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कोरोना महामारी: आयुष पीजी प्रवेश परीक्षा स्थगित करने की मांग - कोरोना महामारी

कोरोना महामारी के कारण डॉक्टरों ने 29 अगस्त को होने वाली आयुष पीजी प्रवेश परीक्षा स्थगित करने की मांग की है. बीएचएमएस और बीएएमएस चिकित्सकों ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. जिसमें कहा गया है कि अधिकांश डॉक्टर या तो क्वारंटाइन हैं या कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए हैं. इसलिए इस परीक्षा को स्थगित करना छात्रों के हित में होगा.

AIAPGET 2020
आयुष पीजी प्रवेश परीक्षा
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Published : Aug 17, 2020, 5:32 PM IST

नई दिल्ली : बीएचएमएस और बीएएमएस चिकित्सकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अखिल भारतीय आयुष स्नातकोत्तर प्रवेश परीक्षा (AIAPGET 2020) को टालने की मांग की है. यह परीक्षा 29 अगस्त को आयोजित की जानी है.

याचिका में कहा गया है कि पहले से कोरोना से संक्रमित या क्वारंटाइन किए गए कई डॉक्टर 29 अगस्त, 2020 को आयोजित होने वाली प्रवेश परीक्षा में उपस्थित होने से वंचित रह जाएंगे, जो संविधान के अनुच्छेद 14 के अनुसार उनके समानता के अधिकार का उल्लंघन होगा. इसलिए प्रवेश परीक्षा की तिथि में बदलाव किया जाए.

याचिका में कोरोना के मामलों में वृद्धि को प्रवेश परीक्षा को स्थगित करने का आधार बनाया गया है. साथ ही कहा गया है कि परीक्षा से दो महीने पहले अधिसूचना जारी की गई थी, जिसके कारण उम्मीदवारों को प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं मिला.

यह भी पढ़ें- एनसीएचएम जेईई 2020: एडमिट कार्ड जारी, देखे इस लिंक पर

याचिका में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि परीक्षा केंद्रों की संख्या कम है और बाढ़ से प्रभावित राज्यों में छात्रों की समस्याओं पर विचार नहीं किया गया है.

कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टर तैयारी से वंचित
याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया है कि सभी फ्रंटलाइन डॉक्टरों को वर्तमान स्थिति को देखते हुए परीक्षा के लिए उपस्थित होने के अवसर से वंचित किया जाएगा, क्योंकि वे महामारी के दौरान चिकित्सा सहायता प्रदान करने में शामिल रहे हैं जो उन्हें परीक्षा की तैयारी के लिए कम या कोई समय नहीं मिला है.

याचिका में कहा गया है कि अधिकांश डॉक्टर या तो क्वारंटाइन हैं या कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए हैं. इसलिए इस परीक्षा को स्थगित करना छात्रों के हित में होगा.

नई दिल्ली : बीएचएमएस और बीएएमएस चिकित्सकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अखिल भारतीय आयुष स्नातकोत्तर प्रवेश परीक्षा (AIAPGET 2020) को टालने की मांग की है. यह परीक्षा 29 अगस्त को आयोजित की जानी है.

याचिका में कहा गया है कि पहले से कोरोना से संक्रमित या क्वारंटाइन किए गए कई डॉक्टर 29 अगस्त, 2020 को आयोजित होने वाली प्रवेश परीक्षा में उपस्थित होने से वंचित रह जाएंगे, जो संविधान के अनुच्छेद 14 के अनुसार उनके समानता के अधिकार का उल्लंघन होगा. इसलिए प्रवेश परीक्षा की तिथि में बदलाव किया जाए.

याचिका में कोरोना के मामलों में वृद्धि को प्रवेश परीक्षा को स्थगित करने का आधार बनाया गया है. साथ ही कहा गया है कि परीक्षा से दो महीने पहले अधिसूचना जारी की गई थी, जिसके कारण उम्मीदवारों को प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं मिला.

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याचिका में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि परीक्षा केंद्रों की संख्या कम है और बाढ़ से प्रभावित राज्यों में छात्रों की समस्याओं पर विचार नहीं किया गया है.

कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टर तैयारी से वंचित
याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया है कि सभी फ्रंटलाइन डॉक्टरों को वर्तमान स्थिति को देखते हुए परीक्षा के लिए उपस्थित होने के अवसर से वंचित किया जाएगा, क्योंकि वे महामारी के दौरान चिकित्सा सहायता प्रदान करने में शामिल रहे हैं जो उन्हें परीक्षा की तैयारी के लिए कम या कोई समय नहीं मिला है.

याचिका में कहा गया है कि अधिकांश डॉक्टर या तो क्वारंटाइन हैं या कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए हैं. इसलिए इस परीक्षा को स्थगित करना छात्रों के हित में होगा.

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