नई दिल्ली : जम्मू कश्मीर के एक डीएसपी देवेंद्र सिंह पर विवाद बढ़ता जा रहा है. कांग्रेस ने सोमवार को सरकार से उसकी भूमिका को लेकर स्थिति साफ करने को कहा है. पुलिस ने देवेंद्र को उस समय गिरफ्तार किया, जब वह आतंकियों को लेकर कश्मीर से बाहर जा रहा था.
संसद और पुलवामा हमलों में इस अधिकारी की क्या भूमिका थी, कांग्रेस ने इस बाबत सरकार से सवाल पूछा है. पार्टी का कहना है कि क्या वह एक बड़ी साजिश का प्यादा भर है ?
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, 'देवेंद्र सिंह कौन है ? 2001 के संसद हमले में उसकी क्या भूमिका थी ? पुलवामा हमले में उसकी क्या भूमिका थी, जहां वह पुलिस उपाधीक्षक था ?' उन्होंने सवाल किया, 'क्या वह हिजबुल आतंकियों को खुद लेकर जा रहा था या सिर्फ एक प्यादा है तथा बड़े साजिकशकर्ता कहीं और हैं? क्या एक बड़ी साजिश है?'
कश्मीर पुलिस के महानिरीक्षक (आईजी) विजय कुमार ने एक दिन पहले कहा कि यह 'घृणित अपराध' है और देवेंद्र सिंह के साथ आतंकवादियों जैसा ही सलूक किया जा रहा है और सभी सुरक्षा एजेंसियां संयुक्त रूप से उससे पूछताछ कर रही हैं.
संसद हमले में भी उठा था नाम
संसद हमले के दोष में फांसी पर चढ़ाए गए अफजल गुरु ने 2013 की अपनी एक चिट्ठी में लिखा था कि सिंह ने ही उसे संसद हमले के सह आरोपी 'मोहम्मद' को साथ लेकर 'दिल्ली जाने और उसके लिए मकान किराए पर लेने तथा कार खरीदने को कहा था.' उस वक्त सिंह विशेष अभियान समूह में डीएसपी थे.
अधिकारियों ने बताया कि उस वक्त सिंह पर लगे आरोपों को साबित करने के लिए पुख्ता सबूत नहीं मिले.
ये भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर : लश्कर के दो आतंकियों के साथ एक डीएसपी भी गिरफ्तार
खिलाफ में है सबूत
गत शुक्रवार को खुफिया एजेंसियों ने प्रतिबंधित संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के स्वयंभू जिला कमांडर नावीद बाबा और एक पूर्व पुलिसकर्मी के साथ सिंह की बातचीत सुनी और वहीं से डीएसपी का बुरा वक्त शुरू हो गया. सिंह के आवास से दो पिस्तौल और एक एके राइफल जब्त की गई है.
राष्ट्रपति पदक से सम्मानित डीएसपी
एक वक्त ऐसा भी था जब राष्ट्रपति पदक से सम्मानित डीएसपी देवेंद्र सिंह आतंकवादियों से सवाल-जवाब किया करते थे. सिंह को पिछले ही साल राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया गया है. लेकिन पिछले कुछ वक्त से वह पुलिस के राडार पर थे.