नई दिल्ली : लाल किला हिंसा के मामले में फरार चल रहे आरोपी दीप सिद्धू को तीस हजारी कोर्ट ने सात दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था. पुलिस ने दीप सिद्धू की दस दिन की हिरासत की मांग की थी. मामले के सह-आरोपी सुखदेव सिंह को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.
तीस हजारी कोर्ट में मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट प्रज्ञा गुप्ता के समक्ष सुनवाई के दौरान पुलिस ने आरोपी दीप सिद्धू की 10 दिन की रिमांड मांगी. पुलिस ने कहा कि पुलिस ने कहा कि उससे पूछताछ करनी है. उसके खिलाफ वीडियोग्राफी सबूत है कि उसने लोगों को भड़काया जिसके चलते लोगों ने सार्वजनिक सम्पति को नुकसान पहुंचाया. लोगों को भड़काने वालो में सिद्धू सबसे आगे था.
पुलिस ने कहा कि वीडियो में साफ दिख रहा कि वह झंडे और लाठी के साथ लाल किले में एंट्री कर रहा था. वह जुगराज सिंह के साथ था. उसके सोशल मीडिया की भी पड़ताल करनी है. उसको पंजाब हरियाणा लेकर जाना है. दीप सिद्धू के वकील ने पुलिस की रिमांड की मांग का विरोध किया. कहा-रिमांड की ज़रूरत ही नहीं पुलिस के पास पहले से सब कुछ है. सीसीटीवी फुटेज पहले से हैं कुछ और बरामद नहीं करना है. कोर्ट ने आरोपी दीप सिद्धू को 10 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजने का आदेश दिया.
पढ़ें - लाल किला हिंसा: एक आरोपी चंडीगढ़ से गिरफ्तार, मामले की छानबीन जारी
बिहार के पूर्णिया भागने की फिराक में था आरोपी
आरोपी दीप सिद्धू की गिरफ्तारी पर 100000 रुपये का इनाम दिल्ली पुलिस की तरफ से घोषित किया गया था. उसे दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया. स्पेशल सेल के डीसीपी संजीव यादव के अनुसार, दीप सिद्धू का सोशल मीडिया अकाउंट जो पोस्ट डाली गई थी, वह भी यूएस से ही अपलोड हुई थी. पुलिस का कहना है कि दीप सिंह सिद्धू करनाल से फरार होकर बिहार के पूर्णिया जाना चाहता था, ताकि पुलिस से बचा रहे और मौका मिलते ही देश से बाहर जा सके.
इससे पहले लाल किले पर उपद्रव करने के आरोप में दिल्ली क्राइम ब्रांच ने रविवार को औद्योगिक क्षेत्र के मंडेला लाइट प्वाइंट के पास से एक आरोपी सुखदेव को गिरफ्तार किया था.
बता दें कि केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की किसान संगठनों की मांग के समर्थन में 26 जनवरी को किसानों ने ट्रैक्टर परेड निकाली थी और किसानों और पुलिस के बीच झड़पें हुई थीं. इस दौरान बहुत से प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर चलाते हुए लाल किले तक पहुंच गए थे और उन्होंने वहां प्राचीर पर एक धार्मिक झंडा लगा दिया था.