धर्मशाला (हिमाचल प्रदेश) : तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किए जाने पर शनिवार को बधाई देते हुए कहा कि भूख और गरीबी केवल अंतरराष्ट्रीय सहयोग के आधार पर समाप्त की जा सकती है.
डब्ल्यूएफपी के कार्यकारी निदेशक डेविड बेस्ले को लिखे पत्र में 1989 में नोबेल शांति पुरस्कार पाने वाले दलाई लामा ने कहा कि यह पुरस्कार दुनिया से भूखमरी को कम करने में संगठन की महत्वपूर्ण भूमिका की एक मान्यता है.
दलाई लामा ने कहा कि गरीबी, भूख और कुपोषण जैसी समस्याओं के निदान के लिए डब्ल्यूएफपी ने जरूरतमंद लोगों तक सहायता पहुंचाई है. भले ही यह समस्याएं युद्ध के हालात से उत्पन्न हुई हों या प्राकृतिक कारणों से. जहां निराशा के सिवा कुछ नहीं होता, वहां भी इसने शांति और सुविधाएं पहुंचाने का काम किया है.
उन्होंने कहा कि नोबेल समिति द्वारा डब्ल्यूएफपी को सम्मानित करने से हमें अमीर और गरीब के बीच के फासले को कम करने के अपने दायित्व का भी बोध हुआ है. वर्तमान वैश्विक स्वास्थ्य संकट (कोरोना महामारी) हमें याद दिलाता है कि पूरे मानव परिवार के सामने आने वाले खतरों से हम सभी को निपटना होगा.
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उन्होंने कहा कि यह मेरी प्रबल आशा है कि विश्व खाद्य कार्यक्रम को इस वर्ष के शांति के नोबेल पुरस्कार के प्रयासों के लिए प्रेरणा मिलेगी. दलाई लामा ने यह सुनिश्चित करने के लिए भी जोर दिया कि कहीं भी किसी को भी भूख से मरने के लिए नहीं छोड़ा जाना चाहिए.