त्रिवेंद्रम : केरल सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (NRC) के विरोध में पारित किए गए संयुक्त प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा है कि लोकतंत्र में सभी को अपनी अपनी मांग रखने का अधिकार होता है. इसका सम्मान करना चाहिए, लेकिन इन सब पर योग्यता के आधार पर चर्चा करनी चाहिए.
राज्यपाल खान ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि महात्मा गांधी और पंडित नेहरु ने भारतीय नागरिकों से वादा किया था कि जो लोग भी स्वतंत्रा आंदोलन में भाग लिया और जो पाकिस्तान में चले गए हैं उन्हें चिंता करने की कोई जरुरत नहीं है. उन्होंने लोगों को यह वचन दिया कि जो लोग पाकिस्तान जा रहे है उन्हें लौटने पर नागरिकता दी जाएगी.
उन्होंने कहा कि विभाजन के समय दोनों ओर के कुछ लोगों ने अपने अपने देशों में रहना का फैसला किया. जिसके बाद हमारे नेताओं ने उन लोगों से वादा किया कि अगर वह कभी भारत लौटना चाहें तो हम उनका स्वागत करेंगे.
खान ने कहा कि मैंने भारत के संविधान सरंक्षण और उसको मानने की शपथ ली है. मेरी गुजरिश है कि कम से कम राज्यपाल की शपथ को पढ़ें और उसके बाद मुझसे चर्चा करें और अगर फिर भी आपके विचार नहीं बदलते तो मैं आपसे चर्चा करुंगा और बताऊंगा कि आप गलत हैं.
पूर्व राज्यपाल सदाशिवम के बयान पर खान ने कहा कि मैं राजनीतिक मामलों में पूरी तरह से निष्पक्ष हूं लेकिन संविधानिक मामलों पर नहीं. मैं यहां केवल संविधान के रक्षा करने के लिए हूं.
उन्होंने कहा कि अगर संसद से कोई बिल पास होता और कानून बनता है, तो क्या यह मेरी जिम्मदेरी नहीं है कि मैं उसको केरल में लागू करूं और अगर मैं ऐसा नहीं कर पाता तो यह मेरी असफता होगी.
खान ने आगे कहा कि जो लोगों द्वारा कानून को तोड़ने की कोशिश करने पर भी मैनें उनके खिलाफ गलत भाषा का इस्तेमाल नहीं किया. जो कानून को तोड़ने का कोशिश कर रहे हैं और संविधान की अवमानना कर रहे है वह मुझको अपने लिए खतरे के रूप में देखते हैं.
पढ़ें- इरफान हबीब ने मुझे रोका, नारेबाजी की : आरिफ मोहम्मद
कन्नूर विश्वविद्यालय में हुई घटना को लेकर कहा कि मुझे कन्नूर में मुझे बोलने नहीं दिया गया. मेरा भाषण रोक दिया गया. मैं उनके विचारों पर कोई टिप्पणी करना नहीं चाहता. मैं उनको शुभकामनाएं देता हूं. वह अपने विचारों को मानें.
वहीं CAA पर अपने रुख में बदलाव को लेकर कहा कि जिस दिन में इस पर अपना रुख बदलूंगां उस दिन में अपने घर लौट जाऊंगा.
उन्होंने कहा कि याद रखें कि मैं सब पर नजर रखा हुआ हूं. सरकार का कार्य केवल कानून और संविधान के अनुसार होंगे. सरकार की जिम्मेदारी है कि वह मुझे रिपोर्ट करें.
सीएए को लेकर उन्होंने की यह मेरा अधिकार नहीं बल्कि मेरी जिम्मदारी है कि मैं संविधान की रक्षा करूं.
उन्होंने कहा कि मुझे आलोचना से कोई परेशानी नहीं बल्कि मुझे परेशानी केवल कानून किसी को अपने हाथ में लेने से है.
वहीं कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा अपनी जिम्मेदारी निभा रहूगां वह चाहे जो कर लें.