तिरुवनंतपुरम : नेपाल और भारत के बीच नक्शे को लेकर कुछ समय से विवाद चल रहा है. नेपाल ने पिछले महीने देश का संशोधित राजनीतिक और प्रशासनिक नक्शा जारी कर रणनीतिक रूप से अहम कुछ इलाकों पर अपना दावा जताया है. इस संबंध में संयुक्त राज्य अमेरिका में पूर्व भारतीय राजदूत और अंतरराष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञ डॉ टीपी श्रीनिवासन ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि नेपाली प्रधानमंत्री को अपनी सत्ता खोने का डर है, इसलिए वह असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.
बता दें, नेपाल की संसद ने हाल ही में विवादित नक्शे को मंजूरी दे दी है. इस संबंध में पूर्व भारतीय राजदूत ने कहा कि नेपाल का यह कदम काफी उत्तेजक है.
श्रीनिवासन ने कहा, 'हम आशा करते हैं कि दोनों देश बातचीत के जरिए मुद्दे का समाधान करेंगे. नेपाल एक हिंदू राष्ट्र है और यही कारण है कि हमारे बीच काफी कुछ समान है फिर चाहे वह संस्कृति हो या लोगों के रहन-सहन का तरीका.'
श्रीनिवासन ने कहा कि नेपाल अब भारत के खिलाफ दबाव की रणनीति खेलने की कोशिश कर रहा है. ऐसा प्रतीत होता है, जैसे वह चीन के साथ घनिष्ठ संबंध बना रहा है और उस रणनीति का उपयोग कर भारत से लाभ उठा रहा है.
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उन्होंने कहा कि हालांकि, नेपाल और भारत के बीच की विशेष संधि, चीन के साथ नेपाल के द्विपक्षीय संबंधों से बहुत अलग है. भारत के साथ सहयोग किए बिना नेपाल एक कदम आगे नहीं बढ़ सकता.
डॉ टीपी श्रीनिवासन ने कहा कि भारत द्वारा अत्यधिक लागत पर आयातित पेट्रोलियम उत्पादों को नेपाल में मुफ्त में दिया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि जल्दबाजी की यह चाल नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के राजनीतिक हितों से भी प्रेरित है. भारत के खिलाफ इन जल्दबाजी और उत्तेजक कदमों के माध्यम से, शर्मा ओली नेपाल के लोगों में भी राष्ट्रीयता की भावना जगाने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि वह सत्ता खोने को लेकर असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.