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रोहतकः PM मोदी की रैली में खाली पड़ी रहीं कुर्सियां, देखें वीडियो

हरियाणा के रोहतक में पीएम मोदी ने रैली कर विधानसभा चुनाव प्रचार अभियान का बिगुल फूंका. हालांकि रैली में एक अजब नजारा देखने को मिला. हुड्डा के गढ़ माने जाने वाले रोहतक में उनके भाषण के दौरान बहुत सी कुर्सियां खाली पड़ी रहीं.

रैली की तस्वीर
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Published : Sep 8, 2019, 9:46 PM IST

Updated : Sep 29, 2019, 10:25 PM IST

रोहतकः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में जहां एक तरफ कार्यकर्ता जोश से भरे देखे. हालांकि, दूसरी तरफ मोदी की रैली में बहुत सारी कुर्सियां खाली पड़ी रहीं. इतना ही नहीं रैली के दौरान पूरे के पूरे ब्लॉक भी खाली पड़े रहे.

प्रधानमंत्री की रैली में 1 लाख कुर्सियां लगाई गई थीं. 22 एकड़ के रैली स्थल में से 12 एकड़ को पंडाल से कवर किया गया था और पानी पीने के लिए लगभग 4 हजार मटके लगाए गए थे. 1 लाख कुर्सियां पंडाल के अंदर लगाई गई थीं उनमें से काफी कुर्सियां खाली रह गईं.

पीएम मोदी की मौजूदगी में खाली रही कुर्सियां
ये कुर्सियां उस वक्त भी खाली पड़ी थीं जब पीएम नरेंद्र मोदी मंच पर मौजूद थे और मुख्यमंत्री मनोहर लाल भाषण दे रहे थे. उसी वक्त में ये तस्वीरें ली गई हैं.

सीएम की लोकप्रियता बढ़ी
प्रदेश बीजेपी के नेता कई मौकों पर कहते हैं कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल की लोकप्रियता में काफी इजाफा हुआ है और इस वक्त में नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का तो राजनीति में शायद ही कोई सानी हो.

मोदी की रैली के दौरान खाली रहीं कुर्सियां

हुड्डा का गढ़ माना जाता है रोहतक
दरअसल रोहतक पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का राजनीतिक गढ़ माना जाता है. 2014 के विधानसभा चुनाव में रोहतक में कांग्रेस अच्छे वोट मिले थे. 2019 के लोकसभा चुनाव में रोहतक सीट भले ही भूपेंद्र हुड्डा के पुत्र दीपेंद्र हुड्डा हार गए हों, लेकिन इस लोकसभा में आने वाली 9 विधानसभाओं में से 5 पर दीपेंद्र हुड्डा ने बढ़त बनाई थी, और कांटे की टक्कर में अरविंद शर्मा ने जीत दर्ज की थी.

पढ़ें-हरियाणा में लगभग दो हजार करोड़ की परियोजनाओं की शुरुआत, PM मोदी ने दी सौगात

अगर अरविंद शर्मा को कोसली से इतनी बढ़त न मिलती तो शायद नतीजा कुछ और होता. इसलिए बीजेपी रोहतक पर पूरी ताकत झोंकने को तैयार है क्योंकि वो हुड्डा को वापसी का कोई भी मौका नहीं देना चाहती है. लेकिन हुड्डा का किला ढहाने की योजनाएं बना रही बीजेपी के लिए ये खबर पेशानी पर बल डालने वाली है.

रोहतकः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में जहां एक तरफ कार्यकर्ता जोश से भरे देखे. हालांकि, दूसरी तरफ मोदी की रैली में बहुत सारी कुर्सियां खाली पड़ी रहीं. इतना ही नहीं रैली के दौरान पूरे के पूरे ब्लॉक भी खाली पड़े रहे.

प्रधानमंत्री की रैली में 1 लाख कुर्सियां लगाई गई थीं. 22 एकड़ के रैली स्थल में से 12 एकड़ को पंडाल से कवर किया गया था और पानी पीने के लिए लगभग 4 हजार मटके लगाए गए थे. 1 लाख कुर्सियां पंडाल के अंदर लगाई गई थीं उनमें से काफी कुर्सियां खाली रह गईं.

पीएम मोदी की मौजूदगी में खाली रही कुर्सियां
ये कुर्सियां उस वक्त भी खाली पड़ी थीं जब पीएम नरेंद्र मोदी मंच पर मौजूद थे और मुख्यमंत्री मनोहर लाल भाषण दे रहे थे. उसी वक्त में ये तस्वीरें ली गई हैं.

सीएम की लोकप्रियता बढ़ी
प्रदेश बीजेपी के नेता कई मौकों पर कहते हैं कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल की लोकप्रियता में काफी इजाफा हुआ है और इस वक्त में नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का तो राजनीति में शायद ही कोई सानी हो.

मोदी की रैली के दौरान खाली रहीं कुर्सियां

हुड्डा का गढ़ माना जाता है रोहतक
दरअसल रोहतक पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का राजनीतिक गढ़ माना जाता है. 2014 के विधानसभा चुनाव में रोहतक में कांग्रेस अच्छे वोट मिले थे. 2019 के लोकसभा चुनाव में रोहतक सीट भले ही भूपेंद्र हुड्डा के पुत्र दीपेंद्र हुड्डा हार गए हों, लेकिन इस लोकसभा में आने वाली 9 विधानसभाओं में से 5 पर दीपेंद्र हुड्डा ने बढ़त बनाई थी, और कांटे की टक्कर में अरविंद शर्मा ने जीत दर्ज की थी.

पढ़ें-हरियाणा में लगभग दो हजार करोड़ की परियोजनाओं की शुरुआत, PM मोदी ने दी सौगात

अगर अरविंद शर्मा को कोसली से इतनी बढ़त न मिलती तो शायद नतीजा कुछ और होता. इसलिए बीजेपी रोहतक पर पूरी ताकत झोंकने को तैयार है क्योंकि वो हुड्डा को वापसी का कोई भी मौका नहीं देना चाहती है. लेकिन हुड्डा का किला ढहाने की योजनाएं बना रही बीजेपी के लिए ये खबर पेशानी पर बल डालने वाली है.

Intro:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली को ऐतिहासिक बनाने के नेताओं के दावे हवा होते दिखाई दिए। रैली में लाखों की भीड़ जुटाने की बात कहने वाले नेताओं की पोल खुलती नजर आई ओर रैली में लगी कुर्सियां खाली दिखाई दी,कुर्सियां भी एक दो या 10 नहीं बल्कि पूरे के पूरे ब्लॉक खाली पड़े रहे।


Body:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली को ऐतिहासिक बनाने के दावे किए जा रहे थे और लाखों की भीड़ जुटाने की बात भी कही जा रही थी लेकिन हकीकत कुछ और ही निकली।प्रधानमंत्री की रैली में लगी कुर्सियां खाली दिखाई दी, एक दो या दस नहीं बल्कि पूरे के पूरे ब्लॉक खाली दिखाई दिए जबकि दावा किया जा रहा था कि 500000 से ज्यादा लोग रैली में आएंगे और हरियाणा की आज तक की सबसे ऐतिहासिक रैली इसे कहा जाएगा। लेकिन उन तमाम नेताओं के दावे हवा दिखाई दिए


Conclusion:गौरतलब है कि प्रधानमंत्री की यह रैली विधानसभा के चुनाव से ठीक पहले हुई है और टिकट के दावेदार नेताओं की यह अग्निपरीक्षा भी थी।
Last Updated : Sep 29, 2019, 10:25 PM IST
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