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ईटीवी भारत की खबर का असर: केरल के सीएम बोले, कूर्ग में फंसे मजदूरों को लाएंगे वापस - extraction of labourers karnatka

इटीवी भारत ने कोरोना की वजह से केरल के कुछ मजदूर कर्नाटक में फंसे मजदूरो पर अपनी रिपोर्ट प्रकाशि की थी. इसमें उन्हें हो रही दिक्कतों का जिक्र था. जिसके बाद केरल के मुख्यमंत्री ने उन फंसे हुए मजदूरों को तत्काल प्रभाव से निकाले का निर्णय लिया है. पढ़ें विस्तार से...

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Published : Apr 28, 2020, 2:20 PM IST

तिरुवनंतपुरम : कोरोना की वजह से लॉकडाउन मे फंसे कर्नाटक में फंसे केरल के किसान और खेतिहर मजदूरों, जो खासतौर पर जो कूर्ग जिले में फंस गए उन्हें उन्हें घर वापस लाया जाएगा, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने सोमवार शाम को अपने नियमित ​​प्रेस मुलाकात के दौरान यह बात कही.

ईटीवी भारत ने रविवार को कूर्ग के गांवों में फंसे खेतिहर मजदूरों की दुर्दशा पर ईटवी भरत ने सबसे पहले रिपोर्ट की औऱ सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की थी.

मुख्यमंत्री ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी समस्याओं को दूर करने और उन्हें घर वापस लाने के लिए सभी इंतजाम किए जा रहे हैं. केरल के वायनाड, कन्नूर और मलप्पुरम जिलों से बहुत से खेतिहर मजदूर हैं जो कर्नाटक के दूरदराज के गांवों में फंसे हुए हैं, खासकर कूर्ग में. यहां तक ​​कि आदिवासी समुदाय के लोग मौसमी कृषि कार्य के लिए जाने के बाद वहां फंसे हुए हैं. जिनमें से कइयों के खाद्या सामग्री खतम है और कुछ खरीदने में सक्षम नहीं हैं.

वे भोजन और दवाओं के लिए भी संघर्ष कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन मजदूरों को चरणबद्ध तरीके से वापस केरल लाया जाएगा.

ईटीवी भारत ने रविवार को कर्नाटक के कूर्ग जिले में किसानों और खेतिहर मजदूरों के दुखों की सूचना दी थी. जैसे ही यह खबर हमारे द्वारा प्रकाशित की गई, सरकार ने हस्तक्षेप किया और मजदूरों को केरल वापस लाने के उपाय शुरू किए

केरल सरकार के परिवहन मंत्री के के ससीन्द्रन ने पहले मीडिया को सूचित किया था कि उन्हें मामले में हस्तक्षेप करने के लिए कहा गया है. सोमवार सुबह, वायनाड जिला कलेक्टर अधीला अब्दुल्ला ने कहा, मुख्यमंत्री ने फंसे हुए खेतिहर मजदूरों को केरल वापस लाने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया है. इसके बाद, कलेक्टर ने सोमवार को इस मामले पर चर्चा करने के लिए विधायकों के साथ बैठक की.

तिरुवनंतपुरम : कोरोना की वजह से लॉकडाउन मे फंसे कर्नाटक में फंसे केरल के किसान और खेतिहर मजदूरों, जो खासतौर पर जो कूर्ग जिले में फंस गए उन्हें उन्हें घर वापस लाया जाएगा, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने सोमवार शाम को अपने नियमित ​​प्रेस मुलाकात के दौरान यह बात कही.

ईटीवी भारत ने रविवार को कूर्ग के गांवों में फंसे खेतिहर मजदूरों की दुर्दशा पर ईटवी भरत ने सबसे पहले रिपोर्ट की औऱ सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की थी.

मुख्यमंत्री ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी समस्याओं को दूर करने और उन्हें घर वापस लाने के लिए सभी इंतजाम किए जा रहे हैं. केरल के वायनाड, कन्नूर और मलप्पुरम जिलों से बहुत से खेतिहर मजदूर हैं जो कर्नाटक के दूरदराज के गांवों में फंसे हुए हैं, खासकर कूर्ग में. यहां तक ​​कि आदिवासी समुदाय के लोग मौसमी कृषि कार्य के लिए जाने के बाद वहां फंसे हुए हैं. जिनमें से कइयों के खाद्या सामग्री खतम है और कुछ खरीदने में सक्षम नहीं हैं.

वे भोजन और दवाओं के लिए भी संघर्ष कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन मजदूरों को चरणबद्ध तरीके से वापस केरल लाया जाएगा.

ईटीवी भारत ने रविवार को कर्नाटक के कूर्ग जिले में किसानों और खेतिहर मजदूरों के दुखों की सूचना दी थी. जैसे ही यह खबर हमारे द्वारा प्रकाशित की गई, सरकार ने हस्तक्षेप किया और मजदूरों को केरल वापस लाने के उपाय शुरू किए

केरल सरकार के परिवहन मंत्री के के ससीन्द्रन ने पहले मीडिया को सूचित किया था कि उन्हें मामले में हस्तक्षेप करने के लिए कहा गया है. सोमवार सुबह, वायनाड जिला कलेक्टर अधीला अब्दुल्ला ने कहा, मुख्यमंत्री ने फंसे हुए खेतिहर मजदूरों को केरल वापस लाने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया है. इसके बाद, कलेक्टर ने सोमवार को इस मामले पर चर्चा करने के लिए विधायकों के साथ बैठक की.

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