चेन्नई : कोरोना महामारी के प्रसार को रोकने के मद्देनजर तमिलनाडु में लॉकडाउन लागू किया गया है. प्रशासनिक निर्देशों का उल्लंघन करने और पुलिस के साथ द्वंद्व युद्ध करने के आरोप में पिता-पुत्र को गिरफ्तार किया गया था. जानकारी के मुताबिक पिता-पुत्र की मौत पुलिस की भयानक मारपीट के बाद हुई है.
जानकारी के मुताबिक तूतुकुड़ी पुलिस ने कथित तौर से हिरासत में हिंसा की, जिससे दोनों ने घायल अवस्था में दम तोड़ दिया. मृतकों की पहचान जयराज (56) और फेनिक्स (32) के रूप में हुई है. कोरोना संकट को संभालने के दौरान हुई इस घटना के बाद पुलिस की तीखी आलोचना की जा रही है.
वहीं फेनिक्स के दोस्त ने बताया कि वह जब जेल में उससे मिलने गया तो फेनिक्स के शरीर से खून बह रहा था.
इस घटना के बाद कोविलपट्टी में भारी आक्रोश देखा गया. जयराज और फेनिक्स के दोस्तों और परिजनों ने पिटाई करने वाले पुलिसकर्मियों और होमगार्ड के जवानों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की.
जिला प्रशासन के सूत्रों के अनुसार इस घटना में शामिल दो पुलिसकर्मियों की छुट्टी पर भेज दिया गया है और एक विभागीय जांच का आदेश दिया गया है. पड़ोसी जिले का एक न्यायिक मजिस्ट्रेट इस मामले की जांच कर रहे हैं. मजिस्ट्रेट उपयुक्त फोरम में अपनी रिपोर्ट दाखिल करेंगे.
कैसे हुई घटना
19 जून को सथानकुलम इलाके में जयराज अपने बेटे फेनिक्स की मोबाइल फोन की दुकान चला रहा था. स्थानीय पुलिस के गश्ती दल शाम 7.30 बजे दुकान बंद करने को कहा. उसने कथित तौर पर पुलिसकर्मियों के साथ बहस की.
बहस गंभीर होने के बाद पुलिस ने जयराज को हिरासत में ले लिया. घटना की जानकारी मिलने के बाद जयराज का बेटा फेनिक्स आनन-फानन में सथानकुलम पुलिस स्टेशन पहुंचा. थाने में जयराज को पुलिसकर्मियों और होमगार्ड कर्मियों के एक समूह द्वारा पीटा जा रहा था.
फेनिक्स ने पिता की पिटाई का विरोध किया. इसके बाद पुलिस ने फेनिक्स को भी हिरासत में ले लिया और उसके पिता के साथ उसकी भी पिटाई की गई.
पुलिस के अनुसार, दोनों को एक अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया था और 21 जून को कोविलपट्टी में सब जेल में रखा गया था.
22 जून की शाम बेहोश होने के बाद फेनिक्स को कोविलपट्टी के सरकारी अस्पताल में लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत (brought dead) घोषित कर दिया. सेहत बिगड़ने के कारण इसी अस्पताल में पहले से ही इलाज के लिए भर्ती कराए गए जयराज की मंगलवार आधी रात को मौत हो गई. जानकारी के मुताबिक जयराज पर इलाज का कोई असर नहीं हो रहा था.
राजनीतिक लोगों की प्रतिक्रियाएं
तमिलनाडु विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष एमके स्टालिन, एमडीएमके सांसद वाइको, तूतुकुड़ी सांसद कनिमोझी, मनिठान्या मक्कल काची (एमएमके) प्रमुख प्रो एमएच जवाहिरुल्लाह और पर्यावरण कार्यकर्ता एसपी उदयकुमार सहित अन्य लोगों ने पुलिस के कथित नृशंस व्यवहार की निंदा की है.
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नेताओं ने सुझाव दिया था कि सरकार मानवाधिकारों की रक्षा के प्रति पुलिसकर्मियों को जागरूक बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाए. नेताओं ने कहा, 'शोक संतप्त परिवार न्याय के हकदार हैं और उन जिम्मेदार लोगों को इन 'हत्याओं' के लिए अधिकतम सजा दी जानी चाहिए.'