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कोरोना मरीजों के घर के बाहर न लगाए जाएं पोस्टर : दिल्ली हाईकोर्ट - रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन

दिल्ली हाईकोर्ट ने कोरोना संक्रमित मरीजों के घरों के बाहर पोस्टर लगाने से रोकने की मांग पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है. जिसमें कहा गया है कि ऐसे लोगों के घर के बाहर पोस्टर न लगाएं और जिन के घरों के बाहर पोस्रट लगे हुए हैं, उन्हें तत्काल हटाया जाए.

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Published : Nov 4, 2020, 7:04 AM IST

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को होम आइसोलेशन में रहने वाले कोरोना के मरीजों के घर के बाहर पोस्टर नहीं लगाने का निर्देश जारी किया है. जिन मरीजों के घरों के बाहर ऐसे पोस्टर लगाए गए हैं, उन्हें तत्काल हटाया जाएगा. दिल्ली सरकार की इस दलील के बाद जस्टिस हीमा कोहली की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिका का निस्तारण कर दिया.

घर के बाहर पोस्टर लगाने से रोकने की मांग

पिछले 30 सितंबर को हाईकोर्ट ने कोरोना संक्रमित मरीजों के घरों के बाहर पोस्टर लगाने से रोकने की मांग पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया था. याचिका कुश कालरा ने दायर की थी. याचिकाकर्ता की ओर से वकील कुश शर्मा ने दिल्ली सरकार को अपने अधिकारियों को ऐसे लोगों के घरों के बाहर पोस्टर लगाने से रोके जाने की मांग की थी, जो कोरोना पॉजिटिव हैं या होम आइसोलेशन में हैं. याचिका में मांग की गई थी कि ऐसे लोगों के घर के बाहर लगे नोटिसों को रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के व्हाट्सएप ग्रुप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर करने से सरकारी अधिकारियों को रोका जाना चाहिए.

पढ़ें :- छोटे शहरों में कोविड 19 के इलाज को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिया सुझाव

मरीज की निजता के अधिकार का हनन

याचिका में कहा गया था कि होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों के घर के बाहर पोस्टर लगाना मरीज की निजता के अधिकार का हनन है. कोरोना संक्रमित मरीजों को इतनी निजता देनी चाहिए कि वो इस बीमारी से शांतिपूर्वक उबर सकें और लोगों की चर्चा का केंद्र बनने से बच सकें.

इसके अलावा लोग खुलेआम अपना टेस्ट कराने से बच रहे हैं, क्योंकि उन्हें भी अपने सामाजिक बहिष्कार का डर सताता है.

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को होम आइसोलेशन में रहने वाले कोरोना के मरीजों के घर के बाहर पोस्टर नहीं लगाने का निर्देश जारी किया है. जिन मरीजों के घरों के बाहर ऐसे पोस्टर लगाए गए हैं, उन्हें तत्काल हटाया जाएगा. दिल्ली सरकार की इस दलील के बाद जस्टिस हीमा कोहली की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिका का निस्तारण कर दिया.

घर के बाहर पोस्टर लगाने से रोकने की मांग

पिछले 30 सितंबर को हाईकोर्ट ने कोरोना संक्रमित मरीजों के घरों के बाहर पोस्टर लगाने से रोकने की मांग पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया था. याचिका कुश कालरा ने दायर की थी. याचिकाकर्ता की ओर से वकील कुश शर्मा ने दिल्ली सरकार को अपने अधिकारियों को ऐसे लोगों के घरों के बाहर पोस्टर लगाने से रोके जाने की मांग की थी, जो कोरोना पॉजिटिव हैं या होम आइसोलेशन में हैं. याचिका में मांग की गई थी कि ऐसे लोगों के घर के बाहर लगे नोटिसों को रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के व्हाट्सएप ग्रुप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर करने से सरकारी अधिकारियों को रोका जाना चाहिए.

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मरीज की निजता के अधिकार का हनन

याचिका में कहा गया था कि होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों के घर के बाहर पोस्टर लगाना मरीज की निजता के अधिकार का हनन है. कोरोना संक्रमित मरीजों को इतनी निजता देनी चाहिए कि वो इस बीमारी से शांतिपूर्वक उबर सकें और लोगों की चर्चा का केंद्र बनने से बच सकें.

इसके अलावा लोग खुलेआम अपना टेस्ट कराने से बच रहे हैं, क्योंकि उन्हें भी अपने सामाजिक बहिष्कार का डर सताता है.

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