श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने तीन राजनेताओं के खिलाफ जन सुरक्षा कानून (पीएसए) हटा लिया है, जिन्हें पिछले साल अगस्त में अनुच्छेद 370 का उल्लंघन करने पर हिरासत में लिया गया था. अधिकारियों ने कहा है कि शाह फैसल, सरताज मदनी और पीर मंसूर के पीएसए नजरबंदी आदेश को निरस्त कर दिया गया है.
बात दें, आईएएस से राजनेता बने शाह फैसल ने जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट का गठन किया था. सरताज मदनी और पीर मंसूर महबूबा मुफ्ती की अगुआई वाले पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के दो वरिष्ठ नेता हैं.
पढ़ें- जम्मू-कश्मीर : सुरक्षा बलों ने किया आतंकवादी ठिकाने का भंडाफोड़
वहीं महबूबा मुफ्ती और पूर्व मंत्री नईम अख्तर हिरासत में बने रहेंगे. इसके साथ ही नेशनल कांफ्रेंस के वरिष्ठ नेता अली मोहम्मद सागर और नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) नेता और लोकसभा सदस्य मोहम्मद अकबर लोन के बेटे हिलाल अहमद लोन भी नजरबंद रहते हैं.
क्या है पीएसए
जन सुरक्षा कानून यानी पीएसए में 'लोक व्यवस्था' और 'राज्य की सुरक्षा को खतरा' दो प्रावधान हैं.
पहले प्रावधान के तहत किसी व्यक्ति को बिना मुकदमे के छह महीने तक और दूसरे प्रावधान के तहत किसी व्यक्ति को बिना मुकदमे के दो साल तक हिरासत में रखा जा सकता. यह कानून मंडलीय कमिश्नर या डीएम के आदेश पर ही लागू किया जाता है.