ETV Bharat / bharat

चेन्नई : आरक्षण बिल की मंजूरी को लेकर राजभवन के पास डीएमके का प्रदर्शन

तमिलनाडु में मुख्य विपक्षी दल द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) ने मेडिकल आरक्षण को लेकर राजभवन के पास जमकर प्रदर्शन किया. दरअसल, राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को मेडिकल दाखिले में 7.5 प्रतिशत कोटा देने की मांग को लेकर डीएमके के कार्यकर्ता और नेता बड़ी संख्या में शनिवार को राजभवन के पास विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

DMK Protest
आरक्षण बिल
author img

By

Published : Oct 24, 2020, 4:06 PM IST

चेन्नई (तमिलनाडु) : द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के अध्यक्ष एम.के. स्टालिन ने शनिवार को कहा कि उनकी पार्टी तब तक विरोध प्रदर्शन करती रहेगी, जब तक कि राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित तमिलनाडु में मेडिकल कॉलेज में सरकारी स्कूलों के छात्रों के लिए आरक्षण देने वाले विधेयक को मंजूरी नहीं दे देते.

विधेयक को मंजूरी के लिए करीब 40 दिन से राज्यपाल के पास भेजा गया है और डीएमके इसे मंजूरी देने के लिए बड़े स्तर पर मांग कर रही है. स्टालिन ने कहा कि सत्ता में आने के बाद पार्टी राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) से राज्य को छूट दिलाने के लिए सभी कानूनी प्रयास करेगी.

छात्रों को 7.5 प्रतिशत का आरक्षण
तमिलनाडु गवर्नमेंट स्कूल्स बिल, 2020 छात्रों को मेडिसिन, डेंटिस्ट्री, इंडियन मेडिसिन और होम्योपैथी के अंडरग्रेजुएट कोर्सेज में एडमिशन पाने के लिए राज्य के सरकारी स्कूलों से पास हुए छात्रों को 7.5 प्रतिशत का आरक्षण देता है.

पढ़ें: आरजेडी का घोषणा पत्र जारी, 10 लाख नौकरी-किसान कर्ज माफी का वादा

सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक सरकार की निंदा करते हुए स्टालिन ने सवाल उठाया कि मुख्यमंत्री के.पलानीस्वामी राज्यपाल से विधेयक पर अपनी सहमति देने का आग्रह क्यों नहीं कर रहे हैं.

नीट से छूट की मांग करने वाले विधेयक
विधानसभा में विपक्ष के नेता स्टालिन ने कहा कि नीट से छूट की मांग करने वाले दो विधेयकों को 2017 में विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित किया गया था और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास उनकी सहमति के लिए भेजा गया था. हालांकि, बिलों को सात महीने बाद तमिलनाडु वापस भेज दिया गया था. अब यह मामला 23 महीने बाद एक कोर्ट केस के कारण सार्वजनिक तौर पर सामने आया है.

300 छात्रों को मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश
स्टालिन ने कहा कि नीट के नतीजे आ चुके हैं और जल्द काउंसलिंग शुरू होनी चाहिए. अगर राज्यपाल विधेयक को मंजूरी देते हैं, तो सरकारी स्कूलों के 300 छात्रों को मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश मिलेगा, नहीं तो केवल आठ छात्रों को प्रवेश मिलेगा.

बिल पर निर्णय लेने के लिए समय की जरूरत
गुरुवार को स्टालिन ने कहा था कि उनकी पार्टी पुरोहित के पत्र का जवाब मिलने तक राजभवन के बाहर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन जारी रखेगी. वहीं पुरोहित ने कहा है कि उन्हें तमिलनाडु के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को मेडिकल कॉलेज में 7.5 प्रतिशत का आरक्षण देने वाले बिल पर निर्णय लेने के लिए तीन से चार सप्ताह का समय चाहिए.

चेन्नई (तमिलनाडु) : द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के अध्यक्ष एम.के. स्टालिन ने शनिवार को कहा कि उनकी पार्टी तब तक विरोध प्रदर्शन करती रहेगी, जब तक कि राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित तमिलनाडु में मेडिकल कॉलेज में सरकारी स्कूलों के छात्रों के लिए आरक्षण देने वाले विधेयक को मंजूरी नहीं दे देते.

विधेयक को मंजूरी के लिए करीब 40 दिन से राज्यपाल के पास भेजा गया है और डीएमके इसे मंजूरी देने के लिए बड़े स्तर पर मांग कर रही है. स्टालिन ने कहा कि सत्ता में आने के बाद पार्टी राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) से राज्य को छूट दिलाने के लिए सभी कानूनी प्रयास करेगी.

छात्रों को 7.5 प्रतिशत का आरक्षण
तमिलनाडु गवर्नमेंट स्कूल्स बिल, 2020 छात्रों को मेडिसिन, डेंटिस्ट्री, इंडियन मेडिसिन और होम्योपैथी के अंडरग्रेजुएट कोर्सेज में एडमिशन पाने के लिए राज्य के सरकारी स्कूलों से पास हुए छात्रों को 7.5 प्रतिशत का आरक्षण देता है.

पढ़ें: आरजेडी का घोषणा पत्र जारी, 10 लाख नौकरी-किसान कर्ज माफी का वादा

सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक सरकार की निंदा करते हुए स्टालिन ने सवाल उठाया कि मुख्यमंत्री के.पलानीस्वामी राज्यपाल से विधेयक पर अपनी सहमति देने का आग्रह क्यों नहीं कर रहे हैं.

नीट से छूट की मांग करने वाले विधेयक
विधानसभा में विपक्ष के नेता स्टालिन ने कहा कि नीट से छूट की मांग करने वाले दो विधेयकों को 2017 में विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित किया गया था और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास उनकी सहमति के लिए भेजा गया था. हालांकि, बिलों को सात महीने बाद तमिलनाडु वापस भेज दिया गया था. अब यह मामला 23 महीने बाद एक कोर्ट केस के कारण सार्वजनिक तौर पर सामने आया है.

300 छात्रों को मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश
स्टालिन ने कहा कि नीट के नतीजे आ चुके हैं और जल्द काउंसलिंग शुरू होनी चाहिए. अगर राज्यपाल विधेयक को मंजूरी देते हैं, तो सरकारी स्कूलों के 300 छात्रों को मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश मिलेगा, नहीं तो केवल आठ छात्रों को प्रवेश मिलेगा.

बिल पर निर्णय लेने के लिए समय की जरूरत
गुरुवार को स्टालिन ने कहा था कि उनकी पार्टी पुरोहित के पत्र का जवाब मिलने तक राजभवन के बाहर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन जारी रखेगी. वहीं पुरोहित ने कहा है कि उन्हें तमिलनाडु के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को मेडिकल कॉलेज में 7.5 प्रतिशत का आरक्षण देने वाले बिल पर निर्णय लेने के लिए तीन से चार सप्ताह का समय चाहिए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.