नई दिल्ली/बेंगलुरु : आज विश्वभर में ईद-ए-मिलाद-उन-नबी पूरे उत्साह के साथ मनाया जा रहा है.. मिलाद उन नबी को मनाने के लिए, लोग अपने शहरों, मस्जिदों और घरों को सजाते हैं, लेकिन इस साल कोरोना वायरस के कारण उत्सव मनाने पर प्रतिबंध लगे हुए हैं.
मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में, 12 रबी उल एव्वल यानि, ईद उल मिलाद उन नबी के उत्साहपूर्वक मनाया जाता है. इस दौरान मुस्लिम क्षेत्रों में सजावट, नात पाठ और रोशनी की व्यवस्था की जाती है, लेकिन इस साल जिला प्रशासन ने मस्जिदों और सार्वजनिक स्थानों पर बड़े समारोहों से बचने के लिए शुक्रवार को ईद मिलाद के जुलूस और कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगा दिया है.
हालांकि ईद-उल-मिलाद के मौके पर कोलकाता के विभिन्न हिस्सों में मोहम्मदी जुलूस निकाले गए. जुलूस को संबोधित करते हुए विद्वानों ने पैगंबर मुहम्मद के अपमान के लिए फ्रांसीसी राष्ट्रपति की निंदा की और मुसलमानों से फ्रांसीसी उत्पादों का बहिष्कार करने की अपील की.
इसके अलावा ईद मिलाद उन नबी कर्नाटक के गुलबर्गा में बहुत ही सुरुचिपूर्ण ढंग से मनाया जाता है. गुलबर्गा शहर के संगत्रश वारी इलाके के युवा ईद उल मिलाद के जश्न की तैयारी में दो महीने से व्यस्त हैं.
वहीं महाराष्ट्र के औरंगाबाद में ईद मिलाद-उन-नबी के अवसर पर कई समारोह आयोजित किए जाते हैं.
औरंगाबाद शहर में पिछले 30 वर्षों से ईद उल मिलाद के अवसर पर एक जुलूस निकाला जाता है और जुलूस में बड़ी संख्या में मुसलमान शामिल होते हैं, लेकिन इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण इस जुलूस की अनुमति नहीं मिली जिससे श्रद्धालु काफी निराश हैं.
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हाल ही में हुई बारिश और बाढ़ ने हैदराबाद के निवासियों को गंभीर नुकसान पहुंचाया है और इस बीच, रबी-उल-अव्वल का महीना आ गया है. इस महीने में हैदराबाद को हरे झंडों से सजाया जाता था, लेकिन इस बार इसको लेकर लोगों में कोई उत्साह नहीं था.
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को पैगंबर मोहम्मद के जन्मदिन, ईद मिलाद उन नबी के अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं दीं. दुनिया भर के मुसलमानों ने इस अवसर को समृद्धि के दिन के रूप में मनाया.
दूसरी ओर, कोरोना महामारी के कारण देश के विभिन्न शहरों में ईद मिलाद उन नबी के जुलूसों की अनुमति नहीं मिली है.