नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की एक अदालत ने फरवरी में उत्तरी-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के सिलसिले में गिरफ्तार आप के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन की एक अर्जी सोमवार को खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने पुलिस पर अपने अधिकारों का गलत प्रयोग करने और उनके खिलाफ झूठे और फर्जी लंबित मामले दिखाने का आरोप लगाया था.
मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पुरुषोत्तम पाठक ने जांच अधिकारी, थाना प्रभारी, उत्तरी-पूर्वी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त और दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के उपायुक्त के खिलाफ जरुरी कानून कार्रवाई करने का अनुरोध करने वाली अर्जी खारिज कर दी.
हुसैन ने आरोप लगाते हुए यह कहा है कि पुलिस ने उनके खिलाफ दर्ज छठी प्राथमिकी के संबंध में अदालत को सूचना नहीं दी है,
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित सुनवाई के दौरान, हुसैन की ओर से पेश हुए वकील जावेद अली ने अदालत को बताया कि शुरू में हुसैन ने मार्च में एक आवेदन दायर किया था, जिसमें पुलिस को एफआईआर की प्रतियां प्रदान करने के लिए आवश्यक निर्देश देने की मांग की गई थी.
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अली ने कहा कि पुलिस ने 19 मार्च को हुसैन के खिलाफ पांच मामलों में मामला दर्ज किया था. इसके बाद उन्हें एक और एफआईआर में गिरफ्तार किया गया था जो फरवरी में दर्ज किया गई थी, लेकिन उनकी 19 मार्च की रिपोर्ट में यह जानकारी नहीं दी गई थी.