ETV Bharat / bharat

जानें बैक्टीरियल और वायरल संक्रमण में क्या है अंतर

author img

By

Published : May 3, 2020, 6:31 PM IST

दुनियाभर में कोरोना महामारी फैली हुई है. यह प्रकार वायरस है. वायरस के अलावा बैक्टीरिया से भी संक्रमण फैलता है. बैक्टीरिया और वायरस में क्या अंतर होता है और यह किस तरह से फैलते हैं. इन्हें रोकने के लिए सबसे बेहतर उपाय क्या हैं? जानें विस्तार से...

डिजाइन तस्वीर
डिजाइन तस्वीर

हैदराबाद : दुनियाभर में इस समय कोरोना वायरस का संक्रमण फैला हुआ है. कोरोना एक प्रकार का एक वायरस है. क्या आप जानते हैं कि सभी संक्रमण वायरस के कारण ही नहीं फैलते हैं, बल्कि कुछ संक्रमण बैक्टीरिया के कारण भी फैलते हैं. आइए जानते हैं हैदराबाद के यशोदा अस्पताल के चिकित्सा सलाहकार डॉ एम वी राव से वायरस और बैक्टीरिया संक्रमण में क्या अंतर होता है.

डॉ एम वी राव ने बताया कि बैक्टीरिया स्वतंत्र जीव है, जबकि वायरस का जीवन मनुष्य, पेड़ और पशु की कोशिकाओं पर निर्भर रहता है. वायरस बैक्टीरिया की तुलना में बहुत छोटे होते हैं और यह परजीवीं होते हैं. यह तभी तब जीवित रह सकते हैं जबतक कि यह कोशिकाओं के संपर्क में रहते हैं.

बैक्टीरिया अच्छे और खराब दोनों हो सकते हैं और सभी बैक्टीरिया से संक्रमण नहीं होता है.

वायरस संक्रमण के प्रकार हैं-

  • कोविड-19 (कोरोना वायरस)
  • इन्फ्लूएंजा
  • एचआईवी
  • इबोला
  • सामान्य जुकाम
  • चिकेनपॉक्स
  • खसरा

सामान्य बैक्टीरिया संक्रमण के प्रकार हैं-

  • हैजा
  • क्षय रोग (टीवी)
  • निमोनिया
  • मूत्र मार्ग में संक्रमण (यूटीआई)
  • नेत्र संक्रमण
  • गले में खरास

वायरस या बैक्टीरिया के कारण अलग-अलग संक्रमण हो सकते हैं, लेकिन जिस तरह से वह फैलते हैं. वह लगभग समान है. डॉ राव के मुताबिक ज्यादातर सक्रमण इस तरह से होत है.

इस तरह से फैलता है संक्रमण

  • संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से.
  • रक्त और अन्य शरीरि पदार्थों के आदान-प्रदान से, विशेष तौर पर यौन संबंध बनाने के बाद.
  • खांसने या छींकने के कारण हवा में फैली पानी की सूक्ष्म बूंद से.
  • दूषित सतहों या वस्तुओं के संपर्क में आने बाद चेहरे, नाक और मुंह को छूने से.
  • मल-मूत्र के रास्ते से.

संक्रमण की जांच के लिए समान्य तौर पर उन्हीं लैबों में हो जाती है जहां पर रक्त, बलगम, मूत्र, मल आदि के नमूनों की जांच हो सकती है या नमूने एकत्रित किए जा सकते हैं. एक बार संक्रमण का निदान हो जाता है तो निम्न तरह के सवाल उठते हैं कि इसका इलाज कैसे किया जा सकता है?

डॉ राव ने कहा कि 'बैक्टिरियल संक्रमण का इलाज एंटीबायोटिक दवाओं के साथ किया जा सकता है, जबकि बिषाणु संक्रमण का इलाज एंटीवायरल दवाओं के साथ किया जा सकता है, लेकिन उनमें से ज्यादातर विशेष वायरस के लिए महत्वपूर्ण हैं. इसीलिए बड़ी संख्या में दवा और टीका को विकसित किया जा रहा है. टीका सक्रमण को रोकने के लिए सबसे ज्यादा प्रभावशाली है.'

विशेष : कोरोना वायरस महामारी और भारत के पड़ोसी देश...

डॉ राव ने बताया कि रोकथाम इलाज से ज्यादा अच्छा है. किसी भी संक्रमण से खुद को बचाने का सबसे अच्छा तरीका उचित व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखना और टीकाकरण कराना है.

उन्होंने बताया कि कि 'यदि आप किसी भी लक्षण का अनुभव करते हैं, तो संक्रमण के प्रसार को रोकने में मदद करने के लिए डॉक्टर से परामर्श लें और संक्रमित होने पर घर में रहें.

हैदराबाद : दुनियाभर में इस समय कोरोना वायरस का संक्रमण फैला हुआ है. कोरोना एक प्रकार का एक वायरस है. क्या आप जानते हैं कि सभी संक्रमण वायरस के कारण ही नहीं फैलते हैं, बल्कि कुछ संक्रमण बैक्टीरिया के कारण भी फैलते हैं. आइए जानते हैं हैदराबाद के यशोदा अस्पताल के चिकित्सा सलाहकार डॉ एम वी राव से वायरस और बैक्टीरिया संक्रमण में क्या अंतर होता है.

डॉ एम वी राव ने बताया कि बैक्टीरिया स्वतंत्र जीव है, जबकि वायरस का जीवन मनुष्य, पेड़ और पशु की कोशिकाओं पर निर्भर रहता है. वायरस बैक्टीरिया की तुलना में बहुत छोटे होते हैं और यह परजीवीं होते हैं. यह तभी तब जीवित रह सकते हैं जबतक कि यह कोशिकाओं के संपर्क में रहते हैं.

बैक्टीरिया अच्छे और खराब दोनों हो सकते हैं और सभी बैक्टीरिया से संक्रमण नहीं होता है.

वायरस संक्रमण के प्रकार हैं-

  • कोविड-19 (कोरोना वायरस)
  • इन्फ्लूएंजा
  • एचआईवी
  • इबोला
  • सामान्य जुकाम
  • चिकेनपॉक्स
  • खसरा

सामान्य बैक्टीरिया संक्रमण के प्रकार हैं-

  • हैजा
  • क्षय रोग (टीवी)
  • निमोनिया
  • मूत्र मार्ग में संक्रमण (यूटीआई)
  • नेत्र संक्रमण
  • गले में खरास

वायरस या बैक्टीरिया के कारण अलग-अलग संक्रमण हो सकते हैं, लेकिन जिस तरह से वह फैलते हैं. वह लगभग समान है. डॉ राव के मुताबिक ज्यादातर सक्रमण इस तरह से होत है.

इस तरह से फैलता है संक्रमण

  • संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से.
  • रक्त और अन्य शरीरि पदार्थों के आदान-प्रदान से, विशेष तौर पर यौन संबंध बनाने के बाद.
  • खांसने या छींकने के कारण हवा में फैली पानी की सूक्ष्म बूंद से.
  • दूषित सतहों या वस्तुओं के संपर्क में आने बाद चेहरे, नाक और मुंह को छूने से.
  • मल-मूत्र के रास्ते से.

संक्रमण की जांच के लिए समान्य तौर पर उन्हीं लैबों में हो जाती है जहां पर रक्त, बलगम, मूत्र, मल आदि के नमूनों की जांच हो सकती है या नमूने एकत्रित किए जा सकते हैं. एक बार संक्रमण का निदान हो जाता है तो निम्न तरह के सवाल उठते हैं कि इसका इलाज कैसे किया जा सकता है?

डॉ राव ने कहा कि 'बैक्टिरियल संक्रमण का इलाज एंटीबायोटिक दवाओं के साथ किया जा सकता है, जबकि बिषाणु संक्रमण का इलाज एंटीवायरल दवाओं के साथ किया जा सकता है, लेकिन उनमें से ज्यादातर विशेष वायरस के लिए महत्वपूर्ण हैं. इसीलिए बड़ी संख्या में दवा और टीका को विकसित किया जा रहा है. टीका सक्रमण को रोकने के लिए सबसे ज्यादा प्रभावशाली है.'

विशेष : कोरोना वायरस महामारी और भारत के पड़ोसी देश...

डॉ राव ने बताया कि रोकथाम इलाज से ज्यादा अच्छा है. किसी भी संक्रमण से खुद को बचाने का सबसे अच्छा तरीका उचित व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखना और टीकाकरण कराना है.

उन्होंने बताया कि कि 'यदि आप किसी भी लक्षण का अनुभव करते हैं, तो संक्रमण के प्रसार को रोकने में मदद करने के लिए डॉक्टर से परामर्श लें और संक्रमित होने पर घर में रहें.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.