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मध्य प्रदेश : शराबबंदी पर सरकार व भाजपा में सामने आया मतभेद - उमा भारती ने तो प्रदेश में शराबबंदी की पैरवी की

मध्य प्रदेश में जहरीली शराब से हुई मौतों के बाद शराबबंदी को लेकर शिवराज सरकार और भाजपा के बीच मतभेद सामने आने के बाद सियासत तेज हो गई है. मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने तो प्रदेश में शराबबंदी की पैरवी की है. वहीं, शिवराज सरकार ने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों से नई शराब दुकान खोले जाने को लेकर प्रस्ताव मांग लिया है.

शराबबंदी
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Published : Jan 22, 2021, 7:21 PM IST

भोपाल : मध्य प्रदेश में जहरीली शराब से हुई मौतों के बाद शराबबंदी को लेकर शिवराज सरकार और भाजपा के बीच मतभेद सामने आने के बाद सियासत तेज हो गई है. विपक्षी कांग्रेस ने भी हमला तेज कर दिया है. एक तरफ शिवराज सरकार जहां जहरीली शराब से हुई मौतों की जिम्मेदारी से बचने के लिए लिए शराब दुकानों की कमी को बड़ी वजह बता रही है. इसी के चलते सरकार ने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों से नई शराब दुकान खोले जाने को लेकर प्रस्ताव मांग लिया है.

जबकि मुख्यमंत्री पहले भी कई बार घोषणा कर चुके हैं कि प्रदेश में एक भी नई शराब दुकान नहीं खोली जाएंगी. दूसरी तरफ प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की राष्ट्रीय नेता उमा भारती मध्य प्रदेश में शराबबंदी की पैरवी कर रही हैं.

प्रदेश में केवल उज्जैन, रतलाम और मुरैना में सालभर में नकली व जहरीली शराब पीने से करीब 50 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. वहीं मुरैना में अब भी जहरीली शराब से हुई मौतों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है.

जिम्मेदारी से बचने एक-दूसरे को दोषी ठहरा रहे
मध्य प्रदेश में पिछले एक साल में जहरीली शराब से करीब 50 लोगों की मौत हो चुकी है. हाल ही में मुरैना में जहरीली शराब पीने से 25 लोग दम तोड़ चुके हैं और कई की हालत गंभीर है. इसको लेकर शिवराज सरकार के विभाग एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. जिम्मेदार अफसर भी इससे पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रहे हैं.

गृह व आबकारी विभाग में तनातनी
अवैध शराब और जहरीली शराब की बिक्री पर अंकुश लगाने की जिम्मेदारी गृह और आबकारी विभाग दोनों की होती है. लेकिन मुरैना में जहरीली शराब से हुई मौतों के बाद दोनों विभाग एक-दूसरे को सीधे तौर पर तो जिम्मेदार नहीं ठहरा रहे हैं. लेकिन बयानबाजी कर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं.

राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि प्रदेश में शराब दुकानों की संख्या कम होने से बड़े पैमाने पर जहरीली और नकली शराब माफिया सक्रिय हैं, इस वजह से मौतें हो रही हैं. गृह मंत्री शराब दुकान बढ़ाए जाने की पैरवी कर रहे हैं और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा शराब दुकानें बढ़ाए जाने के प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय न होने के बयान के बाद भी अपने बयान पर कायम हैं.

वहीं, आबकारी मंत्री जगदीश देवड़ा इस मामले में अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री द्वारा लिए जाने की बात कह रहे हैं.

आबकारी विभाग ने मांगे नई शराब दुकान के प्रस्ताव
आबकारी आयुक्त द्वारा सभी जिला कलेक्टरों से नई शराब दुकान खोले जाने संबंधी प्रस्ताव भेजने को कहा है. आबकारी आयुक्त ने कहा है कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 5000 से अधिक आबादी वाले विभिन्न ग्रामों में नवीन मदिरा दुकान खोलने का प्रस्ताव अनिवार्य रूप से प्रस्तुत किया जाए.

नियंत्रण की दृष्टि से दुकानें प्रस्तावित की जा सकती हैं. वहीं, नगरीय क्षेत्रों में भी राजस्व वृद्धि, अपराध नियंत्रण की दृष्टि से नवीन मदिरा दुकान हैं, प्रस्तावित की जाएं. वहीं, आबकारी आयुक्त ने लिखा है कि जिले की वर्तमान मदिरा दुकानों की संख्या में न्यूनतम 20% की वृद्धि को ध्यान में रखते हुए नवीन दुकानों के प्रस्ताव प्रेषित किए जाए.

पढ़ें- हाथरस मामला : उमा भारती बोलीं- पीड़ितों को मीडिया व अन्य लोगों से मिलने दे सरकार

'दीदी ने अपनी बात रखी, मैंने अपनी, अंतिम निर्णय सीएम लेंगे'
इस मामले में मध्य प्रदेश सरकार के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि दीदी (उमा भारती) का ट्वीट मैंने भी देखा है. भाजपा में प्रजातांत्रिक व्यवस्था है, अभिव्यक्ति की आजादी है. सभी को अपनी बात कहने का अधिकार है. वह हमारी राष्ट्रीय नेता हैं. संगठन और सरकार दोनों उनकी बात गंभीरता से लेंगे, ऐसी मेरी मान्यता है.

उन्होंने कहा, 'मैंने अपनी राय रखी, उन्होंने अपनी राय रखी. अब निर्णय मुख्यमंत्री को लेना है. फिलहाल अगले महीने से ठेके की नीलामी प्रक्रिया चलेगी.'

पर्दा डालने भ्रम फैला रही सरकार : कांग्रेस
मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि प्रदेश में जो नकली, अवैध और जहरीली शराब बनाने का गिरोह चल रहा है, उससे ही गरीबों की मौतें हुई हैं. उन पर पर्दा डालने के लिए सरकार इस तरह का भ्रम फैलाने की कोशिश कर रही है. इससे इनकी अंदरूनी राजनीति की उठापटक का वातावरण भी सामने आ रहा है. सबका ध्यान हटाने का काम सरकार कन्फ्यूजन फैला रही है.

भोपाल : मध्य प्रदेश में जहरीली शराब से हुई मौतों के बाद शराबबंदी को लेकर शिवराज सरकार और भाजपा के बीच मतभेद सामने आने के बाद सियासत तेज हो गई है. विपक्षी कांग्रेस ने भी हमला तेज कर दिया है. एक तरफ शिवराज सरकार जहां जहरीली शराब से हुई मौतों की जिम्मेदारी से बचने के लिए लिए शराब दुकानों की कमी को बड़ी वजह बता रही है. इसी के चलते सरकार ने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों से नई शराब दुकान खोले जाने को लेकर प्रस्ताव मांग लिया है.

जबकि मुख्यमंत्री पहले भी कई बार घोषणा कर चुके हैं कि प्रदेश में एक भी नई शराब दुकान नहीं खोली जाएंगी. दूसरी तरफ प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की राष्ट्रीय नेता उमा भारती मध्य प्रदेश में शराबबंदी की पैरवी कर रही हैं.

प्रदेश में केवल उज्जैन, रतलाम और मुरैना में सालभर में नकली व जहरीली शराब पीने से करीब 50 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. वहीं मुरैना में अब भी जहरीली शराब से हुई मौतों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है.

जिम्मेदारी से बचने एक-दूसरे को दोषी ठहरा रहे
मध्य प्रदेश में पिछले एक साल में जहरीली शराब से करीब 50 लोगों की मौत हो चुकी है. हाल ही में मुरैना में जहरीली शराब पीने से 25 लोग दम तोड़ चुके हैं और कई की हालत गंभीर है. इसको लेकर शिवराज सरकार के विभाग एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. जिम्मेदार अफसर भी इससे पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रहे हैं.

गृह व आबकारी विभाग में तनातनी
अवैध शराब और जहरीली शराब की बिक्री पर अंकुश लगाने की जिम्मेदारी गृह और आबकारी विभाग दोनों की होती है. लेकिन मुरैना में जहरीली शराब से हुई मौतों के बाद दोनों विभाग एक-दूसरे को सीधे तौर पर तो जिम्मेदार नहीं ठहरा रहे हैं. लेकिन बयानबाजी कर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं.

राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि प्रदेश में शराब दुकानों की संख्या कम होने से बड़े पैमाने पर जहरीली और नकली शराब माफिया सक्रिय हैं, इस वजह से मौतें हो रही हैं. गृह मंत्री शराब दुकान बढ़ाए जाने की पैरवी कर रहे हैं और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा शराब दुकानें बढ़ाए जाने के प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय न होने के बयान के बाद भी अपने बयान पर कायम हैं.

वहीं, आबकारी मंत्री जगदीश देवड़ा इस मामले में अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री द्वारा लिए जाने की बात कह रहे हैं.

आबकारी विभाग ने मांगे नई शराब दुकान के प्रस्ताव
आबकारी आयुक्त द्वारा सभी जिला कलेक्टरों से नई शराब दुकान खोले जाने संबंधी प्रस्ताव भेजने को कहा है. आबकारी आयुक्त ने कहा है कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 5000 से अधिक आबादी वाले विभिन्न ग्रामों में नवीन मदिरा दुकान खोलने का प्रस्ताव अनिवार्य रूप से प्रस्तुत किया जाए.

नियंत्रण की दृष्टि से दुकानें प्रस्तावित की जा सकती हैं. वहीं, नगरीय क्षेत्रों में भी राजस्व वृद्धि, अपराध नियंत्रण की दृष्टि से नवीन मदिरा दुकान हैं, प्रस्तावित की जाएं. वहीं, आबकारी आयुक्त ने लिखा है कि जिले की वर्तमान मदिरा दुकानों की संख्या में न्यूनतम 20% की वृद्धि को ध्यान में रखते हुए नवीन दुकानों के प्रस्ताव प्रेषित किए जाए.

पढ़ें- हाथरस मामला : उमा भारती बोलीं- पीड़ितों को मीडिया व अन्य लोगों से मिलने दे सरकार

'दीदी ने अपनी बात रखी, मैंने अपनी, अंतिम निर्णय सीएम लेंगे'
इस मामले में मध्य प्रदेश सरकार के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि दीदी (उमा भारती) का ट्वीट मैंने भी देखा है. भाजपा में प्रजातांत्रिक व्यवस्था है, अभिव्यक्ति की आजादी है. सभी को अपनी बात कहने का अधिकार है. वह हमारी राष्ट्रीय नेता हैं. संगठन और सरकार दोनों उनकी बात गंभीरता से लेंगे, ऐसी मेरी मान्यता है.

उन्होंने कहा, 'मैंने अपनी राय रखी, उन्होंने अपनी राय रखी. अब निर्णय मुख्यमंत्री को लेना है. फिलहाल अगले महीने से ठेके की नीलामी प्रक्रिया चलेगी.'

पर्दा डालने भ्रम फैला रही सरकार : कांग्रेस
मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि प्रदेश में जो नकली, अवैध और जहरीली शराब बनाने का गिरोह चल रहा है, उससे ही गरीबों की मौतें हुई हैं. उन पर पर्दा डालने के लिए सरकार इस तरह का भ्रम फैलाने की कोशिश कर रही है. इससे इनकी अंदरूनी राजनीति की उठापटक का वातावरण भी सामने आ रहा है. सबका ध्यान हटाने का काम सरकार कन्फ्यूजन फैला रही है.

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