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चुनाव प्रत्याशियों पर फैसला संसदीय बोर्ड ने लिया : फडणवीस

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा ने विनोद तावड़े, चंद्रशेखर बावनकुले और प्रकाश मेहता जैसे बड़े नेताओं को टिकट नहीं दिया था, जिसके बाद पूर्व सीएम फडणवीस की काफी आलोचना भी हुई थी. लेकिन अब फडणवीस ने इसे लेकर बयान दिया है. उनका कहना है कि नेताओं को टिकट न देने का फैसला केंद्रीय संसदीय बोर्ड का था. जानें फडणवीस ने सफाई देते हुए क्या कुछ कहा...

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चुनाव प्रत्याशियों पर फैसला संसदीय बोर्ड ने लिया
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Published : Dec 10, 2019, 8:16 AM IST

Updated : Dec 10, 2019, 4:01 PM IST

मुंबई : महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कुछ मंत्रिय‍ों एवं पार्टी नेताओं को चुनाव में टिकट न मिलने की बात को लेकर बयान दिया. उन्होंने कहा कि यह फैसला केंद्रीय संसदीय बोर्ड का था. साथ ही उन्होंने कहा कि अक्टूबर में हुए विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार उतारे जाने के संबंध में प्रदेश भाजपा इकाई ने कोई फैसला नहीं किया.

गौरतलब है कि संसदीय बोर्ड, भाजपा का निर्णय लेने वाला शीर्ष निकाय है.

विनोद तावड़े, चंद्रशेखर बावनकुले और प्रकाश मेहता जैसे पूर्व मंत्रियों को टिकट नहीं देने को लेकर फडणवीस की आलोचना हुई थी.

कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इस फैसले के चलते भाजपा को कई सीटों का नुकसान हुआ. भाजपा को 2014 में 122 सीटें मिली थीं, जो 2019 में घट कर 105 पर आ गई.

पढे़ं : विशेष लेखः क्या अपनी विचारधारा से पीछे हट रही है भाजपा ?

फडणवीस ने स्वीकार किया कि विदर्भ से प्रमुख नेता बावनकुले को टिकट नहीं देने से क्षेत्र में पार्टी को नुकसान हुआ.

वहीं, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने उनके खिलाफ जाति कार्ड खेला और अक्सर इसके बारे में अप्रत्यक्ष तौर पर टिप्पणी की.

फडणवीस ने मराठी दैनिक लोकसत्ता से साक्षात्कार में कहा, मैं ऐसा व्यक्ति नहीं हूं जो अपनी उपलब्धियों या इसका रिकॉर्ड रखूं कि कितने लोग मुझे स्वीकार करते हैं लेकिन मेरे काम की खास सफलता यह है कि पवार जो कि एक प्रगतिशील नेता हैं, उन्होंने कई मौकों पर मेरी जाति को लेकर अप्रत्यक्ष टिप्पणियां कीं.

मुंबई : महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कुछ मंत्रिय‍ों एवं पार्टी नेताओं को चुनाव में टिकट न मिलने की बात को लेकर बयान दिया. उन्होंने कहा कि यह फैसला केंद्रीय संसदीय बोर्ड का था. साथ ही उन्होंने कहा कि अक्टूबर में हुए विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार उतारे जाने के संबंध में प्रदेश भाजपा इकाई ने कोई फैसला नहीं किया.

गौरतलब है कि संसदीय बोर्ड, भाजपा का निर्णय लेने वाला शीर्ष निकाय है.

विनोद तावड़े, चंद्रशेखर बावनकुले और प्रकाश मेहता जैसे पूर्व मंत्रियों को टिकट नहीं देने को लेकर फडणवीस की आलोचना हुई थी.

कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इस फैसले के चलते भाजपा को कई सीटों का नुकसान हुआ. भाजपा को 2014 में 122 सीटें मिली थीं, जो 2019 में घट कर 105 पर आ गई.

पढे़ं : विशेष लेखः क्या अपनी विचारधारा से पीछे हट रही है भाजपा ?

फडणवीस ने स्वीकार किया कि विदर्भ से प्रमुख नेता बावनकुले को टिकट नहीं देने से क्षेत्र में पार्टी को नुकसान हुआ.

वहीं, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने उनके खिलाफ जाति कार्ड खेला और अक्सर इसके बारे में अप्रत्यक्ष तौर पर टिप्पणी की.

फडणवीस ने मराठी दैनिक लोकसत्ता से साक्षात्कार में कहा, मैं ऐसा व्यक्ति नहीं हूं जो अपनी उपलब्धियों या इसका रिकॉर्ड रखूं कि कितने लोग मुझे स्वीकार करते हैं लेकिन मेरे काम की खास सफलता यह है कि पवार जो कि एक प्रगतिशील नेता हैं, उन्होंने कई मौकों पर मेरी जाति को लेकर अप्रत्यक्ष टिप्पणियां कीं.

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.MUMBAI BOM25
MH-FADNAVIS-TICKETS
BJP parliamentary board decided on poll candidates: Fadnavis
         Mumbai, Dec 9 (PTI) Former Maharashtra Chief Minister
Devendra Fadnavis on Monday said it was the central
parliamentary board which decided to deny poll tickets to some
ministers and party leaders, and the BJP's state unit had no
say in fielding candidates for the October elections.
         The parliamentary board         is the BJP's top decision-
making body.
         Fadnavis has been criticised over denial of tickets to
former ministers like Vinod Tawde, Chandrashekhar Bawankule,
and Prakash Mehta for the October 21 assembly polls, a
decision, some say, led to the loss of many seats. The BJP's
tally came down to 105 in 2019 from 122 in 2014.
         Fadnavis admitted that not giving ticket to Bawankule,
a prominent Teli community leader from Vidarbha, hurt the
party in the region.
         The BJP had won 122 seats in the 2014 assembly polls
when it contested against the Shiv Sena Sena, the NCP and the
Congress. Several sitting ministers lost the elections in
2019, while others won with thin margins.
         Speaking to Marathi daily 'Loksatta' here, Fadnavis
said, "Chandrashekhar Bawankule was not given ticket this time
and it has certainly affected our performance. Some seats in
East Vidarbha region were lost, looks like if we had not
denied ticket to Bawankule we would not have lost them."
         "The state committee of BJP has not recommended
rejection of anyone's ticket. We were in favour of retaining
them, but the list we had sent to central parliamentary
committee was updated and some ministers' names were dropped,"
Fadnavis said.
         "Whether the decision of denying ticket was right or
wrong, the central parliamentary board alone can comment over
it. This was not the state unit's decision. The Maharashtra
BJP unit was in favour of giving ticket to these leaders,"
Fadnavis said.
         Some prominent OBC leaders in the state, including
Eknath Khadse and Pankaja Munde, expressed their unhappiness
with the state party leadership post-elections.
         Commenting over it, Fadnavis said, "I can clearly say
that the BJP is still the party of OBCs. Thought Prime
Minister Narendra Modi himself does not believe in caste
system, he himself represents OBCs."
         "Even the results of assembly polls indicate that the
BJP is still the party for OBCs," said the leader of
opposition in the Maharashtra assembly.
         "Out of the 105 MLAs, 35 are Marathas, 37 are OBCs and
18 are from SC and ST categories. It should explain itself,"
he said.
         "The issues related to Pankaja Munde have been
resolved. Senior leaders of the BJP from Delhi will speak with
Eknath Khadse and address his issues for sure. As we have not
formed the government, such type of discuss and debate goes
on," he said. PTI ND
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Last Updated : Dec 10, 2019, 4:01 PM IST
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