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बेंगलुरु : कोविड-19 मरीज के आंसू में पाया गया कोरोना वायरस

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Published : Jun 14, 2020, 4:08 PM IST

बेंगलुरु स्थित मिंटो आई हॉस्पिटल (Minto Eye Hospital) के शोधकर्ताओं ने कोविड-19 मरीज के आंसू में कोरोना वायरस पाए जाने का दावा किया है. भारत में मरीज के आंसू में कोरोना वायरस की पहचान करने का यह पहला अध्ययन है. यह नेत्र चिकित्सकों के लिए भी एक चेतावनी हो सकती है.

corona virus found in tears
आंसू में पाया गया कोरोना वायरस

बेंगलुरु : कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु स्थित मिंटो आई हॉस्पिटल (Minto Eye Hospital) के शोधकर्ताओं ने एक रिपोर्ट में दावा किया है कि कोविड-19 मरीज के आंसू में कोरोना वायरस पाया गया है. भारत में मरीज के आंसू में कोरोना वायरस की पहचान करने का यह पहला अध्ययन है. अब तक चिकित्सा विशेषज्ञों के पास कोविड-19 मरीज के आंसू में कोरोना वायरस की मौजूदगी का कोई ठोस सबूत नहीं था.

बेंगलुरु के विक्टोरिया हॉस्पिटल में 45 कोरोना पॉजिटिव मरीजों के आंखों के तरल पदार्थ की जांच की गई थी. जांच में एक मरीज के आंसू में वायरस पाया गया, जिसकी आंख स्पर्शोन्मुख थी. शोधकर्ताओं का कहना है कि जिस व्यक्ति के आंसू में कोरोना वायरस पाया गया है, उसमें कोरोना का कोई लक्षण नहीं था. सभी को बहुत सावधान रहने की जरूरत है. यह नेत्र चिकित्सकों के लिए भी एक चेतावनी हो सकती है.

इंसानों में कोरोना वायरस विभिन्न माध्यमों से फैल रहा है. बड़ी चुनौती ये है कि कोरोना वायरस लगातार अपनी विशेषता बदल रहा है, जिसके कारण शोधकर्ता इसकी सटीक संरचना का पता नहीं लगा पा रहे हैं.

बेंगलुरु : कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु स्थित मिंटो आई हॉस्पिटल (Minto Eye Hospital) के शोधकर्ताओं ने एक रिपोर्ट में दावा किया है कि कोविड-19 मरीज के आंसू में कोरोना वायरस पाया गया है. भारत में मरीज के आंसू में कोरोना वायरस की पहचान करने का यह पहला अध्ययन है. अब तक चिकित्सा विशेषज्ञों के पास कोविड-19 मरीज के आंसू में कोरोना वायरस की मौजूदगी का कोई ठोस सबूत नहीं था.

बेंगलुरु के विक्टोरिया हॉस्पिटल में 45 कोरोना पॉजिटिव मरीजों के आंखों के तरल पदार्थ की जांच की गई थी. जांच में एक मरीज के आंसू में वायरस पाया गया, जिसकी आंख स्पर्शोन्मुख थी. शोधकर्ताओं का कहना है कि जिस व्यक्ति के आंसू में कोरोना वायरस पाया गया है, उसमें कोरोना का कोई लक्षण नहीं था. सभी को बहुत सावधान रहने की जरूरत है. यह नेत्र चिकित्सकों के लिए भी एक चेतावनी हो सकती है.

इंसानों में कोरोना वायरस विभिन्न माध्यमों से फैल रहा है. बड़ी चुनौती ये है कि कोरोना वायरस लगातार अपनी विशेषता बदल रहा है, जिसके कारण शोधकर्ता इसकी सटीक संरचना का पता नहीं लगा पा रहे हैं.

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