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अब क्या करेंगी साध्वी, दिग्विजय ने कर दिया 'तंत्र-मंत्र'

कंप्यूटर बाबा के साथ दिग्विजय सिंह साधु संतों के बीच पहुंचे. उनके साथ पूजा की. इसके जरिए चुनावों में हिंदुओं को साधने की कोशिश करते दिखे. उनके खिलाफ भोपाल में साध्वी प्रज्ञा हैं. वोटों का ध्रुवीकरण ना हो, शायद यही सोचकर सिंह ने यह दांव चला है.

पूजा करते हुए दिग्विजय सिंह.
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Published : May 7, 2019, 1:56 PM IST

Updated : May 7, 2019, 2:05 PM IST

नई दिल्ली/भोपाल: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में चुनावी लड़ाई दिलचस्प होती जा रही है. साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ दिग्विजय सिंह मैदान में हैं. भाजपा दिग्विजय सिंह पर हिंदू आतंकवाद जैसे शब्द बार-बार उछालने का आरोपी मढ़ती रही है. संभवतः यही वजह है कि सिंह अब साधु-संतों की शरण में जा पहुंचे हैं.

पूजा और हवन के नाम पर दिग्विजय सिंह ने भोपाल में कई सारे साधु-संतों को एकत्रित किया. पत्नी संग पूजा भी की. पूजा के दौरान कंप्यूटर बाबा मौजूद थे. कई अन्य साधु बाबा इस दौरान हठ योग करते दिखे.

साधु संतों के बीच पहुंचे दिग्विजय सिंह.

पूजास्थल पर एक बोर्ड भी लगा हुआ है. इस पर लिखा है- दिग्विजय सिंह की जीत के लिए हजारों संतों का हठयोग. दरअसल, भोपाल सीट से पिछले 30 सालों से भाजपा का कब्जा रहा है. लिहाजा, इस बार कांग्रेस पार्टी पूरा जोर दे रही है.

दिग्विजय सिंह बार-बार यह कह रहे हैं कि उन्होंने हिंदू आतंकवाद जैसे शब्द कभी नहीं कहे हैं. उन्हें बदनाम किया जा रहा है. वह भी हिंदू हैं. इसके ठीक उलट साध्वी प्रज्ञा उन्हें हिंदुओं को बदनाम करने वाला बता रहे हैं. उन्होंने कहा कि हिंदुओं को आतंकी ठहराने वाले को जनता कभी माफ नहीं करेगी.

पढ़ें: 'वोटिंग के दिन भी अमेठी नहीं आए राहुल', स्मृति ने कहा- धोखा किया

दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि साध्वी का नाम आरएसए प्रचारक की हत्या में आया था. उन्हें जेल भी जाना पड़ा था. इसके जवाब में साध्वी प्रज्ञा कहती हैं कि वह इस मामले में बरी हो चुकी हैं. 2007 में ही कोर्ट ने उन्हें छोड़ दिया था.

आपको बता दें कि दिग्विजय सिंह बहुत संभल कर बयान दे रहे हैं. इस बार उन्होंने एक बार भी वैसा बयान नहीं दिया है, जिससे पार्टी असहज हो जाए. उन पर हिंदू वोट के बिदकने का आरोप लगाया जाए.

ये जानना जरूरी है कि भोपाल संसदीय क्षेत्र में 19.5 लाख मतदाता हैं. इनमें 4.5 लाख पिछड़े समुदाय से आते हैं. दो लाख कायस्थ, सवा लाख क्षत्रिय, 3.5 लाख ब्राह्णण हैं. चार लाख मुस्लिम मतदाता भी हैं.

लिहाजा, ध्रुवीकरण ना हो, सिंह पूरी कोशिश कर रहे हैं, कि उन्हें बड़ी संख्या में हिंदू वोट मिले. भोपाल संसदीय क्षेत्र में विधानसभा की आठ सीटें हैं. हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में आठ में से पांच सीट भाजपा को, तीन कांग्रेस को मिली थी.

नई दिल्ली/भोपाल: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में चुनावी लड़ाई दिलचस्प होती जा रही है. साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ दिग्विजय सिंह मैदान में हैं. भाजपा दिग्विजय सिंह पर हिंदू आतंकवाद जैसे शब्द बार-बार उछालने का आरोपी मढ़ती रही है. संभवतः यही वजह है कि सिंह अब साधु-संतों की शरण में जा पहुंचे हैं.

पूजा और हवन के नाम पर दिग्विजय सिंह ने भोपाल में कई सारे साधु-संतों को एकत्रित किया. पत्नी संग पूजा भी की. पूजा के दौरान कंप्यूटर बाबा मौजूद थे. कई अन्य साधु बाबा इस दौरान हठ योग करते दिखे.

साधु संतों के बीच पहुंचे दिग्विजय सिंह.

पूजास्थल पर एक बोर्ड भी लगा हुआ है. इस पर लिखा है- दिग्विजय सिंह की जीत के लिए हजारों संतों का हठयोग. दरअसल, भोपाल सीट से पिछले 30 सालों से भाजपा का कब्जा रहा है. लिहाजा, इस बार कांग्रेस पार्टी पूरा जोर दे रही है.

दिग्विजय सिंह बार-बार यह कह रहे हैं कि उन्होंने हिंदू आतंकवाद जैसे शब्द कभी नहीं कहे हैं. उन्हें बदनाम किया जा रहा है. वह भी हिंदू हैं. इसके ठीक उलट साध्वी प्रज्ञा उन्हें हिंदुओं को बदनाम करने वाला बता रहे हैं. उन्होंने कहा कि हिंदुओं को आतंकी ठहराने वाले को जनता कभी माफ नहीं करेगी.

पढ़ें: 'वोटिंग के दिन भी अमेठी नहीं आए राहुल', स्मृति ने कहा- धोखा किया

दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि साध्वी का नाम आरएसए प्रचारक की हत्या में आया था. उन्हें जेल भी जाना पड़ा था. इसके जवाब में साध्वी प्रज्ञा कहती हैं कि वह इस मामले में बरी हो चुकी हैं. 2007 में ही कोर्ट ने उन्हें छोड़ दिया था.

आपको बता दें कि दिग्विजय सिंह बहुत संभल कर बयान दे रहे हैं. इस बार उन्होंने एक बार भी वैसा बयान नहीं दिया है, जिससे पार्टी असहज हो जाए. उन पर हिंदू वोट के बिदकने का आरोप लगाया जाए.

ये जानना जरूरी है कि भोपाल संसदीय क्षेत्र में 19.5 लाख मतदाता हैं. इनमें 4.5 लाख पिछड़े समुदाय से आते हैं. दो लाख कायस्थ, सवा लाख क्षत्रिय, 3.5 लाख ब्राह्णण हैं. चार लाख मुस्लिम मतदाता भी हैं.

लिहाजा, ध्रुवीकरण ना हो, सिंह पूरी कोशिश कर रहे हैं, कि उन्हें बड़ी संख्या में हिंदू वोट मिले. भोपाल संसदीय क्षेत्र में विधानसभा की आठ सीटें हैं. हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में आठ में से पांच सीट भाजपा को, तीन कांग्रेस को मिली थी.

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कंप्यूटर बाबा के साथ दिग्विजय सिंह साधु संतों के बीच पहुंचे. उनके साथ पूजा की. इसके जरिए चुनावों में हिंदुओं को साधने की कोशिश करते दिखे. उनके खिलाफ भोपाल में साध्वी प्रज्ञा हैं. वोटों का ध्रुवीकरण ना हो, शायद यही सोचकर सिंह ने यह दांव चला है. 



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साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ अमृता संग दिग्विजय का 'हठयोग'



नई दिल्ली/भोपाल: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में चुनावी लड़ाई दिलचस्प होती जा रही है. साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ दिग्विजय सिंह मैदान में हैं. भाजपा दिग्विजय सिंह पर हिंदू आतंकवाद जैसे शब्द बार-बार उछालने का आरोपी मढ़ती रही है. संभवतः यही वजह है कि सिंह अब साधु-संतों की शरण में जा पहुंचे हैं. 

पूजा और हवन के नाम पर दिग्विजय सिंह ने भोपाल में कई सारे साधु-संतों को एकत्रित किया. पत्नी संग पूजा भी की. पूजा के दौरान कंप्यूटर बाबा मौजूद थे. कई अन्य साधु बाबा इस दौरान हठ योग करते दिखे. 

पूजास्थल पर एक बोर्ड भी लगा हुआ है. इस पर लिखा है- दिग्विजय सिंह की जीत के लिए हजारों संतों का हठयोग.

दरअसल, भोपाल सीट से पिछले 30 सालों से भाजपा का कब्जा रहा है. लिहाजा, इस बार कांग्रेस पार्टी पूरा जोर दे रही है. 

दिग्विजय सिंह बार-बार यह कह रहे हैं कि उन्होंने हिंदू आतंकवाद जैसे शब्द कभी नहीं कहे हैं. उन्हें बदनाम किया जा रहा है. वह भी हिंदू हैं. 

इसके ठीक उलट साध्वी प्रज्ञा उन्हें हिंदुओं को बदनाम करने वाला बता रहे हैं. उन्होंने कहा कि हिंदुओं को आतंकी ठहराने वाले को जनता कभी माफ नहीं करेगी.

दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि साध्वी का नाम आरएसए प्रचारक की हत्या में आया था. उन्हें जेल भी जाना पड़ा था. 

इसके जवाब में साध्वी प्रज्ञा कहती हैं कि वह इस मामले में बरी हो चुकी हैं. 2007 में ही कोर्ट ने उन्हें छोड़ दिया था. 

आपको बता दें कि दिग्विजय सिंह बहुत संभल कर बयान दे रहे हैं. इस बार उन्होंने एक बार भी वैसा बयान नहीं दिया है, जिससे पार्टी असहज हो जाए. उन पर हिंदू वोट के बिदकने का आरोप लगाया जाए.

ये जानना जरूरी है कि भोपाल संसदीय क्षेत्र में 19.5 लाख मतदाता हैं. इनमें 4.5 लाख पिछड़े समुदाय से आते हैं. दो लाख कायस्थ, सवा लाख क्षत्रिय, 3.5 लाख ब्राह्णण हैं. चार लाख मुस्लिम मतदाता भी हैं. 

लिहाजा, ध्रुवीकरण ना हो, सिंह पूरी कोशिश कर रहे हैं, कि उन्हें बड़ी संख्या में हिंदू वोट मिले. 

भोपाल संसदीय क्षेत्र में विधानसभा की आठ सीटें हैं. हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में आठ में से पांच सीट भाजपा को, तीन कांग्रेस को मिली थी. 

 


Conclusion:
Last Updated : May 7, 2019, 2:05 PM IST
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