रांची : झारखंड के जामताड़ा जिले में एक दिव्यांग को अपनी पेंशन के लिए भटकना पड़ रहा है. उसके परिजन उसे खटिया पर लादकर पेंशन चालू कराने को लेकर कार्यालय ले जाते हैं, लेकिन सरकारी बाबू और सरकार के नुमाइंदों को फुर्सत नहीं है.
करमाटांड़ प्रखंड के मोहनपुर का लालू महतो जो शारीरिक रूप से पूरी तरह से विकलांग है, चल फिर नहीं सकते, उनको बीते तीन साल से पेंशन नहीं मिल रही है.
परिजन उसे खटिया पर लादकर पेंशन चालू कराने के लिए प्रखंड कार्यालय लाए. कार्यालय में दिनभर परिजन और दिव्यांग पदाधिकारी का राह देखते रहे, लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ. दिव्यांग लालू महतो ने बताया कि उसे तीन साल आठ महीने से पेंशन नहीं मिली है.
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करमाटांड़ प्रखंड में सिर्फ लालू महतो को ही समस्या नहीं है, बल्कि कई ऐसे लाचार असहाय पीड़ित हैं, जो अपनी पेंशन के लिए परेशान हैं.
ये सभी सरकारी कार्यालय का चक्कर काटने को मजबूर हैं. स्थानीय करमाटांड़ प्रखंड के समाजसेवी राजेंद्र मंडल ने बताया कि दिव्यांग और कई ऐसे भी लोग हैं, जो वृद्धा पेंशन, दिव्यांग पेंशन के लिए परेशान है, लेकिन पदाधिकारी सुनते नहीं हैं.