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श्मशान घाट हादसा : मलबे में दबा हुआ था अंश, फोन पर बताया- 'भाई मैं जिंदा हूं'

नौवीं कक्षा में पढ़ने वाला अंश भी मुरादनगर के श्मशान घाट हादसे का शिकार हुआ था, जिसमें 25 लोगों की मौत हो गई. मौत का मंजर देखने के बाद भी अंश ने हिम्मत दिखाई. किसी तरह से उसने अपने भाई को फोन किया और बताया कि भाई 'मैं मलबे के नीचे फसा हुआ हूं, मुझे बचा लो'.

crematorium accident survivor
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Published : Jan 6, 2021, 7:30 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद : मुरादनगर के श्मशान घाट हादसे मामले में 14 साल के बच्चे की बहादुरी की चर्चा सभी जगह हो रही है. नौवीं कक्षा में पढ़ने वाला अंश भी उसी हादसे का शिकार हुआ था. हादसे में 25 लोगों की मौत हो गई थी. अंश भी मलबे के नीचे दब गया था. जब होश आया तो किसी तरह से उसने अपने भाई को फोन किया और बताया कि भाई 'मैं मलबे के नीचे फसा हुआ हूं, मुझे बचा लो'. अंश से ईटीवी भारत ने विशेष बातचीत की.

सेना में जाना चाहते हैं अंश
अंश ने बताया कि जब काफी देर हो गई तो उन्होंने आगे भी खुद को बचाने की कोशिश जारी रखी. पास में अंश के एक रिश्तेदार थे. अंश रिश्तेदार को उठाने की कोशिश की लेकिन उनके मुंह से बहता हुआ खून देखकर अंश समझ गया कि रिश्तेदार अब इस दुनिया में नहीं रहे.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

इसके बाद अंश मलबे के नीचे से ही किनारे तक पहुंचे और शोर मचाकर लोगों से मदद मांगी. मलबे के बाहर खड़े एक युवक ने अंश को देखा और अंश की जान बचाई. अंश के पिता पुलिस में कार्यरत हैं. अंश बताते हैं, कि वह सेना में जाना चाहते हैं. अंश के पिता यशपाल और मां वीना कहती हैं कि बेटा जो बनना चाहे वो बन सकता है और उन्हें बेटे पर गर्व है.

पढ़ें-श्मशान हादसा: आरोपियों पर लगाया जाएगा रासुका, सीएम योगी ने दिए निर्देश

फोन कॉल की रिकॉर्डिंग वायरल
जिस समय अंश ने अपने भाई को फोन किया था और वह मलबे के नीचे दबे हुए थे. उस समय की फोन कॉल रिकॉर्डिंग भी वायरल हो गई है. हर कोई उस रिकॉर्डिंग को सुन रहा है और अंश के जज्बे को सलाम कर रहा है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद : मुरादनगर के श्मशान घाट हादसे मामले में 14 साल के बच्चे की बहादुरी की चर्चा सभी जगह हो रही है. नौवीं कक्षा में पढ़ने वाला अंश भी उसी हादसे का शिकार हुआ था. हादसे में 25 लोगों की मौत हो गई थी. अंश भी मलबे के नीचे दब गया था. जब होश आया तो किसी तरह से उसने अपने भाई को फोन किया और बताया कि भाई 'मैं मलबे के नीचे फसा हुआ हूं, मुझे बचा लो'. अंश से ईटीवी भारत ने विशेष बातचीत की.

सेना में जाना चाहते हैं अंश
अंश ने बताया कि जब काफी देर हो गई तो उन्होंने आगे भी खुद को बचाने की कोशिश जारी रखी. पास में अंश के एक रिश्तेदार थे. अंश रिश्तेदार को उठाने की कोशिश की लेकिन उनके मुंह से बहता हुआ खून देखकर अंश समझ गया कि रिश्तेदार अब इस दुनिया में नहीं रहे.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

इसके बाद अंश मलबे के नीचे से ही किनारे तक पहुंचे और शोर मचाकर लोगों से मदद मांगी. मलबे के बाहर खड़े एक युवक ने अंश को देखा और अंश की जान बचाई. अंश के पिता पुलिस में कार्यरत हैं. अंश बताते हैं, कि वह सेना में जाना चाहते हैं. अंश के पिता यशपाल और मां वीना कहती हैं कि बेटा जो बनना चाहे वो बन सकता है और उन्हें बेटे पर गर्व है.

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फोन कॉल की रिकॉर्डिंग वायरल
जिस समय अंश ने अपने भाई को फोन किया था और वह मलबे के नीचे दबे हुए थे. उस समय की फोन कॉल रिकॉर्डिंग भी वायरल हो गई है. हर कोई उस रिकॉर्डिंग को सुन रहा है और अंश के जज्बे को सलाम कर रहा है.

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