ETV Bharat / bharat

विशेष : लॉकडाउन में डायबिटीज और ब्लड शुगर को नियंत्रण में रखना आवश्यक

मधुमेह वाले लोगों को कोविड-19 रोग हो जाता है, तो दूसरों की तुलना में उन्हें खतरा ज्यादा है क्योंकि मधुमेह वाले लोगों में कोरोना वायरस अधिक गंभीर लक्षण और जटिलताओं का कारण बन सकता है. यह उन दूसरे देशों में देखा गया है जहां महामारी पहले फैली थी. गंभीर जटिलताओं का खतरा मधुमेह वाले सभी लोगों में बहुत अधिक है और जोखिम उन लोगों में सबसे अधिक है, जिन्हें मधुमेह है और जिनकी आयु 60 वर्ष या उससे अधिक है.

diabetes-and-blood-sugar-under-control-during-lockdown
कोरोना वायरस
author img

By

Published : Apr 11, 2020, 4:17 PM IST

कोविड-19 देश में हममें से हर एक को प्रभावित करता है जिसमें लाखों लोग मधुमेह के शिकार हैं. भारत में मधुमेह से पीड़ित 7 करोड़ परिवार हैं. अगर एक परिवार में पांच लोग मान लें, तो इसका मतलब है कि प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से 35 करोड़ लोग मधुमेह से प्रभावित हैं. मधुमेह को प्रभावित करने वाले अन्य कारणों के अलावा, तनाव और चिंता मधुमेह से पीड़ित व्यक्तियों और उनके परिवारों के लोगों के लिए चिंता के विषय है.

कोरोना वायरस से संक्रमित होने का जोखिम डायबिटीज से पीड़ित लोगों को उतना ही है जितना कि किसी सामान्य लोगों को है. हालांकि, अगर मधुमेह वाले लोगों को कोविड-19 रोग हो जाता है, तो दूसरों की तुलना में उन्हें गंभीर खतरा ज्यादा है क्योंकि मधुमेह वाले लोगों में कोरोना वायरस अधिक गंभीर लक्षण और जटिलताओं का कारण बन सकता है. यह उन दूसरे देशों में देखा गया है जहां महामारी पहले फैली थी. गंभीर जटिलताओं का खतरा मधुमेह वाले सभी लोगों में बहुत अधिक है और जोखिम उन लोगों में सबसे अधिक है जिन्हें मधुमेह है और जिनकी आयु 60 वर्ष या उससे अधिक है.

जब मधुमेह वाला व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित हो जाता है, तो ब्लड शुगर नियंत्रण प्रभावित हो जाता है. व्यक्ति का शरीर वायरस के संक्रमण से लड़ने के लिए ओवरटाइम काम करेगा, जिसके परिणामस्वरूप ब्लड शुगर में अचानक बढाव और गिरावट आ सकती है. हम जानते हैं कि मधुमेह शरीर के सभी अंगों को प्रभावित करता है, और खराब नियंत्रण से आंखें, पैर, गुर्दे और शरीर के अन्य हिस्सों की समस्याएं बढ़ जाती है.

इसलिए, मधुमेह वाले लोग अधिक सावधान रहें और कोविड-19 की रोकथाम के लिए दी गई सलाह का पालन हर किसी की तुलना में अधिक सख्ती से करें.

लॉक डाउन के कारण, मधुमेह वाले लोग अपने दैनिक सैर और व्यायाम करने में असमर्थ होते हैं, जिसे वह सामान्य रूप से करते हैं. आहार पर नजर रखना और अधिक कठिन हो जाता है क्योंकि स्थानीय किराने की दुकानों में उनके लिए आवश्यक सामान उपलब्ध नहीं हो सकता है. मधुमेह के सभी लोग आवश्यक नियंत्रण क्रियाओं के आलावा अपनी रोज की दवाईयों पर निर्भर होते हैं. उन्हें इस बात की चिंता होती है कि कहीं उनकी दवाईयों का स्टॉक घट तो नहीं रहा या फिर उनके पास की दवाई की दुकान में वह जिस नाम की दवाई लेते हैं वह खत्म तो नहीं हो गई.

मधुमेह वाले लोगों को क्या करना चाहिए?

  • 'घर पर रहने की नीति' को सख्ती से लागू करें. 1-2 मीटर की भौतिक दूरी दिशानिर्देशों का पालन करें और देखें कि जो लोग आपसे मिलने आते हैं वह सुरक्षित दूरी को बनाए रखें. बेहतर हो यदि दवाओं या किराने का सामान खरीदने के लिए परिवार के किसी अन्य सदस्य या पड़ोसी या सुरक्षा गार्ड को भेजा जाए. मधुमेह वाले सदस्य के अलावा परिवार के अन्य सभी लोग हाइजीन प्रोटोकॉल का पालन करें और नियमित रूप से साबुन और पानी से हाथ धोएं.
  • सभी दवाएं जो पहले ली जा रही थीं, उन्हें जारी रखा जाना चाहिए. बदली हुई स्थिति के कारण अपने से खुराक को बंद या कम न करें. यदि आप कोई अन्य दवाई ले रहे हैं जैसे बीपी कम करने वाली दवाएं, एस्पिरिन आदि उन्हें पहले की ही खुराक पर लेना जारी रखें.
  • अपनी मधुमेह की दवाओं का 3-4 सप्ताह का स्टॉक रखें ताकि आप मधुमेह नियंत्रण के लिए आवश्यक दवाओं को लेना बंद न कर दें.
  • लॉक डाउन के दौरान इंसुलिन या मेटफॉर्मिन जैसी दवाओं के विशिष्ट ब्रांड उपलब्ध नहीं हो सकते हैं. अपने नियमित केमिस्ट से बात करें और उनसे पूछें कि क्या विकल्प उपलब्ध हैं. अपने चिकित्सक से पूछें कि आप किस विकल्प का उपयोग कर सकते हैं. याद रखें कि अपनी मधुमेह नियंत्रण दवाओं को नियमित रूप से लेना महत्वपूर्ण है, भले ही एक अलग ब्रांड खरीदना पड़े.
  • आपका आहार पहले जैसा होना चाहिए. लगातार अंतराल पर छोटी मात्रा में भोजन करना एक दिन में तीन बार भोजन लेने से बेहतर है. बदलते मौसम के साथ गर्म और सूखा होने पर आपको खूब पानी पीना चाहिए.
  • यदि आप नियमित रूप से घर पर अपने ब्लड शुगर की जांच करते हैं, तो ऐसा करना जारी रखें. आपको अधिक बार जांच करनी पड़ सकती है क्योंकि आप अपनी नियमित शारीरिक गतिविधि नहीं कर रहे हैं.
  • बढ़े हुए शुगर लेवल (हाइपरग्लाइसेमिया) के संकेतों से अवगत रहें जैसे जिसमें कि सामान्य से अधिक पेशाब (विशेष रूप से रात में) लगना, बहुत अधिक प्यास लगना, सिरदर्द, थकान और सुस्ती होना शामिल है.
  • आपको अपने नियमित मधुमेह जांच या किसी भी लंबित जांच के लिए अस्पताल या क्लिनिक नहीं जाना चाहिए. यह तब तक इंतजार कर सकता है जब तक आपको यह नहीं बताया जाता है कि आपके लिए बाहर जाना सुरक्षित है.
  • घर में होने का मतलब यह नहीं है कि आपको अपने दैनिक व्यायाम को रोकना चाहिए. आप शाम की सैर के लिए बाहर जाने में सक्षम नहीं हो सकते हैं लेकिन घर के अंदर चलने में कोई रोक नहीं है. दिन में 4 बार 400-500 कदम चलना 1.5-2.0 किलोमीटर के बराबर होगा. स्ट्रेचिंग और झुकने की एक्सरसाइज की जा सकती है. ज्यादा देर तक एक जगह पर न बैठें. उठने और बैठने के 45-60 मिनट बाद टहलें. यहां तक कि बैठे हुए भी जकडन को कम करने के लिए अपने पैरों और हाथों को घुमाएं.
  • बच्चों, नाती-पोतों या अपने स्वयं के साथियों के साथ घर पर सभी सामाजिक गतिविधियों में भाग लें. यह कार्ड गेम या बोर्ड गेम जैसे कैरम, लूडो, सांप - सीढ़ी आदि खेल हो सकता है. कुछ भी जो परिवार को किस्से कहानियों और पारिवारिक गपशप से जोड़े रखता है, मनोरंजक हो सकता है.
  • अगर घर के किसी व्यक्ति को कोविड-19 होने का संदेह है या साबित हो रहा है, तो देखें कि वह आपसे और घर के अन्य लोगों से अलग-थलग हैं.
  • याद रखें, मधुमेह से पीड़ित लोगों को संक्रमित होने का उतना ही जोखिम है जितना किसी सामान्य व्यक्ति को. लेकिन रोकथाम पर सभी सलाह का पालन करते हुए स्मार्ट होना आपको कोविद-मुक्त रखने के लिए महत्वपूर्ण है.

(डॉ जीवीएस मूर्ति, निदेशक, भारतीय जन स्वास्थ्य संस्थान, हैदराबाद)

कोविड-19 देश में हममें से हर एक को प्रभावित करता है जिसमें लाखों लोग मधुमेह के शिकार हैं. भारत में मधुमेह से पीड़ित 7 करोड़ परिवार हैं. अगर एक परिवार में पांच लोग मान लें, तो इसका मतलब है कि प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से 35 करोड़ लोग मधुमेह से प्रभावित हैं. मधुमेह को प्रभावित करने वाले अन्य कारणों के अलावा, तनाव और चिंता मधुमेह से पीड़ित व्यक्तियों और उनके परिवारों के लोगों के लिए चिंता के विषय है.

कोरोना वायरस से संक्रमित होने का जोखिम डायबिटीज से पीड़ित लोगों को उतना ही है जितना कि किसी सामान्य लोगों को है. हालांकि, अगर मधुमेह वाले लोगों को कोविड-19 रोग हो जाता है, तो दूसरों की तुलना में उन्हें गंभीर खतरा ज्यादा है क्योंकि मधुमेह वाले लोगों में कोरोना वायरस अधिक गंभीर लक्षण और जटिलताओं का कारण बन सकता है. यह उन दूसरे देशों में देखा गया है जहां महामारी पहले फैली थी. गंभीर जटिलताओं का खतरा मधुमेह वाले सभी लोगों में बहुत अधिक है और जोखिम उन लोगों में सबसे अधिक है जिन्हें मधुमेह है और जिनकी आयु 60 वर्ष या उससे अधिक है.

जब मधुमेह वाला व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित हो जाता है, तो ब्लड शुगर नियंत्रण प्रभावित हो जाता है. व्यक्ति का शरीर वायरस के संक्रमण से लड़ने के लिए ओवरटाइम काम करेगा, जिसके परिणामस्वरूप ब्लड शुगर में अचानक बढाव और गिरावट आ सकती है. हम जानते हैं कि मधुमेह शरीर के सभी अंगों को प्रभावित करता है, और खराब नियंत्रण से आंखें, पैर, गुर्दे और शरीर के अन्य हिस्सों की समस्याएं बढ़ जाती है.

इसलिए, मधुमेह वाले लोग अधिक सावधान रहें और कोविड-19 की रोकथाम के लिए दी गई सलाह का पालन हर किसी की तुलना में अधिक सख्ती से करें.

लॉक डाउन के कारण, मधुमेह वाले लोग अपने दैनिक सैर और व्यायाम करने में असमर्थ होते हैं, जिसे वह सामान्य रूप से करते हैं. आहार पर नजर रखना और अधिक कठिन हो जाता है क्योंकि स्थानीय किराने की दुकानों में उनके लिए आवश्यक सामान उपलब्ध नहीं हो सकता है. मधुमेह के सभी लोग आवश्यक नियंत्रण क्रियाओं के आलावा अपनी रोज की दवाईयों पर निर्भर होते हैं. उन्हें इस बात की चिंता होती है कि कहीं उनकी दवाईयों का स्टॉक घट तो नहीं रहा या फिर उनके पास की दवाई की दुकान में वह जिस नाम की दवाई लेते हैं वह खत्म तो नहीं हो गई.

मधुमेह वाले लोगों को क्या करना चाहिए?

  • 'घर पर रहने की नीति' को सख्ती से लागू करें. 1-2 मीटर की भौतिक दूरी दिशानिर्देशों का पालन करें और देखें कि जो लोग आपसे मिलने आते हैं वह सुरक्षित दूरी को बनाए रखें. बेहतर हो यदि दवाओं या किराने का सामान खरीदने के लिए परिवार के किसी अन्य सदस्य या पड़ोसी या सुरक्षा गार्ड को भेजा जाए. मधुमेह वाले सदस्य के अलावा परिवार के अन्य सभी लोग हाइजीन प्रोटोकॉल का पालन करें और नियमित रूप से साबुन और पानी से हाथ धोएं.
  • सभी दवाएं जो पहले ली जा रही थीं, उन्हें जारी रखा जाना चाहिए. बदली हुई स्थिति के कारण अपने से खुराक को बंद या कम न करें. यदि आप कोई अन्य दवाई ले रहे हैं जैसे बीपी कम करने वाली दवाएं, एस्पिरिन आदि उन्हें पहले की ही खुराक पर लेना जारी रखें.
  • अपनी मधुमेह की दवाओं का 3-4 सप्ताह का स्टॉक रखें ताकि आप मधुमेह नियंत्रण के लिए आवश्यक दवाओं को लेना बंद न कर दें.
  • लॉक डाउन के दौरान इंसुलिन या मेटफॉर्मिन जैसी दवाओं के विशिष्ट ब्रांड उपलब्ध नहीं हो सकते हैं. अपने नियमित केमिस्ट से बात करें और उनसे पूछें कि क्या विकल्प उपलब्ध हैं. अपने चिकित्सक से पूछें कि आप किस विकल्प का उपयोग कर सकते हैं. याद रखें कि अपनी मधुमेह नियंत्रण दवाओं को नियमित रूप से लेना महत्वपूर्ण है, भले ही एक अलग ब्रांड खरीदना पड़े.
  • आपका आहार पहले जैसा होना चाहिए. लगातार अंतराल पर छोटी मात्रा में भोजन करना एक दिन में तीन बार भोजन लेने से बेहतर है. बदलते मौसम के साथ गर्म और सूखा होने पर आपको खूब पानी पीना चाहिए.
  • यदि आप नियमित रूप से घर पर अपने ब्लड शुगर की जांच करते हैं, तो ऐसा करना जारी रखें. आपको अधिक बार जांच करनी पड़ सकती है क्योंकि आप अपनी नियमित शारीरिक गतिविधि नहीं कर रहे हैं.
  • बढ़े हुए शुगर लेवल (हाइपरग्लाइसेमिया) के संकेतों से अवगत रहें जैसे जिसमें कि सामान्य से अधिक पेशाब (विशेष रूप से रात में) लगना, बहुत अधिक प्यास लगना, सिरदर्द, थकान और सुस्ती होना शामिल है.
  • आपको अपने नियमित मधुमेह जांच या किसी भी लंबित जांच के लिए अस्पताल या क्लिनिक नहीं जाना चाहिए. यह तब तक इंतजार कर सकता है जब तक आपको यह नहीं बताया जाता है कि आपके लिए बाहर जाना सुरक्षित है.
  • घर में होने का मतलब यह नहीं है कि आपको अपने दैनिक व्यायाम को रोकना चाहिए. आप शाम की सैर के लिए बाहर जाने में सक्षम नहीं हो सकते हैं लेकिन घर के अंदर चलने में कोई रोक नहीं है. दिन में 4 बार 400-500 कदम चलना 1.5-2.0 किलोमीटर के बराबर होगा. स्ट्रेचिंग और झुकने की एक्सरसाइज की जा सकती है. ज्यादा देर तक एक जगह पर न बैठें. उठने और बैठने के 45-60 मिनट बाद टहलें. यहां तक कि बैठे हुए भी जकडन को कम करने के लिए अपने पैरों और हाथों को घुमाएं.
  • बच्चों, नाती-पोतों या अपने स्वयं के साथियों के साथ घर पर सभी सामाजिक गतिविधियों में भाग लें. यह कार्ड गेम या बोर्ड गेम जैसे कैरम, लूडो, सांप - सीढ़ी आदि खेल हो सकता है. कुछ भी जो परिवार को किस्से कहानियों और पारिवारिक गपशप से जोड़े रखता है, मनोरंजक हो सकता है.
  • अगर घर के किसी व्यक्ति को कोविड-19 होने का संदेह है या साबित हो रहा है, तो देखें कि वह आपसे और घर के अन्य लोगों से अलग-थलग हैं.
  • याद रखें, मधुमेह से पीड़ित लोगों को संक्रमित होने का उतना ही जोखिम है जितना किसी सामान्य व्यक्ति को. लेकिन रोकथाम पर सभी सलाह का पालन करते हुए स्मार्ट होना आपको कोविद-मुक्त रखने के लिए महत्वपूर्ण है.

(डॉ जीवीएस मूर्ति, निदेशक, भारतीय जन स्वास्थ्य संस्थान, हैदराबाद)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.