नई दिल्ली : माकपा पोलित ब्यूरो की सदस्य एवं पूर्व राज्यसभा सांसद वृंदा करात ने भाजपा पर हमला पर बोला है. पूर्व सांसद ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि डीडीसी चुनाव में जम्मू-कश्मीर की जनता ने भारतीय जनता पार्टी की नीतियों को नकार दिया है.
जम्मू-कश्मीर में होने वाले चुनाव के नतीजों को जिक्र करते हुए वृंदा करात ने कहा कि डीडीसी के चुनावी नतीजों से पता चलता है कि लोगों ने जम्मू-कश्मीर के विभाजन को स्वीकार नहीं किया है.
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर की जनता ने अनुच्छेद 370 के हनन के खिलाफ बड़ा विरोध दर्ज कराया है.
करात ने दावा किया कि केंद्र सरकार की भाजपा सरकार ने डीडीसी चुनाव में विकल्पों और संसाधनों का उपयोग किया. इसके बावजूद, भाजपा को डीडीसी चुनाव में कड़ी हार का सामना करना पड़ा है.
करात ने कहा कि चुनाव के दौरान पार्टी के कई अन्य नेताओं को जेल में डाल दिया गया था. नेताओं को फ्री कैंपेन करने की अनुमति नहीं मिली थी, इसके बावजूद जम्मू-कश्मीर के लोगों ने बाहर आकर भाजपा को करारा जवाब दिया है.
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डीडीसी चुनाव में भाजपा को सबसे बड़ी पार्टी के रूप में चुने जाने के सवाल पर करात ने दावा किया कि यह वास्तविकता को विकृत करने की कोशिश कर रहा है.
यहां यह उल्लेख किया जा सकता है कि जम्मू-कश्मीर राज्य की स्थिति को बहाल करने के उद्देश्य से डीडीसी चुनाव से पहले छह राजनीतिक दलों ने एक साथ आकर पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन (पीएजीडी) का गठन किया.
डीडीसी चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को सबसे अधिक 75 सीटें मिलीं थी. वहीं गुपकार गठबंधन को 110 सीटों पर जीत दर्ज की.
केन्द्र शासित प्रदेश में डीडीसी का चुनाव 28 नवंबर से शुरू होकर आठ चरणों में पूरा हुआ. अगस्त, 2019 में संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त कर जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म किए जाने के बाद प्रदेश में यह पहला चुनाव है.
चुनाव में कुल 280 सीटें (जम्मू की 140 और कश्मीर की 140) पर मतदान हुआ है.