनके पुनर्वास को निश्चित कर रहे हैं.

वन विभाग अवैध शिकार करने वाले शिकारियों से पूरी से सतर्क है. जखलाबंध से नुमालीगढ़ तक पार्क क्षेत्र से गुजरने वाले वाहनों को 40 किमी / घंटा की गति सीमा बनाए रखने के लिए कहा गया है. और वाहनों को आने-जाने के समय निर्धारित किया गया है. जिससे सड़क पार करने वाले जानवरों की सुरक्षा की जा सकें.

ब्रम्हपुत्रा नदी हर साल काजीरंगा पार्क का कुछ हिस्सा काट ले जाती है. काजीरंगा पार्क का कागज पर कुल भू-भाग 1,030 वर्ग किमी है. लेकिन मौजूदा समय में 884 वर्ग किमी बचा है.
आधिकारिक आकड़े के अनुसार, 2017 में काजींरंगा नेशनल पार्क में 360 से अधिक जानवर बाढ़ में डूब कर मर गये थे. जिनमें 31 एक सींग वाले गैडा थे.

सोमवार को असम में बाढ़ की स्थिति और बदतर थी. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने एक रिपोर्ट में कहा, जोरहाट, बारपेटा और धुबरी जिलों में हुई 4 मौतों के साथ, मौत की संख्या 13 हो गई.

इस बाढ़ से 28 जिले के 26.5 लोग प्रभावित है. काजीरंगा नेशनल पार्क के पास नेशनल हाइवे 37 के पानी में डूबें हुए के कारण के असम के ऊपरी और निचले हिस्से में आवागमन बंद है. राज्य प्राधिकरण ने नेशनल हाइवे पर बड़ी गाड़ियों के आवागमन पर रोक लगा दिया है.

Intro:Body:

As the whole of Assam is under flood, Kaziranga National Park has been submerged by the water of the Brahmaputra river. The wild animals inhabiting in the National Park are fleeing to the Karbi Hills. The NH37 which runs along the National Park has also been submerged by water. Wild animals are crossing the busy highway to get to the highlands of the Karbi Hills. The animals which have escaped to nearby areas are being rescued by the locals and being handed over to the Forest Department. Although the national highway has been closed for commute yet some vehicals are being allowed to cross the forest area under the survelliance of the forest officials and general public.


Conclusion:
Last Updated : Jul 16, 2019, 11:00 PM IST
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